31 जुलाई 2023 (हम चुप रहेंगे)

एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !

31 जुलाई 2023 (हम चुप रहेंगे)

मोह ...

चरण-पादुका (जूते) का मोह बड़ा खतरनाक होता है। यह मोह कभी-कभार ऐसी गलती करा देता है। जो कि नहीं होना चाहिये। जैसे पिछले सोमवार हुआ। अपने मामाजी सभामंडप में पूजा कर रहे थेउस दौरान 3 शीर्षस्थ अधिकारी भी वहां मौजूद थे। सभामंडप में चरण-पादुका पहने हुए। हालांकि वह पूजा स्थल से कुछ दूरी पर थे। लेकिन उनको छोडकर वहां मौजूद हर भक्तगण, नंगे पैर था। जिसको देखकर पंडे-पुजारियों में सुगबुगाहट शुरू हो गई। चोरी-चोरी फोटो भी खीच लिये गये। हमको भी दिखाये गये। मगर मामला आलाधिकारियो से जुड़ा था। इसलिए सभी ने चुप्पी साध ली। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

सेल्यूट ...

अपने कप्तान जी की चतुराई को अनगिनत सेल्यूट। जिन्होंने कंट्रोल रूम के धरने को रातो-रात निपटा दिया। अपने कमलप्रेमी धरना देने गये थे। सवारी के वायरल वीडियो कांड को लेकर। धरना देते वक्त यही सोच थी। मीडिया में खूब नाम मिलेगा। कुछ हद तक सफलता भी मिली। मगर अपने कप्तान जी की दोहरी चाल ने पूरा मजा किरकिरा कर दिया। सबसे पहले कप्तान जी ने टेबल रखवा दी। फिर उस पर भगवान की मूर्ति। फिर बोल दिया कि ... खूब भजन करो। बेचारे कमलप्रेमी हतप्रभ रह गये। इसके बाद सभी को परिसर से बाहर निकलवाया। फिर टॉवर चौक पर भिजवा दिया। रात 12 बजे तक धरना जारी था। तब तक कमलप्रेमियों का धैर्य जवाब दे गया। चिंता होने लगी। क्या पूरी रात धरना देना होगा। तब फोन खडखडाये गये। गुहार लगाई गई। किसी को भेज दो। हम धरना खत्म कर देंगे। संवेदनशील कप्तान पसीज गये। उन्होंने एक अधिकारी भेज दिया। जहां पर पहले से ही धरना देने वालो ने ज्यूस का गिलास मगवाकर रखा था। ज्यूस पिया और धरना खत्म। अब ऐसे में अपने कप्तान और वर्दी को सेल्यूट तो बनता है। बाकी हमको अपनी आदत के अनुसार चुप रहना है।

100 खोखा ...

इस महीने में क्षिप्रा नदी के अंदर कई दफा गंदा पानी मिला। जिसके वीडियो-फोटोखूब वायरल हुए। इसके लिए दोषी अपने स्मार्ट पंडित बताये गये थे। प्रथम सेवक और पंजाप्रेमियों ने जी भरकर स्मार्ट पंडित को कोसा। बकौल किसी शायर। जहां पेड पर चार दाने लगे/ हजारों तरफ से निशाने लगे... की तर्ज पर। लेकिन यह किसी को पता नहीं है। क्षिप्रा में गंदा पानी मिलने के लिए शिवाजी भवन ही दोषी है। दोषी इसलिए, क्योंकि नदी के किनारे वाले चेम्बर सुधारने की जिम्मेदारी पानी वाले विभाग की थी। तभी तो अपनी टर्मिनेटर मैडम ने उस वक्त 100 खोखा स्मार्ट सिटी से दिये थे।  केवल इसलिए ... ताकि क्षिप्रा में गंदा पानी नहीं मिले। 100 खोखा मिलने के बाद आज तक काम पूरा नहीं हुआ। लेकिन शिवाजी भवन ने काम पूरा होने का प्रमाण-पत्र जरूर स्मार्ट सिटी को दे दिया। यह राशि आज भी बैंक में जमा है। जिसका ब्याज भी शिवाजी भवन दबाकर बैठा है। जबकि नियमानुसार ब्याज राशि केन्द्र सरकार को वापस करनी है। इसके बाद भी अगर स्मार्ट पंडित को दोषी अपने प्रथम सेवक बता रहे है। तो इसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।

चेतावनी ...

अपने नम्बर-1 को हमारे पाठक भूले तो नहीं होंगे? कभी महाकाल नगरी के मुखिया रह चुके है। आजकल राजधानी में पदस्थ है। खबरची विभाग के मुखिया है। उन्होंने अभी-अभी एक बैठक बुलाई थी। जिले के खबरची/ मालिक गये थे। जहां अपने नम्बर-1 ने मिशन-2023 को लेकर अपनी रणनीति बताई। रणनीति सीधी और साफ है। माल मिलेगा खूब, मगर तारीफ छापो खूब। अगर विरोध में लिखा तो सूची से नाम गायब हो जायेगा। ऐसा हम नहीं, बल्कि बैठक में शामिल होकर आये खबरची बनाम मालिक बोल रहे है। इसलिए अब अगर केवल तारीफ- तारीफ की खबरे पढऩे को मिले। तो समझ जाना। चेतावनी का असर है। वो भी नम्बर-1 की। जिनसे हमको भी डर लगता है। इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

चौकीदार-गायब ...

शीर्षक पढ़कर गलत अर्थ नहीं निकाले। खासकर अपने कमलप्रेमी। हमारा आशय मंदिर व स्मार्ट भवन के चौकीदार से है। जो कि एकमात्र ऐसे अधिकारी है। जिनके दोनों हाथ में लड्डू है। इनको मंदिर व स्मार्ट भवन में चुलबुल पांडे के नाम से सभी जानते है। इनका अपना अलग जलवा है। तभी तो वह बगैर किसी को बताये चुपचाप सप्ताह के अंत में राजधानी भाग जाते है। जबकि अपने उत्तम जी के साफ निर्देश है। मुख्यालय नहीं छोडऩा है। फिर भी अपने चुलबुल पांडे जी गायब हो जाते है। उस दिन भी गायब थे। जब नंदी हॉल में पानी भरा गया था। उनके गायब होने पर शनिवार की रात को मोहर भी लग गई। जब रात 12 बजे अपने उत्तम जी, शिवजी भवन के मुखिया, इंदौरीलाल जी और स्मार्ट पंडित जी मंदिर पहुंच गये। किन्तु अपने चुलबुल पांडे जी गायब थे। अब देखना यह है कि अपने उत्तम जी क्या एक्शन लेते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

शिकायत ...

भरतपुरी के तीसरे माले के गलियारो में अब एक नई चर्चा सुनाई दे रही है। अपने दगाबाज लालाजी को लेकर। चर्चा यह है कि उनकी बेनामी संपत्ति को लेकर खोजबीन शुरू हो गई है। कागजात निकलवाये जा रहे है। कहां-कहां - क्या-क्या खरीदा है। कुछ संपत्ति के कागजात विरोधी गुट को मिल गये है। बाकी की तैयारी है। जिसके बाद आर्थिक व लोकायुक्त में शिकायत होगी। देखना यह है कि अंगारेश्वर की जमीन के अलावा, विरोधी गुट के हाथ क्या-क्या लगता है और शिकायत कब तक होती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

निरीक्षण ...

अपने उत्तम जी, शनिवार की रात को अचानक ही मंदिर पहुंचे थे। रात में मौसम मस्त था। ठंडी-ठंडी हवा बह रही थी। घूमने लायक मौसम था। किन्तु उत्तम जी का मकसद दूसरा था। फेज-2 के कामों का निरीक्षण करना। वजह ... उत्तम जी ने अपने मामाजी से वादा कर लिया है। 15 अगस्त तक काम पूरा हो जायेगा। इसके पहले दिन-रात काम चले। इसके भी उनके सख्त निर्देश है। किन्तु निरीक्षण में केवल 2 जगह काम चालू मिला। बाकी जगह बंद था। जिनको काम दिन-रात चालू रखने की जिम्मेदारी मिली है। उनका नाम अपने चुलबुल पांडे जी है। जो कि गायब थे। नतीजा ... अब अपने उत्तम जी के निर्देश है। अपने स्मार्ट पंडित जी हर रोज रात में आकर निरीक्षण करेंगे। अब देखना यह है कि स्मार्ट पंडित जी कितनी तेजी से काम करवाते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

कब आओगे... 

हमारे पाठको को याद होगा। अकसर, किसी अच्छे अधिकारी का तबादला होने पर हमने यह अशआर जरूर लिखा है। अब के जाते हो तो दोबारा कब आओगे/ कब आओगे दोबारा- दोबारा कब आओगे... लेकिन पहली दफा हम ऐसा नहीं लिख पा रहे है। क्योंकि मामला अपनी घमंडी मैडम का है। जिनके तबादले पर हर कोई खुश है। कर्मचारी हो या जनप्रतिनिधि। तो हम इन सभी की खुशी को दुगना कर देते है। क्योंकि अंदरखाने की खबर है अपनी घमंडी मैडम का आज जिले में अंतिम दिन है। आज उनकी विदाई होना पक्की है। अब वह अपने उम्मीद जी के मार्गदर्शन में काम करेंगी। जिसके लिए हम अपने उम्मीद जी को अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए, अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

कमाई ...

मंदिर में दर्शन करवाने वाले  क्या इतनी कमाई कर सकता है? वह भी इस कदर कि डेढ खोखा अदा करके एक आश्रम खरीद ले। ताकि वहां होटल बना सके। यह सवाल इन दिनों अपने कमलप्रेमी कर रहे है। इशारा उस कमलप्रेमी नेताजी की तरफ है। जिनको कमलप्रेमी संगठन ने मंदिर सत्कार की व्यवस्था सौंप रखी है। इस कमलप्रेमी सत्कार नेता के खिलाफ पिछले दिनों खुलकर विरोध हुआ था। सोशल मीडिया पर पोस्ट अपलोड हुई थी। इसी नेता ने गऊघाट क्षेत्र में एक आश्रम खरीदा है। जिसे इन दिनों होटल का स्वरूप दिया जा रहा है। जल्दी ही यहां पर कमरे उपलब्ध होंगे। ऐसा हम नहीं, बल्कि कमलप्रेमी बोल रहे है। उनकी बात 100 प्रतिशत सच है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

कब्जा ...

शहर के एक नामी बिल्डर है। विशेष वर्ग से। मिलनसार और मृदभाषी है। प्रशासन को सहयोग करने के लिए 1 पैर पर हमेशा तैयार रहते है। अपने इशारा जी के कार्यकाल में उन्होंने खूब मदद की थी। दिव्यांग विवाह में। होटल भी चलाते है। जो कि दिखावे का धंधा है। मुख्य धंधा कालोनी काटने का है। जिसको लेकर यह चर्चा है। उन्होंने कई जगह सरकारी जमीन पर ही प्लाट काट दिये है। जिन पर मकान भी बन गये है। कुछ बिल्डरो ने सबूत भी एकत्रित कर लिये है। चर्चा है कि सरकारी जमीन से इस नामी बिल्डर को 200 खोखे का फायदा हुआ है बिल्डर लाबी में तो दबी जुबान से यही बोला जा रहा है। अंदरखाने की खबर है कि जल्दी ही मय सबूत के शिकायत होने वाली है। जिसका हमको भी इंतजार है। शिकायत होते ही बड़ा खुलासा होगा। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

इंतजार ...

ग्राम देवताओं को इंतजार है। तबादले की संशोधित सूची जारी होने का। लेकिन ग्राम देवता से ज्यादा इंतजार, अपने ढीला-मानुष और लेटरबाज जी को है। जिन्होंने 6 ग्राम देवताओं की सिफारिश की है। इसमें 5 ढीला-मानुष के तो 1 लेटरबाज जी का है। हालांकि पहले यह संख्या 23 थी। फिर 13 और फिर 9 आखिर में 6 पर सहमति पर बनी थी। जिसमें 1 नाम, जिले के प्रभारी से जुड गया। यानि संख्या 7 हो गई। लेकिन अभी तक इन 7 की संशोधित सूची जारी नहीं हुई है। अपने उत्तम जी को मोहर लगानी है। ऐसा कमलप्रेमी बोल रहे है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

डिग्रीधारी ...

बाबा की सवारी को लेकर धमकी देने वाला युवक आखिर पकड़ा गया। जिसको जेल भी भेज दिया गया। मगर ताज्जुब की बात यह है। यह धमकी देने वाला कोई अनपढ़ या जाहिल नहीं था। बल्कि डिग्रीधारी है। सिविल इंजीनियर में डिग्री हासिल की है। इसके बाद भी धमकी दे बैठा। इसे विनाश काले विपरीत बुद्धि ही कहेंगे। बाकी हम अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहेंगे।

वसूली ...

अभी-अभी शासन से तहसीलदार और नायब तहसीलदार की तबादला सूची जारी हुई है। लेकिन सूची जारी होने के पहले राजधानी में वसूली की गई। तहसीलदार और नायब तहसीलदारो को फोन लगा-लगाकर। डर यह दिखाया गया कि तुम्हारा तबादला उज्जैन कर रहे है। बेचारे ... तहसीलदार और नायब तहसीलदार तत्काल राजधानी भागे और बाबूओं को राशि भेट करके आये। कम से कम 2 दर्जन राजस्व अधिकारियों से उज्जैन का डर दिखाकर वसूली की गई है। ऐसी चर्चा राजस्व अधिकारी कर रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप ही रह सकते है।

मेरी पसंद ...

जलते घर को देखने वालो/ फूस का छप्पर आपका है/ आग के पीछे तेज हवा है/ आगे मुकद्दर आपका है/ उसके कत्ल पे मैं भी खुश था/ मेरी बारी अब आई/ मेरे कत्ल पे तुम भी खुश हो/ अगला नम्बर आपका है...।  जय महाकाल