हेलीपेड पर खुश,कीर्ति मंदिर में ' नाराज '...!
उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री शनिवार को उज्जैन आये थे। इस दिन उनके 2 रूप देखने को मिले। हेलीपेड पर उतरते ही वह बहुत ज्यादा खुश नजर आये। जिसका सबूत ऊपर लगी तस्वीर है। जबकि विक्रम कीर्ति मंदिर में उनके चेहरे पर नाराजगी के भाव थे। मुख्यमंत्री की नाराजगी को कार्यक्रम में मौजूद भाजपा नेताओं ने भी महसूस किया। इधर जब हेलीपेड की तस्वीरे जनसंपर्क से जारी हुई। तो भाजपाई यह कहते नजर आये। हेलीपेड पर ' खुश ': कीर्ति मंदिर में ' नाराज '...!
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान शनिवार को मात्र 2 घंटे के लिए उज्जैन आये थे। उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी थे। मुख्यमंत्री, विक्रम कीर्ति मंदिर में आयोजित नेशनल सोशल मीडिया कॉन्क्लेव का शुभारंभ करने के लिए आये थे। इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव को भी आमंत्रित किया गया था। इन तीनों हस्तियों की मौजूदगी में सोशल मीडिया कॉन्क्लेव का उद्घाटन हुआ। यही पर पहले प्रदेश प्रभारी और फिर मुख्यमंत्री नाराज नजर आये। जिसके चलते खुद कलेक्टर आशीषसिंह को व्यवस्था सुधारने के लिए दौड़ा-भागी करनी पड़ी।
मुस्कान की वजह ...
ऊपर लगी तस्वीर को झूम करके देखिए। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की नजर सीधे एसपी सत्येन्द्र शुक्ल पर है। एसपी मुस्कुरा रहे हैं। पीछे चल रहे कलेक्टर आशीषसिंह खुलकर मुस्कुरा रहे हैं। आईजी संतोषसिंह के चेहरे पर भी मुस्कान है। अब सवाल यह है कि ... आखिर हेलीपेड पर ऐसा क्या हुआ? जिसके चलते पुलिस और प्रशासन मुस्कुराने पर मजबूर हो गया। तो कयास लगाते है। मुख्यमंत्री ने संभवत: इन सभी से पूछा होगा। सबकुछ ठीक चल रहा है। आईजी से झोन के बारे में... कलेक्टर से महाकाल फेज-2 के बारे में... और एसपी से जिले को लेकर सवाल किया होगा? मगर सवाल यह है कि ... आखिर मुख्यमंत्री ने ऐसा क्या सवाल कर लिया? जिसके चलते सभी अधिकारी मुस्कुराने लगे। एक कयास यह भी हो सकता है कि ... मुख्यमंत्री ने संभवत: एसपी से उनकी पदोन्नति को लेकर कोई सवाल कर लिया होगा? नतीजा सभी मुस्कुराने लगे? यह हमारा केवल कयास है। वजह कोई दूसरी भी हो सकती है। इन सभी के मुस्कुराने की?
कलेक्टर मैदान में ...
हेलीपेड से निकलकर मुख्यमंत्री का काफिला सर्किट हाऊस पहुंच गया। जबकि उनका काफिला सीधे विक्रम कीर्ति मंदिर जाना था। इसकी वजह यह थी कि ... विक्रम कीर्ति मंदिर में शुभारंभ की तैयारी पूरी नहीं हुई थी। नतीजा 20 मिनिट मुख्यमंत्री को सर्किट हाऊस पर इंतजार करना पड़ा। आखिरकार मुख्यमंत्री विक्रम कीर्ति मंदिर पहुंचे। जहां मंच पर लगी एलईडी के साउंड के कारण कलेक्टर को भागादौड़ी करनी पड़ी। घटनानुसार एलईडी का साउंड मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष को परेशान कर रहा था। नतीजा ... प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव मंच से उठकर, साउंड सिस्टम कंट्रोल पर पहुंच गये। यह देखकर कलेक्टर भी तत्काल वहां पहुंचे। कलेक्टर ने साउंड सिस्टम संचालक से बात करी। कुछ निर्देश दिये। इसके बाद भी मंच पर लगी एलईडी का साउंड सिस्टम सही नहीं हुआ। इधर ... कलेक्टर ने, मंच पर पहुंचकर मुख्यमंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। (देखे फोटो) सूत्रों का कहना है कि ... मुख्यमंत्री के उद्बोधन के दौरान भी एलईडी का साउंड, मंचासीन अतिथियों को परेशान करता रहा।
प्रथम नागरिक ...
शहर के प्रथम नागरिक महापौर का एक प्रोटोकॉल होता है। प्रथम नागरिक होने के चलते उनको ससम्मान बैठने की जगह तो मिलनी ही चाहिये? मगर आज विक्रम कीर्ति मंदिर में ठीक इसके उलट हुआ। मुख्यमंत्री सहित बाकी अतिथि मंच पर जाने का इंतजार कर रहे थे। सामने लगे सोफे पर अतिथि विराजमान थे। बगलवाले सोफे पर स्थानीय भाजपा जनप्रतिनिधि बैठे थे। इसी दौरान महापौर मुकेश टटवाल का आगमन हुआ। उनको देखकर किसी भी जनप्रतिनिधि ने जगह नहीं दी। नतीजा ... महापौर मुकेश टटवाल को 5 मिनिट तक खड़ा रहना पड़ा। जब मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष मंच पर गये। तब जाकर जाकर सोफा खाली हुआ और प्रथम नागरिक को बैठने की जगह मिली।