आखिर सांसद भड़के, सीएम से बात करूंगा ...!
अपने साथी के साथ अंदर जाने की हुज्जत करते पूर्व विधायक
उज्जैन। तो आखिरकार मंगलवार की दोपहर वह घड़ी आ ही गई। जब हेलीपेड पर सांसद को आक्रोश आ गया। उन्होंने कड़े तेवर दिखाये। पार्टी पदाधिकारियों को रोकने पर। सांसद ने वर्दी को फटकार लगा दी। अपने साथ पदाधिकारी को अंदर लेकर गये। जाते-जाते यह भी बोल गये। मैं सीएम साहब से इस मामले पर बात करूंगा। ताज्जुब की बात यह है कि सांसद के तेवर देखकर युवा नेता भी जोश में आ गये। उन्होंने भी पलटकर वर्दी को धमकी दे डाली।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान मंगलवार को उज्जैन आये थे। उनके स्वागत के लिए हेलीपेड पर सभी भाजपा नेता मौजूद थे। भोपाल से उनके साथ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव भी आये थे। हमेशा की तरह सुरक्षा के लिहाज से रोका-टोकी हो रही थी। नतीजा ... हर बार की तरह इस बार भी भाजपा नेताओं का वर्दी से विवाद हो रहा था। सबसे पहले पूर्व विधायक शांतिलाल धबई, का हुआ। उनके साथी को रोक दिया था। जिस पर वह बिफर गये। इसके बाद पूर्व पार्षद संतोष व्यास का हुआ। मगर मामला तब गर्मा गया। जब जैसे-तैसे लड़कर अंदर घुसे अजा मोर्चा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रामनारायण चौहान को हेलीपेड पर जाने से फिर रोक दिया गया। रोकने वाले माधव नगर थाना प्रभारी मनीष लोधा थे। जिसके चलते सांसद भड़क गये और उन्होंने मुख्यमंत्री को शिकायत करने की धमकी दे डाली।
हम नहीं आयेंगे ...
इस वीडियों को गौर से देखिये। इसमें आवाज भी साफ-साफ सुनाई देगी। जिसमें सांसद अनिल फिरोजिया अपनी नाराजगी दिखा रहे है। उनके साथ अजा कार्यसमिति सदस्य रामनारायण चौहान निवासी बांदका भी है। जो कि ... चाय से ज्यादा केतली गर्म की तर्ज पर ड्यूटी कर रहे पुलिस अधिकारी से उनका नाम पूछ रहे है। सांसद ने तो इस रोका-टोकी के चलते यह तक बोल दिया कि ... हमको चुनाव लडऩा है।
बात करूंगा ...
मुख्यमंत्री से बात करूंगा ? यह बोलकर सांसद अनिल फिरोजिया तो अंदर चले गये। बात हुई या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हुई। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जब रवाना हुए। तो भाजपा कार्यकर्ताओं को स्वागत के लिए इंतजार करते देख, थोडी देर के लिए रूक गये। यहां पर पूर्व पार्षद संतोष व्यास व ऋतुबाला व्यास ने मुख्यमंत्री को ... हेलीपेड पर हमेशा होने वाली रोका-टोकी से अवगत कराया। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ... आज जल्दी में हूं... मगर इस पर बात करूंगा, और रवाना हो गये।
दोषी कौन ... ?
हेलीपेड पर रोका-टोकी की घटना को लेकर आखिर ... असली दोषी कौन है ? पुलिस, जनप्रतिनिधि या फिर भाजपा संगठन ? क्योंकि पुलिस तो अपनी ड्यूटी ही करती है। हेलीपेड पर कौन-कौन नेता अपेक्षित रहेगा। इसकी बकायदा भाजपा संगठन से सूची जारी होती है। जिसे ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी को दिया जाता है। उसी के आधार पर हेलीपेड पर प्रवेश की अनुमति मिलती है। यहां यह लिखना जरूरी है कि ... पुलिस फिर भी हेलीपेड पर मौजूद नेताओं की सिफारिश पर, अनापेक्षित नेताओं को भी इंट्री दे देती है। वजह केवल दबाव होता है। आज भी पुलिस अपनी ड्यूटी कर रही थी। कार्यसमिति सदस्य रामनारायण चौहान ने खूब विवाद किया। पुलिस ने उनको खूब समझाया। आपका नाम लिस्ट में नहीं है, मगर वह अंदर घुसकर ही माने। जिसके लिए उन्होंने संगठन के महामंत्री को भी फोन किया। नतीजा ... वर्दी ने जाने दिया। फिर हेलीपेड पर जाने का समय आया तो माधव नगर थाना प्रभारी मनीष लोधा ने रोक दिया। जिसके चलते इतना विवाद खड़ा हो गया। सांसद नाराज हो गये। मगर लाख टके का सवाल यह है कि ... इस पूरे मामले को लेकर असली दोषी कौन है? पुलिस- जनप्रतिनिधि या भाजपा संगठन...! इसका फैसला हम अपने पाठकों के स्व-विवेक पर छोड़ते है।