ऐसा भी होता है ...
भाजपा जिलाध्यक्ष को अपने ही वार्ड में हार मिली ...!
उज्जैन। भाजपा जिलाध्यक्ष ग्रामीण को जोरदार झटका लगा है। पंचायत चुनाव में दूसरे चरण के मतदान के बाद। वह अपने ही गृह वार्ड से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को जीत नहीं दिलवा पाये। जनता ने भाजपा से बागी बनकर मैदान में उतरे उम्मीदवार को जीत दिलाकर, जिलाध्यक्ष को जोरदार झटका दिया है।
चिराग तले अंधेरा। यह कहावत भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला पर सटीक साबित हुई है। उनका गांव बोरमुंडला, ग्राम पंचायत जयरामपुरा में आता है। जो कि जिला पंचायत का वार्ड क्र. 5 है। शुक्रवार को वार्ड 5 में मतदान संपन्न हुआ। गिनती के बाद आये परिणाम ने भाजपा में खलबली मचा दी। नतीजा भाजपा ग्रामीण में चर्चा है कि ... भाजपा जिलाध्यक्ष को अपने ही वार्ड में हार मिली है।
भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला
करारी हार ...
वार्ड 5 से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को करारी हार मिली है। यहां से भाजपा ने कीर्ति दिग्पाल सिंह कुमार्डी को प्रत्याशी बनाया था। प्रत्याशी को भाजपा जिलाध्यक्ष सहित महिदपुर विधायक बहादुरसिंह चौहान व पूर्व विधायक सतीश मालवीय का समर्थन हासिल था। जबकि भाजपा से बगावत करके उनके सामने मैदान में शिवानी कुंवर महेन्द्रसिंह थी। जिलाध्यक्ष का गृह वार्ड और वर्तमान तथा पूर्व विधायक समर्थित उम्मीदवार को इसके बाद भी हार का सामना करना पड़ा। 14 हजार 427 मतों से अधिकृत प्रत्याशी को हराया है। जो कि करारी हार है। इस हार के बाद प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपाई दबी जुबान से सवाल भी उठा रहे है।
गणपतलाल डाबी
यशोदा बैरागी
जनपद भी गई ? ...
जिलाध्यक्ष अपने ही वार्ड में भाजपा प्रत्याशी को नहीं जितवा पाये। यहां तक तो ठीक था। मगर घट्टिया और बडऩगर जनपद में भी उनके कट्टर समर्थक को हार मिली है। हारने वाले दोनों प्रत्याशी जनपद अध्यक्ष के दावेदार थे। घट्टिया के वार्ड क्रं. 23 से यशोदा बैरागी और बडऩगर जनपद पंचायत के वार्ड 12 से गणपतलाल डाबी, दोनों ही हार गये है। यहां यह लिखना जरूरी है कि दोनों भाजपा प्रत्याशी अपनी-अपनी जनपद में अध्यक्ष पद के दावेदार थे।
3 की जरूरत ...
भले ही जिलाध्यक्ष अपने वार्ड से भाजपा को जीत नहीं दिलवा पाये। मगर प्रथम व द्वितीय चरण का मतदान संपन्न होने के बाद भाजपा की स्थिति मजबूत है। दोनों चरणों के बाद भाजपा ने कुल 8 वार्डो पर कब्जा कर लिया है। जिला पंचायत के कुल 21 वार्ड है। तीसरे चरण के चुनाव बाद भाजपा को केवल 3 सीटों की जरूरत है। जिसके बाद जिला पंचायत पर भाजपा का कब्जा होगा।
खर्च बताओं...
इधर शनिवार को कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी महेश परमार को एक नोटिस जारी हुआ है। कलेक्टर आशीषसिंह ने एक शिकायत के बाद यह नोटिस जारी किया है। नोटिस, मतदाताओं को बल्क में एसएमएस करने को लेकर है। महापौर प्रत्याशी से यह पूछा गया है कि ... एसएमएस करने पर कुल कितना खर्च आया और किस एजेंसी से यह काम करवाया गया है। इसकी जानकारी 24 घंटे में मांगी गई है। कांग्रेस के नेता विवेक गुप्ता ने स्वीकार किया है कि ... जिला प्रशासन से नोटिस मिला है। जिसकी जानकारी समय पर प्रस्तुत कर दी जायेंगी।