मुख्यमंत्री आगे नहीं बुलाते: दानदाता फीता नहीं काट पाते... !
उज्जैन। बुधवार को मुख्यमंत्री महाकाल फेज-2 का लोकापर्ण करने आये थे। जिसमें नवनिर्मित अन्नक्षेत्र का लोकापर्ण भी शामिल था। इस दौरान ऐसी स्थिति बन गई थी, अगर खुद मुख्यमंत्री दानदाता को आगे नहीं बुलाते... तो लोकापर्ण का फीता दानदाता नहीं काट पाते। जिसका सबूत एक वीडियों है। जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
सर्वविदित है कि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति एवं बालाजी सेवार्थ संस्था इंदौर अग्रवाल फाउण्डेशन (अग्रवाल ग्रुप) के बीच अनुबंध हुआ था। जिसके बाद इस अन्न क्षेत्र का निर्माण बालाजी सेवार्थ ने करवाया है। 25 करोड की लागत से यह भवन तैयार हुआ है। जिसका लोकापर्ण करने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान आये थे। तभी यह घटना हुई और वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
दीदी... हाथ लगाओं ...
अब यह वीडियों देखिए। मात्र 29 सेकेंड का है। जिसमें सबकुछ साफ-साफ नजर आ रहा है। दानदाता विनोद अग्रवाल को पहले पुलिस ने हाथ लगाकर रोका। जिसके बाद भी समाजसेवी श्री अग्रवाल ने धैर्य रखा। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव को आगे रखा। फिर मुख्यमंत्री के हाथ में फीता काटने के लिए कैंची आ गई। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने श्रीमती अग्रवाल को ... दीदी कहकर आगे बुलाया... और फीता कटवाया। तब कहीं जाकर अन्नक्षेत्र का लोकापर्ण दानदाता के करकमलों से हो पाया।
रोक लिया ...
दानदाता विनोद अग्रवाल के साथ इस घटना के बाद एक और घटना हुई। उस वक्त जब ऊपर मंजिल पर वीवीआईपी भोजन चल रहा था। श्री अग्रवाल ऊपरी मंजिल पहुंचने में लेट हो गये। तब तक वीवीआईपी कक्ष के दरवाजे बंद हो गये थे। दानदाता 5 मिनिट तक चुपचाप खड़े रहे। कोई अंदर नहीं जाने दे रहा था। तभी अचानक नगर निगम आयुक्त रोशनसिंह ऊपर मंजिल पहुंचे। जहां उन्होंने यह नजारा देखा। तब उन्होंने श्री अग्रवाल को वीवीआईपी कक्ष में प्रवेश करवाया। ऐसा वहां मौजूद हमारे भरोसेमंद सूत्र का कहना है।
नाराज ...
अन्नक्षेत्र लोकापर्ण के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान महाकाल मंदिर पहुंचे। जहां मंच पर पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर को प्रथम पंक्ति में सीट नहीं मिली। सहज-सरल मंत्री चुपचाप पीछे की लाइन में बैठ गई। यह नजारा प्रशासन ने देखा। तब प्रशासन अलर्ट हुआ। उनके लिए अलग से कुर्सी मंगवाकर व्यवस्था की गई और आगे बैठाया गया। इसी तरह की घटना क्षेत्रीय विधायक पारस जैन के साथ हुई। उनको भी पीछे बैठना पड़ा। जिसके बाद उनको भी कुर्सी मंगवाकर बैठाया गया। इधर मंदिर प्रांगण में हुई इस छोटी सी आमसभा के लिए 5 हजार कुर्सी लगाई गई थी। लेकिन अधिकांश खाली थी। पुलिस ने सभी को बाहर रोक दिया था। जिसके बाद मैसेज चला और तब कहीं जाकर खाली कुर्सियां भरी। ऐसा हमारे सूत्रों का कहना है।
धन्यवाद दिया ...
महाकाल फेज-2 लोकापर्ण करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सर्किट हाऊस पहुंचे। जहां पर उन्होंने संभागायुक्त, आईजी, डीआईजी, कलेक्टर व निगम आयुक्त को इस सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी।