सीएम ने सिक्योरिटी छोडी और महंतश्री के निवास पहुंच गये ...!
उज्जैन। प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री आज मंदिर में धक्का-मुक्की से परेशान हो गये। उनको वापस राजधानी पहुंचना था। इधर भाजपा कार्यकर्ता उत्साह में धक्का-मुक्की से बाज नहीं आ रहे थे। नतीजा ... मुख्यमंत्री ने तत्काल रास्ता देखा और सभी को पीछे छोड़कर चल दिये। वह सीधे सीढिय़ा चढते हुए महाकाल मंदिर महंत के निवास पर पहुंच गये। इस दौरान उनकी सिक्योरिटी पीछे छूट गई और प्रशासन दौड लगाता नजर आया।
मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद डॉ. मोहन यादव पहली दफा अपने गृहनगर पधारे। बहुत अल्पसमय के लिए आगमन हुआ था। मात्र 1 घंटे में उनको वापस जाना था। मुख्यमंत्री केवल बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आये थे। इधर गृहनगर होने के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह ज्यादा था। जिसके चलते मुख्यमंत्री को धक्का-मुक्की का शिकार होना पड़ा। सभामंडप में जब वह पूजा कर रहे थे। तब उनको सलाह दी गई। साक्षी गोपाल के भी दर्शन करना है। इधर मुख्यमंत्री को भोपाल जाने की जल्दी थी। नतीजा
इस दौरान उनकी सिक्योरिटी भीड को संभालने में जुटी रही। इधर मुख्यमंत्री को अकेला जाते देख प्रशासन ने भी पीछे-पीछे दौड लगा दी। मंदिर महंत विनीत गिरी के कक्ष में मुख्यमंत्री का सम्मान किया गया। कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम, नगर निगम आयुक्त रोशनसिंह व मंदिर प्रशासक संदीप सोनी द्वारा उनको स्मृति चिन्ह भेट किया गया।
प्रशासन की दुविधा ...
जिला प्रशासन ने हेलीपेड पर तो सख्ती दिखा दी थी। भीड और धक्का-मुक्की से मुख्यमंत्री को बचा लिया। किन्तु मंदिर के नंदीहॉल में भाजपा नेता कब्जा करके बैठ गये। अब प्रशासन की मुसीबत हो गई। किसकी कालर पकडकर बाहर निकाले। क्योंकि हर कोई खुद को मुख्यमंत्री का खास बता रहा था।
सिक्योरिटी का सहारा ...
मैं सीएम का खास हूं... मैं सीएम का खास हूं। यही कहकर नंदीहॉल में भाजपा नेताओं ने कब्जा कर लिया था। इससे निपटने के लिए प्रशासन ने सीएम सिक्योरिटी का सहारा लिया। नंदीहॉल से भाजपाईयों को निकालने की जवाबदारी उनको सौंप दी। नतीजा ...1 दर्जन से ज्यादा भाजपा नेताओं को सीएम सिक्योरिटी ने बगैर किसी लिहाज के बाहर निकाल दिया।
भागते-भागते पहुंचे ...
बुधवार को शपथ विधि समारोह भोपाल में था। इसके लिए शहर के अधिकांश भाजपा नेता राजधानी गये थे। इधर मुख्यमंत्री अचानक उज्जैन आ गये। तो भोपाल से निकले कई भाजपा नेता जैसे-तैसे उज्जैन पहुंचे। जिस वक्त वह पहुंचे, तब तक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वापस रवाना हो रहे थे। इन सभी ने हेलीपेड पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की। यहां पर मुख्यमंत्री ने महिदपुर से अभी-अभी चुनाव हारे पूर्व विधायक बहादुरसिंह चौहान को अपने गले लगाकर स्नेह दिखाया।
पदभार ग्रहण ...
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री श्री यादव ने वल्लभ भवन पहुंचकर पदभार संभाला। इस दौरान शहर के कई भाजपा नेता मौजूद थे।