पढ़े .. लिखे..डिग्री वालो के बीच मनाया साक्षरता दिवस...शाबास..!

पढ़े .. लिखे..डिग्री वालो के बीच मनाया साक्षरता दिवस...शाबास..!

उज्जैन।जरा कल्पना कीजिए..! शिक्षक दिवस...बगैर शिक्षको के मनाया जाए..?महिला दिवस केवल पुरुषो के बीच मनाया जाए..?गरीब दिवस,पांच सितारा होटल में शेम्पियन के साथ मनाया जाए..? तो कैसा महसूस होगा..!गुरुवार को विश्व साक्षरता दिवस कुछ इसी अंदाज में मनाया गया।साक्षर लोगो के बीच में साक्षरता दिवस मनाया गया।तभी तो कार्यक्रम के बाद यह चर्चा रही। पढ़े लिखे..डिग्री वालो के बीच मनाया साक्षरता दिवस...शाबास...!


जिला पंचायत सीईओ अंकिता धाकरे की दूर दृष्टि को हमारा सेल्यूट। जिन्होंने 6 सितम्बर को ही इस आयोजन पर कड़ी आपत्ति ली थी।बैठक में उन्होंने रोटरी क्लब के मुखिया रवि लंगर के इस आयोजन पर।तभी तो उन्होंने साफ लफ्जों में कहा था।ऐसी साक्षरता रैली का मतलब ही क्या?जो केवल साक्षर लोगो के बीच ही निकाली जाएगी..?रैली निकाल कर समाज को क्या संदेश दोगे.? स्लम इलाको..बस्तियों..में जाकर साक्षरता दिवस की रैली निकाले..?तब जाकर साक्षरता दिवस सार्थक होगा। रैली में स्कूली बच्चों को बुलाकर,उनकी पढ़ाई भी प्रभावित करोगे.! हमारे सूत्रों का कहना है कि सीईओ के इन सवालों को सुनकर,आयोजक ने चुप्पी साध ली थी।

पानी तक नही...
इस साक्षरता रैली को सफल बनाने में छात्र छात्राओं की विशेष भूमिका रही।जो अपनी पढ़ाई छोड़कर सुबह 7 बजे से दशहरा मैदान पर आ गए।जबकि रैली का समय 9 बजे का था।तब तक इन सभी ने गणपति वंदना और नुक्कड़ नाटक का आनंद लिया।फिर अतिथि देवो भव पधारे।भाषणबाजी हुई और 9 बजकर 45 मिनिट पर रैली शुरू हुई। यहां यह लिखना जरूरी है कि,जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के कंधे पर बंदूक रखकर , वाही वाही लूटने वाली संस्था रोटरी क्लब ने पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं करी।तपती धूप में बच्चे पानी के लिए परेशान दिखे।एक भी पानी का टैंकर नही था।स्कूली बच्चों की संख्या 2500 के करीब थी।पानी की सही व्यवस्था नही होने की बात शिक्षा विभाग के सूत्र भी स्वीकार रहे है।इस साक्षरता रैली में प्रशासन की तरफ से केवल खाद्य आपूर्ति नियंत्रक मोहन मारू नजर आए।उन्ही के कंधो पर साक्षरता दिवस रैली की जिम्मेदारी थी।

कसम खाई...
आज के इस आयोजन के बाद सबसे ज्यादा दुखी शिक्षा विभाग हैं। पर्दे के पीछे रहकर, रैली की योजना क्लब के मुखिया ने ही बनाई थी।जबकि पोस्टर पर नाम जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग का दर्ज करवा दिया।नतीजा शिक्षा विभाग को क्लास 9.10 और 11वी क्लास के बच्चो को सुबह सुबह,स्कूल छोड़कर लाना पड़ा।मगर विभाग का अनुभव कड़वा रहा।तभी तो रैली के बाद यह चर्चा सुनाई दी।अगली दफा किसी भी संस्था के साथ मिलकर ऐसा आयोजन नही करेंगे।इसकी कसम खाई गई।ऐसा हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है।इसके साथ ही रैली मार्ग पर भी शिक्षा विभाग ने सवाल उठाया है? रैली दशहरा मैदान से न्यू श्री गंगा होटल से तीन बत्ती चौराहा से टॉवर चौक पहुंची।जिसके चलते यह सवाल उठा कि...आखिर इस मार्ग पर कौन से निरक्षर लोग रहते है?जिनके लिए यह साक्षरता रैली निकाली गई..?