मुख्यमंत्री को समारोह की, नेताओं को आरोपी की ...!
अपनी-अपनी चिंता ...
उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की केबिनेट का मंगलवार को उज्जैन में डेरा था। पहली दफा केबिनेट की बैठक हुई शहर में। इसलिए उत्साह भी चरम पर था। खासकर भाजपा और मीडिया का। लेकिन मुख्यमंत्री को केवल 11 अक्टूबर के समारोह की चिंता थी। जिसके लिए उन्होंने जाते वक्त सभी भाजपा नेताओं को नसीहत दी। हेलीकाप्टर में चढने से पहले। वहीं मुख्यमंत्री के आगमन से पहले 2 भाजपा नेताओं की अलग चिंता नजर आई। दोनों भाजपा नेता पुलिस अधीक्षक से एक आरोपी को बचाने की गुहार लगा रहे थे।
शिवराज मंत्रिमंडल की केबिनेट बैठक उज्जैन में क्यों हुई। यह कोई राज की बात नहीं है। सभी को पता है कि महाकाल- लोक (महाकाल कारिडोर का नया नाम) का शुभारंभ करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आने वाले है। जिसके चलते ही केबिनेट बैठक संपन्न हुई। कलेक्टर आशीषसिंह और एसपी सत्येन्द्र शुक्ल ने अपनी-अपनी टीम के साथ बैठक को सफल बना दिया। लेकिन हेलीपेड पर हुई दोनों घटनाओं की चर्चा पूरी भाजपा में है। जिसके चलते भाजपाई खुलकर बोलते नजर आये। अपनी-अपनी चिंता... मुख्यमंत्री को समारोह की ... नेताओं को आरोपी की...।
वातावरण बनाए ...
इसमें कोई शक नहीं है। महाकाल- लोक के लोकापर्ण को लेकर मप्र की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। इसीलिए मुख्यमंत्री श्री चौहान चिंतित है। प्रशासन तो उनके हर निर्देश का पालन करेंगा ही। किन्तु पार्टी भी इस लोकापर्ण समारोह के लिए तैयार रहे। इसके लिए उन्होंने हेलीपेड पर मौजूद सभी भाजपा नेताओं को समझाया। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, दोनों जिलाध्यक्ष सहित कई भाजपा नेता मौजूद थे। करीब 4 मिनिट तक सभी को नसीहत दी। जिसका सार यह था कि ... पूरे शहर और जिले में उत्सव का वातावरण निर्मित करे। लोकापर्ण कार्यक्रम अद्भूत होना चाहिये। इस दौरान मुख्यमंत्री के ओएसडी आनंद शर्मा सहित जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।
इनकी चिंता...
इस तस्वीर को गौर से देखिए। जिसमें पुलिस अधीक्षक अपने हाथ के इशारे से कुछ समझा रहे है। उनके सामने खड़े है नगर भाजपा महामंत्री विशाल राजोरिया और सनवर पटेल। इन तीनों को बड़े गौर से देखने वाले स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक है। तस्वीर को देखकर पाठकगण शायद कुछ नहीं समझे। लेकिन मीडिया अंदाजा लगा सकती है। इस तस्वीर के आखिर क्या मायने है? पुलिस अधीक्षक हाथ के इशारे से आखिर क्या समझा रहे है? विदित रहे कि ... 1 दिन पहले ही भाजपा नेता सनवर पटेल के करीबी पर धारा 376 का मामला दर्ज हुआ है। प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपी फरार है। आज सुबह पुलिस ने आरोपी के घर पर दबिश भी दी। आरोपी हत्थे नहीं लगा। जिसके बाद हेलीपेड पर यह नजारा नजर आया। जिसको देखकर वहां मौजूद बाकी भाजपा नेता समझ गये। आखिर क्या माजरा है और क्यों सनवर पटेल ने महामंत्री का सहारा लिया है। पुलिस अधीक्षक का अपना हाथ उठाकर समझाना भी ... यही साबित कर रहा है कि ... भाजपा नेता सनवर पटेल की आखिर क्या चिंता थी।
मुझे नहीं जानते ...
मुझे नहीं पहचानते- मुझे नहीं जानते...! यह डायलॉग पुलिस को हर बार सुनना पडता है। खासकर तब, जब मुख्यमंत्री का आगमन होता है। हर दफा यही होता है। पुलिस अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करती है। जिनके लिस्ट में नाम होते है। उनको अंदर जाने देती है। पिछली दफा जब मुख्यमंत्री आये थे। तो हेलीकाप्टर के पास काफी भाजपाई घुस गये थे। जिस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी दिखाई थी। नतीजा ... इस बार उन्हीं को अंदर जाने की अनुमति थी। जिनका नाम लिस्ट में शामिल था। पुलिस ने इस दफा सख्ती दिखाई। मनीष मिश्रा टीआई ने राजेन्द्र भारती, जगदीश अग्रवाल, चिंतामणि मालवीय, इकबालसिंह गांधी आदि को रोक दिया। यह देखकर महामंत्री राजोरिया ने हस्तक्षेप किया और सभी को अंदर ले गये। जिसके बाद डॉ. मालवीय व इकबाल गांधी वापस आये। उन्होंने पुलिस से वही बात कहीं। जिसे सुनने की पुलिस को आदत पड गई है। मुझे नहीं जानते... मुझे नहीं पहचानते।
अतिथि देवो भव..
आज पहली बार शिवराज सिंह की सरकार उज्जैन आई थी।तो अतिथि देवो भव की परंपरा का निर्वहन भी होना था।इसलिए नगर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष सहित तीनो महामंत्री और निगम सभापति ने,स्वागत किया।जैसे ही बैठक खत्म हुई।बैठक कक्ष में जाकर सभी का स्वागत किया गया।हालाकि पहली सूची में निगम सभापति कलावती यादव और प्रदेश कोषाध्यक्ष अनिल जैन कालूहेड़ा का नाम नहीं था।मगर फिर बाद में नई सूची हेलीपेड पर बनाकर दी गई थी।कलेक्टर आशीष सिंह को।यह फेरबदल,उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के आग्रह पर हुआ था।उच्च शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया और सूची में नाम शामिल कर लिया गया।लेकिन जब बैठक स्थल पर पहुंचे,तो रोका गया।जब पॉइंट क्लियर हुआ तो सभी को इजाजत मिल गई।