मेरा काम निवेदन करना: मानो ना मानो आपकी मर्जी ...!

मेरा काम निवेदन करना: मानो ना मानो आपकी मर्जी ...!

उज्जैन। विनम्रता से बड़ा कोई हथियार नहीं होता है। बशर्ते पद पर रहते हुए भी वही व्यवहार करें, जो पद मिलने से पहले था। मगर हकीकत में ऐसा होता नहीं है। वार्ड का पार्षद भी जीतने के बाद अकड के बात करता है। मगर जिले के एकमात्र ऐसे विधायक है। नागदा-खाचरौद तहसील के। जो माननीय होने के बाद भी खुद को नहीं बदल पाये। तभी तो आज हेलीपेड पर उन्होंने बोल दिया। मेरा काम निवेदन करना: मानो ना मानो आपकी मर्जी ...!

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आज आगमन हुआ था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी साथ में थे। अल्पसमय के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा महाकाल के दर्शन करने आये थे। उनके आगमन पर यह व्यवस्था की गई थी। हेलीपेड पर सभी भाजपा पदाधिकारियों से मुलाकात होगी। सूची तैयार हुई थी। कौन-कौन हेलीपेड पर मौजूद रहेंगा। उसी दौरान विधायक यह कहने पर मजबूर हो गये। मानो या ना मानो...! 

आप जा सकते है ...

 दरअसल हेलीपेड पर डॉ. तेजबहादुर सहित भाजपा पदाधिकारी इंतजार कर रहे थे। तपती दोपहर में 1 बजे। राष्ट्रीय अध्यक्ष को वापस जाना था। पुलिस ने यहां पर सभी को रोक दिया। जबकि विधायक यह चाहते थे कि सभी को हेलीपेड पर पंक्ति में खड़ा कर दिया जाये। ताकि राष्ट्रीय अध्यक्ष का वाहन जब हेलीपेड पर पहुंचे। तो सभी की मुलाकात हो जाये। पुलिस ने उनसे कहा केवल आप जा सकते है। इस पर विधायक ने साफ मना कर दिया। उन्होंने पुलिस कहा कि मैने निवेदन कर दिया है... आगे आपकी मर्जी। विधायक की विनम्रता का असर थोड़ी देर में नजर आया। जब पुलिस ने सभी को हेलीपेड पर जाने की अनुमति दे दी।

 संज्ञान ...

कलेक्टर नीरजसिंह ने चुप रहेंगे डॉटकॉम की हेल्पलाइन वाली मांग पर संज्ञान लिया है। बुधवार की सुबह हेल्पलाइन को लेकर खबर छापी गई थी। नतीजा कलेक्टर ने आम पालको के लिए 0734-2520711 नम्बर जारी किया है। इस पर कोई भी पालक उन स्कूलों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकता है। जो स्कूल अनुबंधित दुकान से ही कापी-किताबे और यूनिफार्म खरीदने का दबाव बनाते है। इसी कड़ी में आज एसडीएम नगर एलएन गर्ग, तहसीलदार शैफाली जैन व पटवारी धीरज निगम ने  एमपी पब्लिकशर्स की दुकान पर छापा मारा। इस दौरान जिला शिक्षाधिकारी आनंद शर्मा व गिरीश तिवारी भी मौजूद थे। छापे में यह पाया गया है कि कुछ स्कूलों द्वारा अनुबंधित किताबे इसी दुकान से खरीदने के लिए पालकों को बाध्य किया गया है।