सोनी जी ‘माफ’ कर देना हमको: अगर जांच में सभी ‘निर्दोष’ निकलें तो...?
उज्जैन। महाकाल मंदिर आगजनी कांड का आज 27 वां दिन है। सभी घायल इलाज करवाकर लौट चुके है। इस घटना के कारण महाकाल के अनन्य भक्त सत्यनारायण सोनी की मौत हो चुकी है। घटना वाले दिन 25 मार्च को ही मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हो गये थे। कलेक्टर के निर्देश पर 2 सदस्यीय जांच दल बना था। जिसे 3 दिन में पूरी जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। लेकिन इन 3 दिनों में अंतरिम रिपोर्ट ही प्रस्तुत हो पाई। जिसे आधार मानकर तत्कालीन मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को हटा दिया गया। जिसके बाद से अभी तक जांच कछुआ चाल से चल रही है। तभी तो मंदिर के गलियारों में चर्चा है। सोनी जी ‘माफ’ कर देना हमको: अगर जांच में सभी ‘निर्दोष’ निकलें तो...?
मंदिर के सूत्र इशारा कर रहे है। दबी जुबान से बोल रहे है। जांच कम और दिखावा ज्यादा हो रहा है। जांच दल 64 जीबी का फूटेज अभी तक देख चुका है। गर्भगृह में कौन-कौन था। इसकी भी सूची बन चुकी है। किसके गुलाल डालने से आग भडकी। यह भी जांच दल को पता है। फायर विशेषज्ञ अपनी राय बता चुके है। सूत्र की बात मानी जाये तो ... क्विंटलों गुलाल के उपयोग से गर्भगृह में विस्फोट भी हो सकता था? जांच दल सभी के बयान ले चुका है। मगर जांच रिपोर्ट बाहर ही नहीं आ रही है। इसी वजह से शंका खड़ी हो रही है और कई सवाल भी दबी जुबान से उठाये जा रहे है। खुलकर बोलने को कोई तैयार नहीं है। कारण ... जो खुलकर बोलेगा... उसको व परिजनों को हमेशा के लिए मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।
जवाब चाहिये ...
मंदिर के गलियारों में सन् 1990 के दशक का एक कामरेडी गीत जरूर सुनाई दे रहा है। नफस-नफस- कदम-कदम/ बस एक फिक्र दम-बदम/ घिरे है हम सवाल से/ हमें जवाब चाहिये...! यह गीत सुनाकर वह सभी लोग अपना-अपना आक्रोश निकाल रहे हैं। जिनको यह मजिस्ट्रियल जांच केवल लीपा-पोती करती नजर आ रही है। सवाल किया जा रहा है। 27 दिन पूरे होने जा रहे है। अभी तक रिपोर्ट नहीं बन पाई है। जबकि कलेक्टर नीरजसिंह ने 3 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिये थे। जब यह आदेश दिया था। उस वक्त यही बताया गया था कि ... पूरी रिपोर्ट 3 दिन में पेश होगी। अंतरिम रिपोर्ट का कोई जिक्र नहीं था।
तीसरा सदस्य कौन ...
उपसंचालक जनसंपर्क कार्यालय ने जो प्रेसनोट जारी किया था। (देखे फोटो) मजिस्ट्रियल जांच का। उसमें मृणाल मीना आईएएस व अनुकूल जैन एडीएम का ही नाम था। सीधी भाषा में जांच समिति 2 सदस्यीय बनाई गई थी। मगर फिर बाले-बाले इसमें एक अन्य सदस्य को भी शामिल किया गया। लेकिन इस सदस्य का नाम कभी भी जनसंपर्क द्वारा उजागर नहीं किया गया। समिति के तीसरे सदस्य पुलिस विभाग के एडी. एसपी है। संकुल और मंदिर के सूत्र इसकी पुष्टि कर रहे है। तीसरे नाम को क्यों गोपनीय रखा गया। यह बात समझ से परे है। सूत्र का यह भी कहना है कि जो अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। वह पूरी तरह से कंट्रोल रूम में बैठकर तैयार की गई थी।
क्लीन चिट...?
मंदिर में चल रही चर्चा और सूत्रों पर अगर यकीन किया जाए। तो इशारा यही है। जांच खोदा पहाड और निकली चूहिया ... वाली ही साबित होगी। छोटे-मोटे कर्मचारियों पर जरूर गाज गिर सकती है। हालांकि कलेक्टर नीरजसिंह ने यही दावा किया है। दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजर रहे है। आमजनता का भरोसा उठता जा रहा है इस जांच से। इधर मीडिया भी फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। मीडिया लगभग हर रोज सवाल करती है। रिपोर्ट कब आयेंगी। पलटकर रटा-रटाया जवाब मिलता है। जांच चल रही है... जल्दी ही रिपोर्ट आयेंगी। मगर वह दिन कब आयेंगा। इसका किसी को पता नहीं है। तभी तो आगजनी से पीडित सेवक सत्यनारायण सोनी की मौत के बाद मंदिर के गलियारों में यह चर्चा आम है। सोनी जी माफ कर देना हमकों ... अगर जांच में सभी निर्दोष निकले तो... !