आप महापौर है ... आप तो नियम का पालन करते ...!

साल की आखरी खबर - एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !

आप महापौर है ... आप तो नियम का पालन करते ...!

उज्जैन। गजब है मंदिर प्रशासन और मंदिर समिति के अध्यक्ष। उससे ज्यादा गजब मंदिर प्रशासक और उनके मातहत। जो कि  आम जनता के लिए तो नियम की सख्ती दिखाते है। लेकिन जब नियम पालन करके,  आदर्श स्थापित करने का मौका आता है। तो महापौर के आगे झुक जाते है। नतीजा ... महापौर गर्भगृह के समीप खड़े होकर फोटो खिचवाते है। अपने सोशल मीडिया पेज पर अपलोड करके, दुनियां को दिखाते है। मंदिर प्रशासन के प्रतिबंध की सरेआम धज्जियां उड़ाते है।

यह जगविदित है कि गत 20 दिसम्बर को मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में एक निर्णय लिया गया था। जिसके चलते प्रबंध समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीषसिंह ने मंदिर परिसर में मोबाइल उपयोग प्रतिबंधित कर दिया था। सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया। निर्णय के बाद ... मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेंटर-1, टनल, कार्तिकेय- गणेश मण्डपम, अभिषेक स्थल, पालकी स्थल, नंदी मण्डपम,गर्भगृह मंदिर परिसर, जूना महाकाल, म्यूजियम परिक्षेत्र, द्वार नम्बर-4, रैम्प, मार्बल गलियारा, सभा मण्डपम, कुण्ड परिसर और निर्गम द्वार तक संपूर्ण क्षेत्र में मोबाइल प्रतिबंधित कर दिया था। फिर भी अगर मोबाइल की आवश्यकता पडती है तो मंदिर प्रशासक यह अध्यक्ष की अनुमति मिलने के बाद मोबाइल का उपयोग होगा। यह आदेश 20 दिसम्बर से प्रभावशील हो गया था। प्रतिबंधित क्षेत्र में मोबाइल का उपयोग करने की दशा में 200 रूपये का जुर्माना किया जायेगा।

धज्जियां ....

अब इस तस्वीर को गौर से देखिए। जिसमें इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव व मंदिर के पुजारी रमण त्रिवेदी नजर आ रहे है। बकायदा, गर्भगृह के बाहर खड़े होकर यह तस्वीर खिचवाई गई। वह भी गुरूवार की रात को। जिसके बाद इंदौर महापौर वापस लौट गये। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज पर यह तस्वीरे अपलोड की। अब सवाल यह है। क्या ... महापौर श्री भार्गव को मंदिर समिति द्वारा लगाये गये प्रतिबंध की जानकारी नहीं थी ? मगर ऐसा संभव नहीं है। क्योंकि, विभिन्न अखबारों सहित सोशल मीडिया पर ... मोबाइल प्रतिबंध की जानकारी खूब प्रसारित हुई थीमगर इसके बाद भी प्रतिबंध की धज्जियां उडाई गई। यहां पर यह लिखना जरूरी है ... इंदौर महापौर को लेकर  यह चर्चा आम है कि ... वह कानून के ज्ञाता है और नियमों का पालन करते है। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि ... एक दफा यह मान लिया जाये। इंदौर महापौर को प्रतिबंध की  जानकारी नहीं होगी? मगर मंदिर के पुजारी रमण त्रिवेदी को प्रतिबंध का पता नहीं हो? यह संभव ही नहीं है। इसके बाद भी उन्होंने फोटो खीचने वाले को नहीं रोका और महापौर के साथ खड़े रहकर फोटो खिचवाई।

जुर्माना ...

प्रतिबंध के बाद, अगर मोबाइल का उपयोग करते पाये गये तो मंदिर प्रबंध समिति ने 200 रूपये जुर्माना वसूल करने का प्रावधान रखा था। अब सवाल यह है कि ... यह जुर्माना क्या मंदिर प्रबंध समिति वसूल करेंगी? सबूत भी है। गर्भगृह के बाहर खड़े होकर तस्वीर खिचवाने के। सबसे जरूरी सवाल यह है। आखिर जुर्माना किससे वसूल किया जायेंगा? इंदौर महापौर से या मंदिर के पुजारी से? इसका फैसला तो अब मंदिर प्रबंध समिति को ही करना होगा। मगर यह सच है कि ... अगर आम नागरिक ऐसा करता तो तत्काल जुर्माना वसूल कर लिया जाता।