उधर हेलीपेड की तैयारी: इधर बच्चों की गुहार ...!
उज्जैन। शहर में अभी तक एक ही हेलीपेड था। पुलिस लाइन में। लेकिन अब शहर के विकास में पंख लग गये है। एक नया हेलीपेड तैयार होने जा रहा है। यह प्रयोग के तौर पर है। अगर यह सफल रहा तो इस नये हेलीपेड के नजदीक ही 2 और हेलीपेड तैयार होंगे। ताकि अति वीवीआईपी का उडनखटोला, महाकाल मंदिर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर उतर सके।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संकल्प लिया है। शहर में विकास के नये आयाम स्थापित करना है। उनका जब-जब उज्जैन आगमन होता है। वह देर रात प्रशासन से सर्किट हाऊस पर चर्चा करते है। बंद कमरे में। जिसमें मुद्दा केवल विकास होता है। इसी का परिणाम है। पुराने शहर में हेलीपेड के निर्माण को हरी झंडी मिल गई है। स्थान ... सदावल ट्रीटमेंट प्लांट के नजदीक चुना गया है। जहां पर मंगलवार को एसडीएम नगर एलएन गर्ग की टीम ने निरीक्षण किया।
फिलहाल 1 बीघा ...
प्रशासन ने जिस जगह को हेलीपेड के लिए चुना है। वह सदावल के पास की जमीन है। जो कि कुल 11 बीघा है। मगर अभी केवल 1 बीघा जमीन का उपयोग होगा। जिस पर इन दिनों घास-फूस उग रहा है। बाकी 10 बीघा जमीन पर फसल खड़ी हुई है। मंगलवार को एसडीएम श्री गर्ग व उनकी टीम ने दौरा किया था। जहां उनके सामने महिलाएं एकत्रित हो गई। जिनका विरोध था। अभी फसल खड़ी हुई है। एसडीएम ने केवल उस जगह को चुना है। जहां पर गेंहू की फसल नहीं है। केवल घास खडी हुई है। इस जमीन से घास-फूस हटाने का काम शुरू हो गया है। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग हेलीपेड का निर्माण करेंगा।
एयरपोर्ट- स्टेडियम ...
विकास के लिए केवल हेलीपेड ही जरूरी नहीं है। एयरपोर्ट का भी निर्माण होना है। पिछले दिनों नागरिक उड्डयन विभाग का एक दल आया था। जो कि दताना-मताना हवाई पट्टी का निरीक्षण करके गया है। जिसके बाद संकुल के गलियारों में चर्चा है। दताना-मताना के विकास करने से नेशनल एयरपोर्ट नहीं बन पायेगा। वहां पर कई अडचने है। इसलिए सुझाव दिया जा रहा है। लेकोड़ा क्षेत्र के आसपास की जमीन अधिग्रहण करके नेशनल एयरपोर्ट बनाया जाये। जिसका एक प्रस्ताव भी तैयार हुआ है। मगर उस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। इधर मुख्यमंत्री ने इंटरनेशनल स्टेडियम के लिए भी पहल की है। स्टेडियम निर्माण को लेकर पिछले दिनों एक कंपनी ने दौरा भी किया है। टीम को जमीन दिखा दी गई है। ऐसा हमारे सूत्रों का कहना है।
गुहार ...
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शहर को अनगिनत सौगात दे रहे है। जिसके लिए शहरवासी खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे है। आम चर्चा है कि अब शहर में विकास खूब होगा। लेकिन सिहंस्थ मेला कार्यालय के समीप स्थित अटल अनुभूति पार्क में आने वाले नौनिहाल गुहार लगा रहे है। इस पार्क की व्यवस्था को सुधारने के लिए। यहां लगे झूले सहित अप-डाउन बेंच और रस्सी से बने खेलने के साधन खराब हो गये है। वर्षो हो गये है। 2017 के बाद से इनकी मरम्मत नहीं हुई है। नतीजा ... यहां आने वाले बच्चे परेशान होते है। यह सभी अपने बचपन का आनंद नहीं उठा पा रहे है। जबकि, यहां लगे खेलकूद उपकरणों के सुधार पर ज्यादा से ज्यादा 2 से 3 लाख का खर्च है। इसके अलावा पार्क की सुरक्षा में लगे कर्मचारी भी अपने 2 महीने के वेतन का इंतजार कर रहे है।