रिपोर्ट पेश होने पर संशय : समय मांग सकती है समिति ...!
उज्जैन। आगजनी कांड में जांच रिपोर्ट पेश होने का आज अंतिम दिन है। मगर रिपोर्ट पेश होने पर संशय खड़ा हो गया है। जांच समिति अभी तक अपना काम पूरा नहीं कर पाई है। इधर तकनीकी व विशेषज्ञ की रिपोर्ट का भी इंतजार है। जिसके चलते यह तय माना जा रहा है। समिति 2-3 दिन का समय मांग सकती है। इधर जांच को लेकर मंदिर के गलियारों में एक कविता सुनाई दे रही है।
भले ही कलेक्टर नीरजसिंह ने 3 दिन में जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये थे। मगर हालात के आगे जांच समिति खुद को मजबूर मान रही है। हालांकि समिति ने मंगलवार की शाम को कंट्रोलरूम में बैठकर बयान लिए है। लेकिन अभी असली बयान होना बाकी है। जिसके बाद ही समिति अपनी फायनल रिपोर्ट तैयार कर पायेंगी।
मजबूरी ...
2 सदस्यीय जांच समिति के सदस्य मृणाल मीना और अनुकूल जैन की मजबूरी है। जब तक सभी पीडितों के बयान ना हो जाये। वह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकती है। आगजनी से प्रभावित 8 पुजारी फिलहाल अरबिंदो अस्पताल इंदौर में भर्ती है। जिनके बयान अभी लेना असंभव है। इसी को कारण बताकर समिति कुछ दिन का समय मांग सकती है। ऐसा हमारे सूत्रों का कहना है।
विकल्प ...
मंदिर के गलियारों में यह भी चर्चा है। जब तक सभी के बयान पूरे नहीं हो जाते है। तब तक पिछले 2 दिनों में हुई जांच के कुछ बिंदूओं पर अंतरिम रिपोर्ट पेश की जा सकती है। इसकी वजह मामला हाईप्रोफाइल है। मगर कोई जरूरी नहीं है कि जांच समिति विकल्प को चुनते हुए प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। वह 2-3 दिन समय लेकर अंतिम रिपोर्ट ही प्रस्तुत करेंगी।
चर्चा ...
इस आगजनी कांड को लेकर चल रही जांच पर भी मंदिर के गलियारों में 4 लाइने सुनाई दे रही है। गोरखनाथ पांडे की कविता है। राजा बोला रात है/ मंत्री बोला रात है/ संतरी बोला रात है/ यह सुबह-सुबह की बात है... ! इन लाइनों के माध्यम से मंदिर के ही कर्मचारी जांच प्रक्रिया पर व्यंग्य कर रहे है। मगर खुलकर कोई भी सामने नहीं आ रहा है।