इधर सप्त ऋषि विराजे..तो उधर महापौर...!
उज्जैन।इधर महाकाल लोक में रातों रात सप्त ऋषि की मूर्तियां विराजमान हुई।कलेक्टर के निर्देश पर स्मार्ट सिटी ने रात भर काम किया ।उधर 15 अगस्त आजादी पर्व उत्सव के दौरान मुख्य समारोह में अनोखा नजारा देखने में आया।उस वक्त,जब कलेक्टर के लिए आरक्षित कुर्सी पर महापौर विराज गए।तभी तो दशहरा मैदान पर चर्चा थी।इधर सप्त ऋषि विराजे,उधर महापौर..!
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अपना वादा निभा दिया।जो उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सर्किट हाउस पर किया था।वादा,सभी जनप्रतिनिधियों के सामने किया था।15 अगस्त को सप्त ऋषि की मूर्तियां विराजमान हो जाएंगी।महाकाल लोक में। जिसके लिए कलेक्टर ने उसी दिन से ठान लिया था।15 अगस्त तक मूर्तियां विराजमान करवानी है।तभी तो 14 अगस्त तक सभी मूर्तियां उज्जैन आ गई।रात में महाकाल लोक पहुंची और स्थापित कर दी गई।इन मूर्तियों को समय पर उज्जैन लाने के लिए,स्मार्ट सिटी सीईओ की जवाबदारी दी गई थी।जिसके कारण,सीईओ को पिछले दिनों मुंबई जाना पड़ा,ताकि कलेक्टर के वादे अनुरूप 15 अगस्त को सप्त ऋषि विराजमान हो जाएं।
कुर्सी मोह..
जनप्रतिनिधि को हमेशा से कुर्सी का मोह रहता हैं।फिर भले ही वह कुर्सी किसी और के नाम पर आरक्षित हो।नेता इसकी चिंता नहीं पालते है,बस कुर्सी खाली दिखी और तशरीफ टिका देते है।जैसे आज दशहरा मैदान पर हुआ।अग्रिम पंक्ति में कलेक्टर और एसपी के लिए कुर्सी आरक्षित थी।उसी दौरान महापौर मुकेश टटवाल और भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक जोशी का आगमन हुआ।सभी कुर्सी पर नाम की पर्ची चिपकी थी।कलेक्टर और एसपी की कुर्सी के आगे महापौर रुक गए,फिर नाम पढ़ा।जिला अध्यक्ष की तरफ देखा,और कलेक्टर की कुर्सी पर विराजमान हो गए,किंतु जिला अध्यक्ष एसपी की कुर्सी पर नही बैठे,वह दूसरी तरफ बैठ गए।यह नजारा वहां मौजूद कई भाजपा नेताओं ने देखा।इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश अग्रवाल का आगमन हुआ।उनसे महापौर ने खाली एसपी की कुर्सी पर बैठने का इशारा भी किया।मगर श्री अग्रवाल ने,कुर्सी पर चिपकी पर्ची को पढ़ा और फिर जिला अध्यक्ष के बगल में जाकर बैठ गए।वह आरक्षित कुर्सी पर नही बैठे।
हर शब्द पर नजर
15 अगस्त को एक और नजारा चुप रहेंगे डॉट कॉम ने देखा।उस वक्त जब मुख्य अतिथि डॉक्टर मोहन यादव संदेश वाचन कर रहे थे।37 पेज का संदेश,जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का था।उस दौरान वहां मौजूद विशिष्ट अथितियो को इस संदेश की कॉपी दी गई थी।ताकि उसको पढ़े।मगर यह संदेश ,मुख्य अतिथि के साथ केवल उत्तर विधायक पारस जैन ही पढ़ते नजर आए।बाकी सभी ने इस संदेश को अपने बगल,या सामने की टेबल पर रख दिया।किसी ने भी संदेश को पढ़ने में रुचि नहीं दिखाई।लेकिन उत्तर विधायक श्री जैन पूरा संदेश गहनता के साथ पढ़ते हुए नजर आए।