सवा लाख नाल एक लडावा : तवे गोविंदसिंह नाम कहावा ...!

सवा लाख नाल एक लडावा : तवे गोविंदसिंह नाम कहावा ...!

उज्जैन। सबसे पहले हम भारत की शूरवीर कौम से माफी मांगते है। अगर उनकी इस पवित्र गुरूवाणी को लिखने में हमसे कोई गलती हुई हो। क्योंकि हम इतने ज्ञानी नहीं है। मगर आज यह गुरूवाणी विक्रमोत्सव- व्यापार मेला की बैठक में सुनाई दी। पवित्र गुरूवाणी का उपयोग संभागायुक्त के श्रीमुख से निकली। निशाने पर थे विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान के निदेशक।

संभागायुक्त संजय गोयल ने आज विक्रमोत्सव - व्यापार मेले और इंवेस्टर्स मीट को लेकर बैठक बुलाई थी। जो कि 1 मार्च से 9 अप्रैल तक चलेगी। इंवेस्टर्स मीट केवल 3 दिन की होगी। बैठक में शोधपीठ निदेशक श्रीराम तिवारी सहित कलेक्टर नीरजसिंह, जिंप सीईओ मृणाल मीना, आयुक्त नगर निगम आशीष पाठक, उविप्रा सीईओ संदीप सोनी, सहित सभी अधिकारी मौजूद थे।  

गोपनीय ...

बैठक में मौजूद हमारे सूत्रों का कहना है। इस बैठक में शोधपीठ निदेशक निशाने पर थे। तभी तो संभागायुक्त ने उनको यह बोल दिया। विक्रमोत्सव को लेकर कोई प्रजेटेंशन दिखायेंगे। या फिर यह गोपनीय है। इसको नहीं दिखायेंगे। जहां दिखाना जरूरी है। वहीं दिखायेंगे। निदेशक श्री तिवारी आज की बैठक में केवल विक्रमोत्सव से संबंधित एक बुकलेट लेकर आये थे। संभागायुक्त की बात सुनकर वह चुप रहे। जिसके बाद संभागायुक्त ने इस गुरूवाणी का उपयोग किया।