इधर शिकायत मिली: उधर नोटिस जारी ...!

मामला महाकाल मंदिर की सुरक्षा का  

इधर शिकायत मिली: उधर नोटिस जारी ...!

लोकायुक्त शाखा उज्जैन एक शिकायत मिली थी। मंदिर की सुरक्षा निविदा को लेकर। जिसमें 10 सवाल उठाये गये। इस शिकायत में मंदिर प्रशासक की कार्यप्रणाली पर आरोप लगाये गये है। शिकायत में पारदर्शिता के बदले पक्षपात का रवैया साफ-साफ नजर आ रहा है। जिसके चलते लोकायुक्त शाखा ने शिकायत को गंभीरता से लिया। तभी तो मंदिर प्रशासक को नोटिस जारी किया है। नतीजा मंदिर के गलियारों में यह चर्चा है। 10 बिंदुओं की शिकायत से मचा बवाल ... नोटिस जारी!

मंदिर प्रशासक संदीप सोनी के ड्रीम- प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े हो गये है। सवाल उठाने वाली लोकायुक्त पुलिस है। जिसने शिकायत को ठोक-बजाकर परखा, फिर नोटिस जारी किया है। शिकायत से यही साबित हो रहा है। सुरक्षा निविदा निकालते वक्त ऐसी शर्ते डाली गई। जिससे महाराष्ट्र की फर्म क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड को फायदा हुआ। सरल व सीधी भाषा में लिखा जाये तो शिकायतकर्ता ने यही लिखा है कि ... जिस कंपनी को सुरक्षा का ठेका देना था, उसके हिसाब से शर्ते बनाई गई। तभी तो नोटिस  जारी हुआ है।

शिकायत ...

1- क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड को कार्य देने का आधार 500 करोड़ टर्न ओवर बनाया है। जबकि निविदा में मेरिट के आधार पर नम्बरिंग की गई। यह पैमाना गलत है। इससे जाहिर होता है कि निविदा को कंपनी विशेष को लाभ प्रदान करने के लिए बनाया गया था।

2- क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड के पास सुरक्षा कार्य हेतु वैध पसारा लायसेंस नहीं है। कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए निविदा में 30 दिन में पसारा लायसेंस देने की शर्त डाली गई। जबकि पसारा नहीं होने के चलते, क्रिस्टल निविदा डालने में ही सक्षम नहीं थी। कंपनी को लाभ दिलाने के लिए शर्त डाली गई। जो कि निजी सुरक्षा एजेंसी नियम 2005 का सरासर उल्लघंन है

3- क्रिस्टल के पास टर्न ओवर सुरक्षा का नहीं है। मैन पॉवर का है। जबकि निविदा सुरक्षा की निकली। मैन पॉवर का टर्न ओवर 500 करोड़ मिलाकर मान्य किया जाना, कंपनी को लाभ पहुंचाने का मकसद दर्शाता है।

4- प्रबंध समिति ने 5 प्रतिशत सर्विस चार्ज रखा। जबकि मंदिर का संचालन दान से होता है। पूर्व की कंपनिया 1 प्रतिशत में काम करती आ रही है। तो 5 प्रतिशत चार्ज करना, सीधे-सीधे कंपनी को 1 करोड़ का लाभ पहुंचाना है।

5- प्रीबिड के समय जो आपत्तियां आई। उनका सही निराकरण नहीं किया गया और ना ही अनुमोदन। बिना अनुमोदन के क्रिस्टल को लाभ पहुंचाने के लिए 31 जनवरी 2023 को निविदा में संशोधन कर दिया गया।

6- निविदा के पेज नं. 12 पर लिखी शर्तो में से बिना सक्षम स्वीकृति के 1 शर्त को विलोपित कर दिया गया। जिसका फायदा क्रिस्टल कंपनी को मिला।

7- निविदा में स्टार्ट-अप और एमएसएमई का पालन नहीं किया गया।

8- निविदा सुरक्षा की जारी हुई थी। किन्तु क्रिस्टल को लाभ देने के लिए शर्तो में फेरबदल किया गया। टर्न ओवर में लाभ पहुंचाने के लिए सुरक्षा/ मैन पॉवर कर दिया गया। मैन पॉवर में  कम्प्यूटर ऑपरेटर, नर्स आदि भी आते है। इनका सफाई से क्या संबंध।

9- निविदा में यह अंकित है। चुनी गई सुरक्षा एजेंसी को कम्प्यूटर ऑपरेटर- चपरासी- नर्सिंग स्टाफ- केटरिंग स्टाफ- टाईपिंग- लोडर- इलेक्ट्रीशियन- सिविल इंजीनियर- स्टेनोग्राफर- आर्किटेक्ट- प्लंबर- शिक्षक आदि प्रदान करने होंगे। सवाल यह है कि ... महाकाल मंदिर द्वारा निकाली गई निविदा सुरक्षा की है या मल्टी टास्किंग...।

खुलासा ...

विदित रहे कि ... चुप रहेंगे डॉट-कॉम ने सबसे पहले 10 मार्च 23 को यह लिखा था। मन्नत के चौकीदार ही करेंगे मंदिर की सुरक्षा। जिसमें स्पष्ट लिखा था। महाकाल मंदिर की सुरक्षा का ठेका आखिर किस कंपनी को मिलेगा। यह राज अब खुल गया है। सूत्र इशारा कर रहे है। बालीवुड स्टार शाहरूख खान के घर की सुरक्षा करने वाली कंपनी क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विस को ही सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलेगी। इस नई सुरक्षा कंपनी से मंदिर को सालाना 1 करोड़ का फटका लगेगा। चुप रहेंगे डॉट-कॉम ने जो खुलासा किया था। वही सच निकला।

जवाब देंगे ...

लोकायुक्त से मिले नोटिस की पुष्टि मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने भी की है। उनका कहना था कि ... सभी कार्य नियमानुसार हुआ है। नोटिस का जवाब दिया जायेगा। यह बयान 3 दिन पहले उन्होंने एक सवाल के जवाब में दिया था।