इधर 'सम्मान' उधर 'चालान'...!
उज्जैन। जिला उज्जैन को आज जहां एक खुशखबरी मिली है। वहीं दूसरी तरफ बुरी खबर भी सामने आई है। अच्छी खबर यह है कि जिले के मुखिया देश की राजधानी में सम्मानित होंगे। वहीं बुरी खबर यह है कि सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री व सहायक आयुक्त नगर निगम के खिलाफ चालान पेश हो गया है। तभी तो संकुल से लेकर शिवाजी भवन तक चर्चा है। इधर 'सम्मान' उधर 'चालान' ...!
जनहित काम जरूरी: बाकी गैर जरूरी...। यह स्लोगन इन दिनों संकुल के गलियारों में अकसर सुनाई देता है। कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम का लक्ष्य जनहित कार्यो पर ज्यादा रहता है। जिसका नतीजा आज सामने आया है। उनको नई दिल्ली में सम्मानित किया जायेगा। भारत सरकार किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा। देश की राजधानी में कलेक्टर को भूमि प्लेटिनम सम्मान से सम्मानित करने के लिए बुलाया गया है। उनको यह सम्मान स्वामित्व योजना के तहत 1 लाख 29 हजार 882 भू-अधिकार पत्र तैयार करवाने और किसान सम्मान निधि योजना में 1 लाख 92 हजार 052 हितग्राहियों को लाभ दिलाने के बदले दिया जा रहा है।
चालान पेश ...
ऊपर हमने अच्छी और बुरी खबर का जिक्र किया था। अच्छी खबर नई दिल्ली में सम्मानित होने वाली है। वही बुरी खबर यह है कि ... नगर निगम की सहायक आयुक्त नीता जैन के खिलाफ चालान पेश हो गया है। भरोसेमंद सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। लोकायुक्त ने यह चालान पेश किया है। मामला उस वक्त का है। जब नीता जैन, जावरा जिला रतलाम में सीएमओ पदस्थ थी। तब उनको 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों लोकायुक्त ने पकड़ा था। इसी मामले में चालान पेश हुआ है। चालान पेश करने की सूचना नगर निगम आयुक्त तक भेज दी गई है। जिसके बाद उनका निलंबन होना पक्का है।
अड़चन ...
भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी का बचाव कैसे राजनीति करती है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है यह मामला। जो कि नगर सरकार की वजह से अटका है। देवास रोड़ स्थित होटल के सामने बनी बिल्डिंग आरएमविनो का मामला है। यह बिल्डिंग ... एमओएस उल्लंघन और आवासीय को व्यवसायिक उपयोग में लाने का पक्का प्रमाण है। जिसको लेकर लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज है। इसमें 2 कार्यपालन यंत्री आरोपी है। पहले रामबाबू शर्मा और दूसरे अरूण जैन। दोनों सेवानिवृत्त हो चुके है। श्री शर्मा अभी-अभी हुए है। उनके खिलाफ शासन द्वारा अभियोजन की स्वीकृति दी जा चुकी है। जबकि अरूण जैन के खिलाफ आज तक स्वीकृति लंबित है। 2 बार प्रस्ताव भेजा जा चुका है। लेकिन नगर सरकार के मुखिया और उनकी टीम आज तक स्वीकृति नहीं दे रही है। जिसके चलते अरूण जैन के खिलाफ चालान पेश नहीं हो पा रहा है। जबकि इसी मामले में उपयंत्री मीनाक्षी शर्मा व कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी जा चुकी है। यहां यह लिखना जरूरी है कि ... अरूण जैन का नियोक्ता नगर निगम है। इसलिए एमआईसी की स्वीकृति चाहिये। जबकि रामबाबू शर्मा का नियोक्ता शासन था। इसलिए राजधानी से ही अभियोजन स्वीकृति दे दी गई है।