सांसद- विधायक- अध्यक्ष: सब 'बोनट' पर पड़े नजर आये ...!
उज्जैन। आमजनता अर्थात मतदाता। हम सभी ने कहीं ना कहीं यह नजारा जरूर देखा होगा। बड़ी गाडी पर लगी नेमप्लेट- गाडी की छत पर हूटर और बडी-बडी हेडलाइट। अगर ऐसी गाडी को वर्दी रोक ले? तो फिर रोकने वाले की खैर नहीं होती है। उतरने से पहले ही नेताजी के चंगु-मंगु या ड्राइवर पहले तो दादागिरी दिखाते है। फिर फोन पर बात करवाते है, और फिर कानून की धज्जियां उडाते हुए, बगैर रसीद कटाये सीना चौडा करके निकल जाते है। लेकिन शुक्रवार को उल्टा नजारा था। तभी तो लालगेट चौराहे पर ... सांसद- विधायक- अध्यक्ष: सब 'बोनट' पर पड़े नजर आये ...!
ऐसा नजारा रोज-रोज देखने में नहीं आता है। यह आमजनता तभी देख पाती है। जब आचार संहिता लागू हो। बाकी के 4 साल 10 महीने में इन सभी चंगु-मंगु की झांकी रहती है। शुक्रवार को आरटीओ संतोष मालवीय ने अपना जलवा दिखाया। जो भी वाहन सामने आया। उसको टीम ने रोका। किसी की भी कोई सिफारिश नहीं सुनी। फोन पर भी किसी से बात नहीं की। बस... सीधा फरमान दिया। नेमप्लेट निकालो- हूटर निकालो- जुर्माना भरो और चुपचाप निकल जाओं। जिसका नतीजा यह निकला कि कुछ ही देर में उनके वाहन के बोनट पर ... सांसद-विधायक-जिलाध्यक्ष के नाम वाली नेमप्लेट नजर आ रही थी।
जरा इनको भी देखिए...
आरटीओ श्री मालवीय इस चैकिंग के दौरान किसी भी दबाव में नहीं आये। सांसद- विधायक की नेमप्लेट वालो ने कोशिश भी की। मगर आरटीओ ने अपनी टीम से साफ कहा... जरा इन सांसद-विधायक को भी देखिए। कार्रवाई कीजिए। एमपी 70 सी 2200 वाहन क्रमांक पर सांसद की नेमप्लेट लगी थी। लालरंग वाली। ड्रायवर ने खूब कोशिश की। आरटीओ से बातचीत करवाने की। मगर उनकी दाल नहीं गली। इसी तरह स्थानीय सांसद की गाडी पर लगी नेमप्लेट भी निकाली गई। इसके ड्रायवर ने भी फोन लगाया... मगर टीम ने उसको चुपचाप करा दिया।