जब दिखाई थी 'स्लाइड ': तब आपत्ति क्यों नहीं उठाई ...!
उज्जैन। कांग्रेस एफआरपी मूर्तियों को लेकर आक्रामक शैली में है। क्योंकि तेज आंधी के चलते 6 ऋषियों की मूर्तियां टूट चुकी है। लेकिन 23 अगस्त 2019 को हुई महत्वपूर्ण बैठक की प्रोसेडिंग नया खुलासा कर रही है। यह बैठक तत्कालीन प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में हुई थी। जिसमें उनके सहित 3 केबिनेट मंत्री व कांग्रेसी विधायक शामिल हुए थे। बैठक में तत्कालीन मुख्य सचिव भी मौजूद थे। इसी बैठक में महाकाल लोक को लेकर स्लाइड दिखाई गई थी। तब किसी ने भी एफआरपी की मूर्तियों को लेकर आपत्ति नहीं उठाई थी।
चुप रहेंगे डॉट-कॉम को उस बैठक की प्रोसेडिंग (कार्यवाही विवरण) हाथ लगी है। बैठक बृहस्पति भवन में हुई थी। दोपहर 12 बजे। जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन लोक निर्माण विभाग व जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन वर्मा ने की थी। बैठक का विषय श्रीमहाकालेश्वर मंदिर विकास था। इसमें तत्कालीन मुख्यसचिव एसआर मोहंती, तत्कालीन धर्मस्व मंत्री पीसी शर्मा, नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धनसिंह, विधायक रामलाल मालवीय, महेश परमार, दिलीप गुर्जर, मुरली मोरवाल और तत्कालीन कांग्रेसी नेता (अब भाजपा में) राजेन्द्र भारती शामिल थे। इनके अलावा तत्कालीन प्रमुख सचिव धर्मस्व मनोज श्रीवास्तव, संभागायुक्त अजीत कुमार, आईजी राकेश गुप्ता, डीआईजी अनिल शर्मा, कलेक्टर शंशाक मिश्र, एसपी सचिन अतुलकर, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा और तत्कालीन मंदिर प्रबंध समिति सदस्य आशीष गुरू भी मौजूद थे। राजधानी के सूत्रों से मिली इस 5 पेज की प्रोसेडिंग में ... किसी ने भी एफआरपी की मूर्तियों को लेकर आपत्ति नहीं उठाई थी।
स्लाइड-शो...
इस बैठक में शामिल रहे कुछ सूत्रों से बात हुई। जिन्होंने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया। बैठक में स्लाइड- शो के माध्यम से महाकाल लोक में लगने वाली मूर्तियों को दिखाया गया था। सभी ने यह स्लाइड- शो देखा था। किसी ने भी उस वक्त आपत्ति नहीं उठाई थी। तत्कालीन प्रभारी मंत्री सज्जन वर्मा ने निर्देश दिये थे कि ... मंदिर में जो नया निर्माण किया जाना है। वह वाराणासी- काशी और तिरूपति बालाजी मंदिरों के समान प्राचीनता को अक्षुण्य रखते हुए किया जाये। बैठक में तत्कालीन मुख्यसचिव ने निर्देश दिये थे कि ... वाराणासी- काशी- तिरूपति बालाजी का भ्रमण करने के लिए 3-4 अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की समिति बनाई जाये। जो वहां जाकर व्यवस्थाओं को देखेंगे और महाकालेश्वर मंदिर विकास निर्माण प्रोजेक्ट पर काम करेंगे।
अष्टधातु बनाम पाषाण ...
3 मंत्रियों और मुख्यसचिव की बैठक में शामिल विधायक महेश परमार ने 7 मुद्दे उठाये थे। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ... मंदिर से वीआईपी कल्चर व गर्भगृह पूर्णरूप से प्रतिबंधित किये जाने वाला था। मंदिर समिति में सदस्यों की संख्या 6 से 8 करने का था। किन्तु ... अष्टधातु व पाषाण मूर्ति का कोई सुझाव नहीं था। इसके अलावा उन्होंने अपने कार्यालय के पत्र क्र. 1163/2019 दिनांक 14 अगस्त को 12 बिन्दुओं के सुझाव दिये थे। लेकिन इस बैठक की प्रोसेडिंग में कहीं पर भी अष्टधातु या पाषाण मूर्ति का उल्लेख नहीं है।
संयुक्त हस्ताक्षर ...
आमतौर पर बैठकों की प्रोसेडिंग पर हस्ताक्षर कलेक्टर द्वारा किये जाते है। लेकिन इस विशेष बैठक की कार्यवाही विवरण पर संयुक्त हस्ताक्षर थे। तत्कालीन जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन वर्मा व तत्कालीन कलेक्टर शंशाक मिश्र के संयुक्त हस्ताक्षर से यह प्रोसेडिंग जारी हुई थी। 19 सितम्बर 2019 को।
बाल-बाल बचे ...
कांग्रेस लगातार महाकाल लोक निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। जिस पर आज पहली मोहर लग गई। गुरूवार की दोपहर को एक हादसा होते-होते बच गया। महाकाल लोक में वीडियों पत्रकार मनोज कुशवाह कवरेज करने गये थे। तब अचानक वह जिस गेट के नीचे खड़े थे। उस द्वार पर लगा करीब 3 से 4 किलो का लट्टू (पत्थर का ... देखे फोटो) अचानक गिर गया। वीडियों पत्रकार कुछ पल पहले ही वहां पर खड़े थे। उनके हटते ही यह हादसा हुआ। अगर 5 सेकेंड की भी देरी हो जाती तो बड़ी घटना हो सकती थी।