मंदिर प्रशासक को ...
मोमेंटो पड़ गये भारी- वसूली की तैयारी ...!
उज्जैन। महाकाल मंदिर प्रशासक को नियम विरूद्ध जाकर आगंतुक वीआईपी को मोमेंटो (कला उपहार) देना भारी पड गया है। आडिट विभाग ने आपत्ति लगाते हुए वसूली का आक्षेप लगाया है। इधर आज हेलीपेड पर मुख्यमंत्री से हम चुप रहेंगे डॉट कॉम ने सवाल किया। मंदिर की अव्यवस्थाओं को लेकर। जिस पर मुख्यमंत्री का जवाब चौकाने वाला था।
महाकाल मंदिर में आने वाले वीआईपी को कला उपहार देने के मामले में एक खुलासा हुआ है। मंदिर प्रशासक गणेश धाकड ने बाले-बाले प्रति मोमेंटो 4800 रूपये की दर से बनवाकर, वीआईपी भक्तों को वितरीत कर दिये। जिसका खुलासा आवासीय सहायक संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा की आडिट आपत्ति में हुआ है। आपत्ति में मंदिर एक्ट का हवाला देते हुए मोमेंटो वितरण को नियम विरूद्ध बताया गया है।
वसूली ...
मंदिर के भरोसेमंद सूत्र इसकी पुष्टि कर रहे है कि कला उपहार वितरण नियम विरूद्ध जाकर किया गया है। मंदिर अधिनियम 1982 की धारा 11 एवं धारा 21 का उल्लघंन हुआ है। मंदिर निधि का उपयोग वैधानिक प्रावधानों के विपरीत जाकर किया गया है। कोई सक्षम स्वीकृति नहीं ली गई। नतीजा अधिनियम के विरूद्ध निधि का दुरूपयोग करने को लेकर 1 लाख 48 हजार 800 रूपये की वसूली निकाली गई है। आडिट विभाग ने वसूली का आक्षेप प्रशासक पर लगाया है। ताज्जुब की बात यह है कि ... मंदिर प्रशासक खुद वित्त सेवा विभाग के अधिकारी है। उनको तो नियमों की पूरी जानकारी होगी। इसके बाद भी बगैर सक्षम स्वीकृति लिए उन्होंने 1 लाख 48 हजार के मोमेंटो वितरीत कर दिये।
आडिट हटाओं ...
एक तरफ जहां मंदिर प्रशासक ने नियम विरूद्ध जाकर मोमेंटो वितरीत किये। वहीं उन्होंने एक प्रस्ताव भी कलेक्टर आशीषसिंह एवं मंदिर प्रबंध समिति में रखवाया था। जिसमें प्रशासक ने मंदिर से आडिट व्यवस्था को ही खत्म करने की सिफारिश की थी। विदित रहे कि मप्र शासन के वित्त विभाग ने 2014 में आदेश निकाला था। जिसमें उल्लेखित था कि ... कोई भी भुगतान प्री-आडिट के बगैर नहीं किया जाये। मंदिर सूत्रों का कहना है कि प्रबंध समिति की बैठक में रखा गया प्रस्ताव नामंजूर हो गया।
आर्डर रोका ...
पिछले दिनों कलेक्टर आशीषसिंह ने प्रोटोकॉल व्यवस्था को लेकर आर्डर निकाला था। जिसमें सत्कार व्यवस्था पूरी तरह से जिला प्रशासन के पास आ गई थी। मगर 28 जून की रात में मंदिर प्रशासक ने एक आर्डर निकाला। आदेश क्रं. 1976/2022 । जिसमें सहायक सत्कार अधिकारी का दायित्व राजेन्द्रसिंह सिसौदिया और भीमराव खांडेगर को सौंप दिया था। इसकी जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन को लगी। इस आर्डर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई।
और क्या करूं ...
आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का आगमन हुआ था। वह महापौर प्रत्याशी के समर्थन में आमसभा लेने आये थे। हेलीपेड पर मौका मिलते ही हम चुप रहेंगे डॉट कॉम ने मुख्यमंत्री से सवाल कर लिया। मंदिर में फैली अव्यवस्था को लेकर। उस वक्त उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे। सवाल सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा कि... और क्या करूं। यह कहकर वह वाहन में बैठ गये। इसके पहले मुख्यमंत्री का भावभीना स्वागत उच्च शिक्षा मंत्री सहित सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, विवेक जोशी, बहादुरसिंह बोरमुंडला, जगदीश अग्रवाल, डॉ. सत्यनारायण जटिया, राजकुमार जटिया, अशोक प्रजापत, राजेन्द्र भारती आदि द्वारा किया गया।