1 लाख की दान राशि छुपाई, नोटिस मिला तो जमा कराई ...!
उज्जैन। चिंतामण मंदिर की दान राशि में गडबड़ी करने का मामला सामने आया है। हालांकि मामला 4-5 महीने पुराना है। लेकिन यह सच है कि इतने दिनों तक दान राशि जमा नहीं हुई और प्रबंधक अपने पास रखे रहे। इधर जब जून माह में फिर दान पेटी खुली। गिनती हुई। तब जाकर पुरानी दान राशि जमा नहीं कराने का खुलासा हुआ। नतीजा ... नायब तहसीलदार ने मंदिर प्रबंधक को नोटिस थमा दिया। इसके अगले दिन ही वर्तमान व पुरानी दान राशि बैंक में जमा करा दी गई।
कांग्रेसी नेता ऋतुराज चौहान ने आज तहसीलदार व एसडीएम को एक शिकायत भेजी। सोशल मीडिया पर। जिसमें दान राशि बैंक में जमा नहीं कराने का उल्लेख था। 1 लाख राशि का मामला था। जो कि एसडीएम राकेश शर्मा की भी जानकारी में है। ऐसा उल्लेख उन्होंने अपनी शिकायत में किया है। यह शिकायत वॉट्सअप पर भेजी गई थी। जिसको लेकर चुप रहेंगे डॉट-कॉम ने खोजबीन की। तो यह जानकारी सामने आई।
नोटिस दिया था ....
विदित रहे कि अभी जून माह में दान पेटी खुली थी। नायब तहसीलदार आलोक चौरे की मौजूदगी में जिसमें दान राशि 8 लाख 85 हजार प्राप्त हुई। उसी दौरान पुरानी दान राशि का मामला उजागर हुआ। जो कि फरवरी माह का है। उस समय दान पेटी से 7 लाख 60 हजार 430 रूपये निकले थे। मगर जब जमा कराने की बात आई तो इसमें से 1 लाख की राशि कम बताई गई। 10-10 के नोट की 10 गड्डियां गायब बताई गई थी। उस वक्त तहसीदार प्रियंका मिमरोट थी। यह राशि जून माह तक जमा नहीं कराई गई थी। इसकी जानकारी एक पटवारी ने, जो अभी खुली दान पेटी की गिनती में शामिल था, से नायब तहसीलदार को मिली। इसका पता चलते ही नायब तहसीलदार ने मंदिर प्रबंधक अभिषेक शर्मा के नोटिस थमा दिया। 5 जून 2023 को। नोटिस के जवाब में प्रबंधक ने बताया कि ... बैंक में नया खाता खुलाया है। जो कि पैन कार्ड से लिंक नहीं था। इसलिए पुरानी राशि जमा नहीं हुई। लेकिन नोटिस के अगले दिन ही 6 जून को प्रबंधक ने वर्तमान व पुरानी राशि को बैंक में जमा करा दिया और इसकी राशि नायब तहसीलदार को पेश कर दी।
एडजस्ट कर लें ...
हमारे सूत्रों का कहना है कि मंदिर प्रबंधक ताजी खुली दान राशि 8 लाख में से पुराने 1 लाख को एडजस्ट करवाने की फिराक में थे। उन्होंने सुझाव दिया था कि... इस 8 लाख में से पुरानी दान राशि के गायब 1 लाख रूपये को एडजस्ट कर लिया जाए। अर्थात ताजी राशि 7 लाख 85 हजार जमा कराई जाये। मगर नायब तहसीलदार ने फटकार लगा दी और नोटिस जमा दिया। जिसका नतीजा यह निकला कि ... 7 लाख 60 हजार 430 रूपये के अलावा, 29 हजार रूपये की चिल्लर भी प्रबंधक ने बैंक में जमा करवाकर, रसीद पेश कर दी। विदित रहे कि जुलाई 2019 में तत्कालीन कलेक्टर शंशाक मिश्रा व एसडीएम मुनीषसिंह सिकरवार ने मंदिर प्रबंधक अभिषेक शर्मा की सेवा पर रोक लगा दी थी।
बैंक की मौजूदगी ...
इधर एक बार फिर मंगलवार को मंदिर की दान पेटी खुलने वाली है। जिसके लिए अब नई व्यवस्था की गई है। गिनती के दौरान बैंक के 2 अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। उन्हीं को तत्काल राशि सौंप दी जायेगी। ऐसी व्यवस्था नायब तहसीलदार आलोक चौरे ने की है।