मुख्यमंत्री याद नहीं दिलाते: तो राष्ट्रगान भूल जाते...!
उज्जैन। 66 वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ करने देश के उपराष्ट्रपति पधारे थे। मंगलवार की दोपहर 3 बजे बाद शुभारंभ हुआ। जहां पर एक ऐसी गलती मुख्यमंत्री ने खुद पकड़ी। जो कि बाद में सुर्खिया बन सकती थी। किन्तु मुख्यमंत्री की सजगता से यह गलती तत्काल सुधार ली गई। तब जाकर राष्ट्रगान हुआ।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कालिदास समारोह का शुभारंभ किया। उनके साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया मंचासीन थे। मंच पर पहुंचते ही उपराष्ट्रपति का अभिवादन किया गया। जिसके तत्काल बाद उद्घोषिका ने मुख्य अतिथि को दीप प्रज्जवलन के लिए आमंत्रित कर दिया।
सजगता ...
उद्घोषिका के दीप प्रज्जवलन आमंत्रण को सुनते ही, मुख्यमंत्री डॉ. यादव तत्काल सजग हो गये। उन्होंने पहले उद्घोषिका की तरफ नजरें घुमाई। फिर अपने वर्षो पुराने सुरक्षाकर्मी की तरफ देखते हुए कुछ कहा। जिसे सुनकर मंच पर 2 या 3 सेकेंड के लिए दौडा-भागी मच गई। किसी ने उद्घोषिका को जाकर बोला। तब जाकर कार्यक्रम की संचालिका ने कहा... सभी खड़े हो जाये... राष्ट्रगान होगा। जिसके बाद राष्ट्रगान शुरू हुआ। यहां यह लिखना जरूरी है कि ... संवैधानिक पद पर विराजमान अतिथियों के मंच आगमन पर, पहले राष्ट्रगान होता है। उसके बाद कार्यक्रम शुरू होता है। जिसे प्रशासन भूल गया। लेकिन मप्र के गौरव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सजगता के चलते तत्काल भूल सुधार ली गई। (देखे वीडियों)