प्रधानमंत्री वापस गये, अब जांच दल का इंतजार ...!

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प्रधानमंत्री वापस गये, अब जांच दल का इंतजार ...!

उज्जैन। महाकाल लोक मूर्तिकांड को लेकर बवाल मचा हुआ है। शासन और प्रशासन की नींद हराम है। कांग्रेस लगातार प्रहार कर रही है। भ्रष्टाचार का खुला आरोप लगा रही है। उसके इस आरोप पर शासन ने भले ही क्लीन चिट दे दी है। लेकिन लोकायुक्त कार्यालय भोपाल ने संज्ञान लेकर प्रशासन पर तलवार लटका दी है। तभी तो प्रशासन को पत्र लिखना पड़ा। जब तक नेपाल के प्रधानमंत्री वापस नहीं जाते... तब तक जांच दल नहीं भेजे। 

प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने 4 दिन पहले ही साफ-साफ लफ्जों में कहा था। महाकाल लोक निर्माण में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। उन्होंने कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था। जिसके बाद यह माना जा रहा था कि ... अब महाकाल लोक निर्माण को लेकर कोई जांच नहीं होगी। किन्तु लोकायुक्त कार्यालय भोपाल के एक पत्र ने स्मार्ट सिटी कार्यालय में हड़कंप मचा दिया है। जिसके चलते कार्यपालक निदेशक उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड को एक पत्र तत्काल लिखना पड़ा। ऐसा हमारे राजधानी के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है।

जांच करने आ रहे ...

राजधानी के सूत्रों ने बताया कि मुख्य अभियंता लोकायुक्त कार्यालय ने एक पत्र 31 मई को लिखा था। जो कि उसी दिन कार्यपालक निदेशक रोशनसिंह को मिल गया। पत्र क्र. 348 में 2 बिन्दुओं पर जानकारी मांगी गई थी। जिसमें पहला बिन्दू... महाकाल लोक में कराये गये कार्यो की स्वीकृत डीपीआर की मूलप्रति। दूसरा बिन्दू ... एफआरपी मूर्तियां बनाकर, स्थापित करने वाले कार्य की निविदा-अनुबंध- कार्यादेश की मूलप्रति। निविदा आमंत्रण से लेकर निविदा स्वीकृति, कार्य पूर्ण होने, भुगतान के देयक तथा इन कार्यो की वर्तमान स्थिति की जानकारी, पत्राचार- नस्ती एवं नोटशीट की मूलप्रति।

माननीय लोकायुक्त ने निर्देश दिये थे कि ... इन बिंदुओं की जांच के लिए एक जांच दल 1 जून 2023 को उज्जैन आ रहा है। इसलिए सभी अभिलेखों के साथ मौके पर मौजूद रहकर निरीक्षण दल को सहयोग प्रदान करने के लिए निर्देशित किया जाता है। इस जांच दल का मुखिया कार्यपालन यंत्री लोकायुक्त कार्यालय को बनाया गया है।

प्रधानमंत्री आ रहे ...

सूत्रों का कहना है। स्मार्ट सिटी कार्यालय में इस पत्र ने बम फूटने के बाद वाला सन्नाटा पैदा कर दिया। क्योंकि शासन से पहले ही क्लीन चिट मिल गई थी। किसी को भी उम्मीद नहीं थी। माननीय लोकायुक्त महोदय स्व-संज्ञान लेंगे। ऐसे में इस पत्र से हड़कंप मच गया। उस पर जांच दल 1 जून 2023 को जांच करने आ रहा था। तब कार्यपालक निर्देश रोशनसिंह ने एक पत्र लिखा। जिसमें नेपाल के प्रधानमंत्री की यात्रा का उल्लेख था। जो 2 जून अर्थात आज आये थे। उनकी व्यवस्थाओं में पूरा प्रशासन लगा हुआ था। ऐसे में जांच होना असंभव था। इसलिए समय मांगा गया। लोकायुक्त कार्यालय ने इस निवेदन को स्वीकार कर लिया। ऐसा सूत्रों का कहना है। अब नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पराज कमल, महाकाल दर्शन करके जा चुके है और अब प्रशासन को लोकायुक्त जांच दल का इंतजार है।