मुझको अपने बैंक की किताब दीजिए, सोने-चांदी का हिसाब दीजिए...!

मंदिर के गलियारों में गूंज रही पैरोडी

 मुझको अपने बैंक की किताब दीजिए, सोने-चांदी का हिसाब दीजिए...!

उज्जैन।  महाकाल मंदिर के गलियारों में इन दिनों यह पैरोडी सुनाई दे रही है। बोलने वालो ने  शायर मंजर भोपाली के गीत को तोड़कर यह पैरोडी बनाई है। जिसके पीछे कारण विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र है। जिसमें मंदिर के कुछ कर्मचारियों के बैंक खाते   और कोठार में सोने-चांदी के हिसाब की जानकारी मांगी गई है। तभी तो मंदिर वाले दबी जुबान से यह पैरोडी गुनगुना रहे है।  मुझको अपने बैंक की किताब दीजिए: सोने-चांदी का हिसाब दीजिए...!

लोकायुक्त पुलिस उज्जैन के 2 पत्रों से मंदिर प्रशासक कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। पहला पत्र सुरक्षा निविदा से जुड़ा है। तो दूसरा पत्र सन् 2021 में लेखापाल द्वारा बनाये गये क्यूआर कोड से जुड़ा है। सुरक्षा निविदा के मामले में अभी केवल शिकायत हुई है। जिसको लेकर समस्त दस्तावेज मांगे गये है। जबकि क्यूआर कोड को लेकर राजधानी में प्रकरण पंजीबद्ध हो चुका है। अब उसकी जांच शुरू हो गई है। ऐसा हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है।

क्यूआर कोड 

विपिन एरन

इसलिए नोटिस ...

मंदिर के सूत्र पुष्टि कर रहे है। सितम्बर 2021 में लेखापाल विपिन एरन थे। जिन्होंने बगैर किसी से पूछे अपने मोबाइल नम्बर से एक क्यूआर कोड ईजाद कर लिया था। बैंक ऑफ इंडिया का। जिसके नीचे यह लिखा था। भूत-भावन भगवान श्री महाकालेश्वर जी के मंदिर में दान/ भेट प्रदान करने हेतू उपयोग कर सकते है। यह क्यूआर कोड मंदिर में जगह-जगह लगवा दिये गये थे। यह नियम विरूद्ध था। मामला उजागर होते ही तत्काल क्यूआर कोड हटाये गये। तत्कालीन कलेक्टर आशीषसिंह ने मामले की जांच के आदेश दिये थे। सूत्र के अनुसार जांच सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी को सौंपी गई थी। लेकिन बाद में यह जांच कभी भी बाहर नहीं आई। जिसको लेकर शिकायत हुई। अब लोकायुक्त उज्जैन इस मामले की जांच कर रही है। मंदिर प्रशासक को नोटिस  जारी हुआ है। जिसमें लेखापाल के बैंक खाते की जानकारी मांगी गई है। सूत्रों का कहना है कि लेखापाल के अलावा कुछ अन्य कर्मचारियों के वेतन व बैंक खाते की भी जानकारी लोकायुक्त ने मांगी है।

मनीष पांचाल     कोठार प्रभारी

सोना जैसा- चांदी जैसा ...

क्यूआर कोड के अलावा लोकायुक्त ने मंदिर के कोठार की जानकारी भी मांगी है। कोठार वह जगह है। जहां पर दान-दाताओं से प्राप्त होने वाले स्वर्ण/ रजत (चांदी) की जानकारी रखी जाती है। यहां यह लिखना जरूरी है कि ... पहले अगर कोई दानदाता सोना या चांदी दान करने आता था। तो उसको  रसीद पर यह लिखकर दिया जाता था। सोना जैसा-चांदी जैसा। कोई तोल नहीं होता था। बाद में सोने-चांदी की वेल्यू करने के लिए अशोक जडिया आते थे। वह इस दान की कीमत निर्धारित करते थे। उनके बाद रविन्द्र सोनी ने यह जिम्मेदारी निभाई। लेकिन अब व्यवस्था बदली है। करीब 1 साल पहले से। अब अगर दानदाता को स्वर्ण/ चांदी दान करना है। तो दानदाता को स्वयं सुनार से जाकर उसकी वेल्यू करवाकर लाना जरूरी है। विदित रहे कि पिछले कई सालों से कोठार के प्रभारी मनीष पांचाल है।

संदीप सोनी

रिमाइंडर...    

लोकायुक्त कार्यालय द्वारा जो नोटिस मंदिर प्रशासक को जारी किया गया था। उसका जवाब 29 मार्च तक देना था। लेकिन अवकाश के चलते जवाब मंदिर प्रशासक कार्यालय द्वारा नहीं दिया गया। आज 4 अप्रैल को भी लोकायुक्त कार्यालय में जवाब नहीं पहुंचा है। नतीजा लोकायुक्त पुलिस ने मंदिर प्रशासक को रिमाइंडर जारी किया है। इधर महाकाल मंदिर सुरक्षा निविदा को लेकर भी प्रशासक कार्यालय द्वारा आज तक कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि लोकायुक्त पुलिस जल्दी ही इस मामले को लेकर अपनी एक रिपोर्ट भोपाल लोकायुक्त कार्यालय को भेजने वाली है।