विधायक की डिमांड : वीआईपी पास व्यवस्था बंद करो...!
नागचंद्रेश्वर की पूजा करते विनित गिरी जी
उज्जैन। नागचंद्रेश्वर दर्शन व्यवस्था के अतिविशिष्ट पास जारी करना प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया। आमजनता, हमेशा की तरह लाइन में लगकर दर्शन का आनंद लेती रही। आमजनता इतने लंबे रस्ते के कारण परेशान जरूर दिखी, मगर आस्था का भाव भी था। इसलिए चुपचाप दर्शन करके लौट गई। किन्तु पहली दफा अतिविशिष्ट पासधारी परेशान हुए। तभी तो उत्तर विधायक यह कहने पर मजबूर हो गये। उन्होंने दूरभाष पर साफ-साफ कहा। पास जारी करो तो व्यवस्था करो, वर्ना वीआईपी पास व्यवस्था बंद करो...!
उत्तर विधायक पारस जैन को सुबह से ही शिकायत मिल रही थी। दूरभाष पर। वीआईपी व्यवस्था में खराबी है। जिस पर विधायक ने कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम और एसपी सचिन शर्मा को इससे अवगत कराया था। व्यवस्था सुधारने के लिए कहा था। शाम को वह व्यवस्था देखने निकले। तो कई जगह पर पासधारियों को अंदर जाने के लिए जूझते देखा। विधायक ने तत्काल जैसे-तैसे इन लोगों को अंदर कराया। फिर घूमते-घूमते अतिविशिष्टजन गेट पहुंच गये। जो कि नेवैद्य द्वार के नजदीक बनाया गया था।
ताला खुलवाओ ...
जिस अतिविशिष्ट गेट पर विधायक पहुंचे। वहां ताला लगा था। ताला खोलने को कहा। मगर मना कर दिया गया। नतीजा ... विधायक वही बैठ गये और बोले... तभी उंठूगा ... जब ताला खुलेगा। पहलवान की इस कदम की सूचना तत्काल प्रशासन तक पहुंची। जिसके बाद तत्काल ताला खुल गया। विधायक श्री जैन का कहना है कि ... ऐसे पास देने से तो अच्छा है कि अगले साल से वीआईपी पास ही बंद कर दिया जाये।
12 बनाम 3 ...
इधर रविवार की रात को जब नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुले। यह मंदिर साल में 1 बार मात्र 24 घंटे के लिए खुलता है। तब कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम के 2 चेहरे नजर आये। पहला रात 12 बजे तो दूसरा रात 3 बजे। जब रात 12 बजे पूजन शुरू होना था तब मंदिर में जाने वालो की काफी भीड थी। यहां कलेक्टर ने सख्ती दिखाई। उन्होंने सीधा पूछा। श्री विनित गिरी जी की लिस्ट में कितने नाम है। जवाब मिला। केवल 16। तो अंदर जाने की इजाजत केवल 16 भक्तों को मिली। बाकी को रोक दिया गया। इसके बाद रात 3 बजे की घटना है। कंट्रोल रूम से कलेक्टर बाहर निकले। व्यवस्था देखने। तो कई लोग बाहर खड़े थे। कलेक्टर ने इन सभी को महाकाल मंदिर की तरफ प्रवेश दिलाया। बेरिकेड्स हटवाये। निर्देश दिये कि ... अब जो भी भूला-भटका इस तरफ से आये तो उसको रोका ना जाये। महाकाल मंदिर तरफ प्रवेश दिया जाये।