17 जून 2024 (हम चुप रहेंगे)
सफाई ...
शीर्षक पढक़र गंदगी की सफाई का अंदाजा नहीं लगाये। हमारा आशय किसी गलती के बाद दी जाने वाली सफाई से जुड़ा है। पिछले सप्ताह अपने 7 जिलों के मुखिया का ऐसे ही गुजरा। सफाई देते-देते। बेचारे ... महादेव को जल चढ़ाते वक्त चप्पल कांड के शिकार हो गये। जिसके बाद तो उनका फोन पर लगातार बजता रहा। हर कोई उनका शुभचिंतक यही सवाल कर रहा था। क्या हुआ... कैसे हुआ। 7 जिलों के मुखिया सभी को सफाई देते रहे। ऐसी चर्चा संकुल के तीसरे माले पर बैठने वाले कर रहे है। बात सच भी है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
डर ...
भय क्या होता है। जिसको डर भी बोला जाता है। इसको अगर समझना है। तो एक बार फिर संकुल के तीसरे माले पर चलते है। जहां पर बैठने वाले चप्पल कांड के शिकार हुए थे। घटना उजागर होने पर देशभर में चर्चित हो गये। इस घटना के बाद वह अगले दिन बाबा महाकाल के दरबार भी पहुंचे। तो इस कदर उनके दिल में डर था कि ... घर से ही बगैर चप्पल के अपने वाहन में बैठकर मंदिर पहुंच गये। ऐसा संकुल में बैठने वाले उनके करीबियों का कहना है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
तस्वीरे ....
हर राजनीतिक पार्टी का एक ग्रुप होता है। सोशल मीडिया पर। जिसके कई एडमिन होते है। बाकी सभी सदस्य। ग्रुप का मकसद केवल यह होता है। एक साथ सभी को पार्टी के कार्यक्रम की सूचना दी जा सके। ऐसा ही एक ग्रुप पंजाप्रेमी पार्टी का है। जिसका संबंध क्षीरसागर मुख्यालय से है। इस ग्रुप में कई पंजाप्रेमी नेत्री भी जुड़ी है। इस ग्रुप में पिछले सप्ताह किसी ने आपत्तिजनक तस्वीरे अपलोड कर दी। जिसके बाद हंगामा मच गया। स्वीट्-बेबी के नाम से तस्वीरे अपलोड हुई थी। किसी भी एडमिन ने इनको हटाने की हिम्मत नहीं दिखाई। आखिरकार शहर पंजाप्रेमी मुखिया ने तस्वीरे डिलीट की और उस व्यक्ति को ग्रुप से बाहर कर दिया। ऐसा पंजाप्रेमियों का कहना है। लेकिन हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
चेला
सबसे पहले तो कप्तान और उनकी टीम को बधाई। जिन्होंने 15 खोखे नगद पकड़े। इसके लिए पूरी टीम को बधाई। मगर इस सट्टे का सरगना, आखिर किसका चेला है। इसको लेकर फिलहाल वर्दी चुप्पी साधे है। मगर दबी जुबान से बताया जा रहा है। सरगना, पंजाप्रेमी जनप्रतिनिधि का चेला है। यह पंजाप्रेमी जनप्रतिनिधि 2 चुनाव हार चुके है। मगर अभी भी माननीय है। वर्दी जल्दी ही इन माननीय को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। ऐसा हम नहीं, बल्कि पंजाप्रेमी बोल रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
वीडियों ...
एक वीडियों देखने में आया है। जिसमें एक महिला आरोप लगा रही है। एक नगरसेवक पर। आरोप यह है कि नगरसेवक ने उसके कपड़े फाड दिये। महिला उस अवस्था में है। जिसे देखना कोई भी पसंद नहीं करेंगा। चिल्ला-चिल्लाकर महिला नगरसेवक का नाम ले रही है। थोडी ही दूरी पर वह नगरसेवक भी खड़े है। मामला मकान पर अवैध कब्जा करने को लेकर है। जिसकी वर्दी को सबूत के साथ शिकायत भी हुई है। इसके बाद भी वर्दी ने चुप्पी साध रखी है। कारण ... नगरसेवक को अपने वजनदार जी का वरदहस्त है। उनके करीबी माने जाते है। नतीजा ... मकान का असली मालिक दरबदर भटक रहा है। यह मामला दक्षिण क्षेत्र का है। अब देखना यह है कि वर्दी कार्रवाई करके, गरीब को हक दिलाती है या नहीं? तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
नाराज ...
अपने पहलवान याद होंगे। हमारे पाठकों को। जो इन दिनों अज्ञातवास का जीवन व्यतीत कर रहे है। रविवार को वह नजर आये। हवाई सेवा के श्रीगणेश पर। जिसका शुभारंभ अपने विकासपुरूष ने किया। उसके लिए विकासपुरूष को बधाई। इस कार्यक्रम में शामिल होने अपने पहलवान भी पहुंचे थे। उनको उम्मीद थी। सम्मान मिलेगा। मगर उल्टा हुआ। उनको आगे तक जाने से रोक दिया गया। सुरक्षाकर्मी ने उनको बता दिया। आपका नाम लिस्ट में नहीं है। इतना सुनते ही अपने पहलवान तत्काल पलटे और वापस लौट गये। जिसके बाद वह नाराज है। ऐसा यह नजारा देखने वाले बोल रहे है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
खुशी ...
मंदिर के गलियारों में खुशी की लहर है। कर्मचारी और दुकानदार खुश है। आखिरकार बाबा ने उनकी गुहार सुन ली। यह सभी कई दिनों से प्रार्थना कर रहे थे। किसी भी तरह से उगरानी मैडम से मुक्ति मिल जाये। लेकिन बाबा तक उनकी गुहार पहुंच नहीं रही थी। देर है अंधेर नहीं। बाबा तक सच्चे दिल से की गई प्रार्थना आखिरकार पहुंच ही गई। नतीजा ... उगरानी मैडम को हटाने के आदेश हो गये। यह वही उगरानी मैडम है। जो कोरोना काल में खूब चर्चित हुई थी। अपने लिटिल मास्टर के कार्यकाल में। ऐसा हम नहीं, बल्कि मंदिर में पदस्थ कर्मचारी बोल रहे है। जो कि उगरानी मैडम से परेशान थे। अब सच और झूठ का फैसला हमारे पाठकगण खुद कर लें। क्योंकि हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
फेल ...
अपने कप्तान जी और उनकी टीम ने शानदार सफलता हासिल की है। 15 खोखे वाली। लेकिन एक सवाल खुद वर्दीवाले उठा रहे है। आखिर 15 खोखे वाली सूचना का सूत्र कौन था? किसने इतनी ठोस और पक्की खबर दी। तो यह दबी जुबान से बोला जा रहा है। इस सूचना का स्त्रोत बाबा महाकाल की नगरी से नहीं था। बल्कि उच्च स्तर से ही सूचना मिली थी। जिसके बाद वर्दी सक्रिय हुई और सफलता हासिल की। तभी तो वर्दी में चर्चा है। स्थानीय अय्यारी शाखा पूरी तरह से फेल रही है। बात सच भी है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
मन-बदला ...
संकुल के गलियारों में चर्चा है। इस महीने होने वाले प्रशासनिक फेरबदल की। जिसमें कई चेहरे जल्दी ही रवानगी ले सकते है। उनकी जगह संकुल में नये चेहरे दिर्खा देंगे। फैसला अपने विकासपुरूष करेंगे। कौन रूकेंगा- कौन जायेंगा? मगर कल तक अपने कूल जी, जो जाने की रट लगा रहे थे। अब उन्होंने अपना मन- बदल लिया है। अब वह जाना नहीं चाहते है। संकुल में बैठने वाले उनके करीबियों का तो यही कहना है। बाकी बाबा महाकाल की मर्जी या अपने कूल जी की। जो कि सेटिंग में माहिर है। देखना यह है कि उनकी सेंटिग कितनी काम आती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
गिरफ्तार करों ...
शीर्षक पढक़र कतई यह नहीं सोंचे। गिरफ्तार करो की डिमांड हमारी है। यह डिमांड तो अपने हाईनेस की है। जिसके पीछे एक घटना है। घटनास्थल एक होटल है। जिसके करीब में अपने हाईनेस के रिश्तेदार रहते है। होटल में जन्मदिन की पार्टी थी। जिसमें कई कमलप्रेमी शामिल थे। इसमें एक नगरसेवक के पिता भी शामिल थे। जन्मदिन की खुशी में रात को पटाखे फोडे गये। यहां पर गाडी पार्किंग को लेकर विवाद हो गया। बस फिर क्या था। हाथापाई हो गई। इस चक्कर में नगरसेवक के पिताश्री को किसी ने थप्पड जड़ दिया। इधर हाईनेस के रिश्तेदार की भी पिटाई हो गई। जिन्होंने घटना के बाद चेतावनी दी। वह हाईनेस के रिश्तेदार है। यह सुनते ही हाथापाई रूक गई। उसके बाद प्रेशर बनाया गया। प्रकरण दर्ज हुआ। मगर जमानती धाराओं में। 2 की जमानत भी हो गई। मगर अपने हाईनेस दबाव बना रहे है। सभी को गिरफ्तार करो और श्रीकृष्ण की जन्मस्थली भेजों। वर्दी और कमलप्रेमी तो यही बोल रहे है। लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत अनुसार चुप रह सकते है।