हर घर तिरंगा - घर घर तिरंगा

हर घर तिरंगा  - घर घर तिरंगा

काश 47 से पहले मैंने जन्म लिया होता।
आजादी की लड़ाई में अपुन ने भाग लिया होता...
उस वक्त भी ये तिरंगा हाथ में होता..
तब भी तेवर अपने आज जैसे ही होते...
आज कलम से लड़ाई लड़ रहें हैं
तब तलवार लेकर लड़ रहे होते..
आज चुप रहकर लड़ रहे हैं..
तब लहू बहाकर ’हम’लड़ रहे होते...
आजादी पर्व की सभी पाठको को शुभकामनाएं...
आपका अपना