वेतन जारी करेगा नया तहसीलदार ...!
लाल सूट में तहसीलदार
उज्जैन। किसी भी शासकीय कर्मचारी का वेतन प्रतिमाह 1 तारीख को मिल जाता है। केवल वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दौरान ही वेतन 1 तारीख के बाद निकलता है। बाकी 11 महीने वेतन समय पर मिलता है। लेकिन जिले की एक तहसील में आज पूरे 10 दिन होने जा रहे है। वेतन मिलना तो दूर की बात है। उल्टा वेतन जारी करने वाली अधिकारी यह बोल रही है, वेतन जारी करेगा नया तहसीलदार ... ! ऐसी तहसील के गलियारों में चर्चा है।
यह मामला है जिले की तहसील नागदा का। जहां करीब 70 कर्मचारी आज भी वेतन मिलने का इंतजार कर रहे है। यह सभी राजस्व विभाग के कर्मचारी है। जो कि नागदा तहसील कार्यालय में पदस्थ है। इनका वेतन जारी करने का अधिकार तहसीलदार रेखा सचदेवा का है। जो कि इन दिनों अवकाश पर है। कारण ... एक दुर्घटना है। लेकिन तहसील में चल रही चर्चा और भरोसेमंद सूत्रों का कहना है। वेतन जारी नहीं करने का कारण, दुर्घटना के बाद अवकाश पर जाना नहीं है। बल्कि कारण यह है कि ... तहसीलदार नागदा में काम नहीं करना चाहती है। इसीलिए उन्होंने यह पैतरा आजमाया है। ताकि उनको यहां से हटा दिया जाये।
कोड नहीं बनवाया ...
नागदा तहसील के कर्मचारियों में चर्चा है। तहसीलदार को नागदा में पदस्थ हुए 1 महीना हो चुका है। लेकिन उनकी यहां पर रहने की बिलकुल इच्छा नहीं है। जिसके चलते उन्होंने आज तक डीडीओ कोड जनरेट नहीं किया है। जिसके चलते ही तहसील के 70 कर्मचारियों को आज तक वेतन नहीं मिला है। नतीजा ... राजस्व कर्मचारियों में जमकर असंतोष है। इधर यहां यह लिखना जरूरी है कि ... पिछले दिनों तहसीलदार रेखा सचदेवा एक बैठक में शामिल होने उज्जैन आई थी। प्रशासनिक संकुल में यह बैठक थी। यहां उनके साथ हादसा हो गया। उनके पैर में चोट आई है। जिसके बाद से वह अवकाश पर है।
पट्टे ज्यादा दे दिये ...
इधर आज स्वामित्व योजना को लेकर एक प्रशिक्षण कार्यशाला थी। संकुल के जनसुनवाई कक्ष में। जिसके लिए विशेष तौर पर जबलपुर से ऋषिदेव सिंह का आगमन हुआ था। इसमें जिले के सभी पटवारी शामिल हुए। इस प्रशिक्षण के दौरान एक तरफ जहां बैठक व्यवस्था नहीं थी। पटवारियों को खुद कुर्सियां उठाकर ले जाना पड़ी। वहीं प्रशिक्षण देने के लिए प्रोजेक्टर भी नहीं चला। प्रशिक्षण देने आये श्री सिंह ने साफ लफ्जों में कह दिया। आबादी भूमि जितनी थी, उससे ज्यादा के पट्टे वितरित कर दिये गये है। जिसका सीधा अर्थ यह है कि ... स्वामित्व योजना में गडबडी हुई है। ऐसा प्रशिक्षण में शामिल हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है। उन्होंने यह भी कहा कि ... इस गडबडी के लिए पटवारी ही दोषी है, वह ठेकेदार नहीं, जिसको यह काम मिला था।