रक्तदान तो मजबूरी: थाना घेरना है 'जरूरी'... !
भाजयुमो के कदम से विधायक नाराज
उज्जैन। भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री के जन्मदिन को सेवा- पखवाड़ा (15 दिन तक) के रूप में मना रही है। मतलब आगामी 2 अक्टूबर तक हर रोज कार्यक्रम होंगे। इसी कड़ी में आज रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। रक्तदान की जिम्मेदारी राजधानी से भारतीय जनता युवा मोर्चा को दी गई थी। टारगेट भी निर्धारित था। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 100 यूनिट। मगर लोकशक्ति कार्यालय पर शाम को यह सुनने को मिला। रक्तदान तो मजबूरी: थाना घेरना है 'जरूरी'... !
भाजयुमो नगर जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन कुशवाह के नेतृत्व में रक्तदान शिविर लगा था। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का। उत्तर विधानसभा में मंगलवार को होगा। इस शिविर में 100 यूनिट रक्त एकत्रित होना था। किन्तु 55 यूनिट के अंदर ही आंकड़ा सिमटकर रह गया। वजह ... रक्तदान शिविर को छोड़कर जिलाध्यक्ष थाना चिमनगंज का घेराव करने चले गये थे। जिसके कारण रक्तदान शिविर का डेढ़ घंटा बरबाद हो गया। क्योंकि जिलाध्यक्ष के साथ बाकी पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी पहुंच गये। जिसका असर रक्तदान शिविर के लक्ष्य पर पड़ा। 100 के बदले 55 यूनिट ही रक्तदान हुआ।
पहले यहां आओं ...
थाना चिमनगंज के घेराव का कारण बने। भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष व सांसद प्रतिनिधि पवन विश्वकर्मा। जिनकी गाडी की टक्कर लग गई या उनको लग गई। पुलिस पहुंच गई। फिर एएसआई सलीम से विवाद हो गया। आरोप-प्रत्यारोप लग गये। इधर भाजयुमो ग्रुप में मैसेज डल गया। थाना चिमनगंज पहुंचो। उपाध्यक्ष ने भी फोन लगा दिया। जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन को। साफ-साफ कहा। पहले यहां आओं... फिर मैं वहां आऊंगा। थाने को घेर लिया गया। अब घेराव है तो जिन्दाबाद- मुर्दाबाद ... होना स्वभाविक है। मांग थी। एएसआई को सस्पेंड करो। वरिष्ठ अधिकारियों से बात हुई। आश्वासन मिला। शाम तक हटा देंगे। लेकिन खबर लिखने तक हटाने की कोई खबर भाजयुमो के पास नहीं थी।
आगबबूला हुए ...
इधर रक्तदान शिविर में विधायक पारस जैन पहुंचे। तो उनको पता चला। उनकी विधानसभा में थाने का घेराव हो रहा है। करने वाले भाजयुमो जिलाध्यक्ष है। पूछताछ करी। तो महामंत्री श्रीपाल का नाम सामने आया। महामंत्री को फोन लगवाया। विधायक ने आक्रोश दिखाया। साफ-साफ कहा। मेरी विधानसभा में धरना। मुझे पता नहीं। भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक जोशी को भी पता नहीं। चुनाव सामने है। सूत्रों का कहना है। विधायक यह तक बोल गये। अगर मैं पार्टी का जिलाध्यक्ष होता। तो आज ही निष्कासित कर देता। उसके बाद विधायक ने सामने मुलाकात होने पर जिलाध्यक्ष भाजयुमो को भी फटकार लगाई। बगैर पूछे कैसे धरना दिया। इस घटनाक्रम के बाद शाम को बैठक हुई। लोकशक्ति कार्यालय पर। 20 सितम्बर को मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर। यहां पर भी विधायक ने नाराजगी दिखाई। बगैर पूछे धरना दिये जाने को लेकर। उन्होंने भाजयुमो प्रदेश कोषाध्यक्ष जयंत गरूड को अपनी नाराजगी दिखाई।