लाडली बहना- फोन आये तो ओटीपी मत देना ...!  

सावधान ...मामा की लाडली बहनों पर लगी साइबर जालसाजो की नज़र..

लाडली बहना- फोन आये तो ओटीपी मत देना ...!  

उज्जैन।  लाडली बहना योजना का लाभ उठाने वाली बहनाओं। सावधान और होशियार रहे। मोबाइल पर आने वाला ओटीपी नम्बर, किसी का भी फोन आये। उसे नहीं बताये। एक गिरोह सक्रिय है। जो कि ओटीपी नम्बर मांगकर बैंक का खाता साफ कर रहा है। तराना की 3 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इसकी शिकार हो गई है। उन्होंने ओटीपी नम्बर दे दिया और खाते से राशि निकल गई।

जिले में इन दिनों लाडली बहना योजना का काम जोर-शोर से चल रहा है। हर तहसील में जगह-जगह कैम्प लग रहे है। जिले में कुल इस योजना के तहत 6 लाख 33 हजार बहनाओं का पंजीयन होना है। EKYC के माध्यम से। अभी तक लगभग पौने 3 लाख पंजीयन इस योजना में हो चुके है। जिसका मतलब 43 प्रतिशत काम हुआ है। नियम यह है कि ... EKYC की पात्र बहनाओं को ही इस योजना का लाभ मिलेगा। जिसके लिए समग्र- पोर्टल पर पंजीयन कराना जरूरी है। EKYC पंजीयन नहीं है तो लाभ नहीं मिलेगा। बस ... इसी समग्र पोर्टल के कारण लाडली बहनाएं ठगी का शिकार हो सकती है। ऐसी चर्चा इस काम में लगे कर्मचारियों के बीच दबी जुबान से सुनाई दे रही है।

घंटो बाद ओटीपी ...

भरोसेमंद सूत्रों का कहना है। समग्र पोर्टल इस योजना के लिए बेकार साबित हो रहा है। बार-बार फेल हो जाता है। घंटो तक ओटीपी नहीं आता है। जिसके चलते पंजीयन कराने आई बहनाएं अपने-अपने घर चली जाती है। सीधी और साफ भाषा में लिखा जाये। तो इतने बड़े स्तर पर पोर्टल काम ही नहीं कर पा रहा है। भोपाल से हर बार ठीक किया जाता है। लेकिन ... फिर थोड़ी देर बाद पोर्टल खराब हो जाता है। इसी वजह से घंटो इंतजार के बाद ओटीपी मिल रहा है। नतीजा ... यह चर्चा आम है कि ... इसका फायदा साइबर क्राइम करने वाली कोई भी गैंग उठा सकती है।  तराना का उदाहरण भी दिया जा रहा है। हालांकि तराना में हुई ओटीपी वाली घटना का, फिलहाल लाडली बहना योजना से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन शासकीय कर्मचारी चिंता कर रहे है। जिस तरीके से तराना की 3 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को डरा-धमकाकर ओटीपी लिया गया। ऐसी ही घटना इस गैंग द्वारा लाडली बहनाओं के साथ भी की जा सकती है। इसकी एकमात्र वजह केवल यह है कि ... ओटीपी घंटो बाद मिल रहा है।

70038-17718 ...

ऊपर लिखे इस नम्बर को सभी लाडली बहनाएं अपने दिमाग में नोट कर ले। अगर इस नम्बर से फोन आये। तो भूलकर भी ओटीपी नहीं बताये। कोई अजय शर्मा है। जो इस नम्बर से फोन करते है। खुद को अधिकारी बताते है। तराना में इसी नम्बर की शिकार 3 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हुई है। हालांकिन यह तीनों लाडली बहना नहीं थी। मगर इन तीनों महिलाओं को, महिला बाल विकास विभाग का अधिकारी बताकर, डराया-धमकाया गया। इसी अजय शर्मा ने। जिसके बाद इनसे ओटीपी नम्बर ले लिया। नतीजा ... 19-8- और 2 हजार की चपत इन तीनों महिलाओं को लग गई। तीनों के बैंक खाते से राशि निकल गई। इस घटना के बाद थाना तराना में ठगी की शिकार महिलाओं ने आवेदन भी दिया है।

चिंता ...   

तराना में हुई घटना की खबर, कैम्प लगाकर काम कर रहे कर्मचारियों के बीच तेजी से फैल गई है। इसीलिए इन लोगों को चिंता है। कहीं- कोई गैंग ... लाडली बहना के ओटीपी लेकर, बहना को ठगी का शिकार ना बना दे। कारण ... समग्र पोर्टल लाचार साबित हो रहा है। घंटो बाद बहनाओं को ओटीपी मिल रहे है। जिसका फायदा कोई सायबर गैंग उठा सकती है। इसीलिए तो कर्मचारी दबी जुबान में ... समग्र पोर्टल को कोस रहे है। हालात इतने खराब है कि ... ओटीपी के बाद भी पोर्टल पर जानकारी अपलोड अगर की जाये, तो कई दफा पोर्टल इसे रिजेक्ट कर देता है।

OTP के इंतजार में बैठी लाडली बहनाए