बधाई-बधाई-बधाई... फर्जी प्रोटोकॉल पर रोक लगाई  ...!

कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम की सख्ती

बधाई-बधाई-बधाई... फर्जी प्रोटोकॉल पर रोक लगाई  ...!

कलेक्टर व एडीएम बधाई के हकदार है। थोड़ी बहुत नहीं, अनगिनत बधाई के। पहली दफा महाकाल मंदिर में ऐसी सख्ती हुई है। भस्मार्ती- प्रोटोकॉल अनुमति को लेकर। आज तक ऐसा नहीं हुआ। प्रतिदिन 200 से ऊपर प्रोटोकॉल-भस्मार्ती बनती रही है। मगर, सोमवार को इतिहास बन गया। कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम की सख्ती रंग लाई। नतीजा ... सोमवार को यह आंकड़ा मात्र 75 पर आकर ठहर गया, और मंगलवार  को केवल 65 बनी है। इसीलिए मंदिर के गलियारों में चर्चा है।  बधाई-बधाई-बधाई... फर्जी प्रोटोकॉल पर रोक लगाई  ...!

कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने मंदिर में चल रहे प्रोटोकॉल- धंधे को जल्दी ही पकड़ लिया। एडीएम अनुकूल जैन भी इस गोरखधंधे को समझ गये। किस तरीके से इधर-उधर के फर्जी- लेटर का सहारा लेकर प्रोटोकॉल का मजाक बनाया जा रहा है। भरोसेमंद सूत्र पुष्टि कर रहे है। मंत्री से लेकर संतरी, निज सचिव व ओएसडी के नामों का सहारा लिया जा रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि जिनके लेटरहेड का सहारा लिया जा रहा है। उनको इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। इसके लिए मंदिर में एक गैंग सक्रिय है। जो कि अपनी जेब गर्म करने के लिए फर्जी पत्रों का सहारा ले रही थी। कभी किसी मंत्री के ओएसडी रह चुके एडीएम अनुकूल जैन जल्दी ही सारा खेल समझ गये। उन्होंने कलेक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत कराया ही होगा। कलेक्टर ने सच जानकर एडीएम को निर्देश दिये। फिर सख्ती शुरू हुई। नतीजा 10 दिन के अंदर ही प्रोटोकॉल अनुमति का आंकड़ा 75 से 65 पर आकर ठहर गया। यहां यह लिखना जरूरी है कि ... पिछले महीनों में लगातार प्रतिदिन प्रोटोकॉल भस्मार्ती का आंकड़ा 200 का रहा है।

वीवीआईपी ...

भरोसेमंद सूत्र स्वीकार कर रहे है। मंदिर की यह कमाऊ- गैंग लंबे समय से फर्जीवाड़ा कर रही थी। जनप्रतिनिधियों- मंत्री आदि के नाम वाले लेटरहेड का उपयोग किया जा रहा था। सूत्रों का कहना है कि ... इनकी होटल वालो से सेटिंग है। जो अपने ग्राहकों के लिए रोजाना अनुमति बनवाते हैमुंहमांगा दाम वसूल लेते है और अनुमति बनवाने के लिए मंदिर की गैंग को भी राशि देते है। जिसके बदले यह गैंग प्रोटोकॉल में फर्जी लेटरहेड का उपयोग करके अनुमति बनवा देती है। ऐसी चर्चा मंदिर के गलियारों में सुनाई दे रही है। यह भी चर्चा है कि अनुमति के नाम पर मंदिर की इस गैंग के सदस्यों ने खूब माल कमाया है। कोई भी देखने वाला नहीं था। सूत्रों की बात पर अगर यकीन किया जाये तो ... कुछ पत्र भी पकड में आये है।

नई व्यवस्था ....

लेटरहेड फर्जीवाड़ा सामने आते ही नई व्यवस्था लागू हो गई है। एडीएम अनुकूल जैन ने यह अनिवार्य कर दिया है। अब वीआईपी अनुमति के लिए ... जनप्रतिनिधियों- विभागों- आदि को प्रशासन के अधिकृत ई-मेल पर आवेदन करना जरूरी है। जो भी आवेदन आयेगा। उस पर जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर भी जरूरी है। पहले जैसे ... निज सचिव व ओएसडी के हस्ताक्षर से काम नहीं चलेगा। अगर वाट्सअप पर अनुमति मांगी गई तो उसे स्वीकार नहीं किया जायेगा।

मुफ्त से कमाई ...

मंदिर के सूत्रों का कहना है। नियमानुसार 500 मुफ्त भस्मार्ती- अनुमति देने का प्रावधान है। इसमें से ही 100 से 150 अनुमति बचा ली जाती थी। जिसका उपयोग कमाई के लिए किया जाता था। इसमें होटलवाले- मीडिया- नेता (सेकेण्ड लाइन) को संतुष्ट किया जाता है। मंदिर में यह चर्चा आम है। मुफ्त भस्मार्ती अनुमति बनाते समय काउंटर पर कोई इलेक्ट्रानिक साइन बोर्ड लगा होना चाहिये। जो यह दर्शाता रहे कि ... अभी तक इतनी अनुमति बन चुकी है। (देखे चित्र) ऐसी कोई व्यवस्था अभी तक नहीं है। जिसका फायदा मंदिर की गैंग उठा रही है। अगर टोकन नम्बर दर्शाता हुआ इलेक्ट्रानिक बोर्ड होगा, तो मुफ्त की कमाई पर अकुंश लग जायेगा।

पंचनामा ...

मंदिर के गलियारों में कलेक्टर से यह गुहार की जा रही है। मुफ्त भस्मार्ती अनुमति का हर रोज पंचनामा बनाया जाना चाहिये। जिसके लिए कोई नायब तहसीलदार स्तर का अधिकारी नियुक्त किया जाये। जो कि प्रतिदिन अनुमति जारी होने के बाद, 500 का आंकड़ा देखकर ही सूची पर हस्ताक्षर करे इस व्यवस्था से मुफ्त से कमाई पर पूरी तरह से रोक लग सकती है। यहां यह लिखना जरूरी है कि ... कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम को पिछले सप्ताह ही मुफ्त अनुमति में गडबडी को लेकर मौखिक शिकायत भी हुई है। ऐसा मंदिर के सूत्रों का कहना है।

मुख्यमंत्री आज आयेंगे ...

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान आज शाम 6 बजे उज्जैन आ रहे है। वह करीब ढाई घंटे तक शहर में रहेंगे। मुख्यमंत्री विक्रमोत्सव समापन समारोह कार्यक्रम में भाग लेंगे। हालांकि पहले उनको विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी शामिल होना था। आमंत्रण पत्र भी छप चुके थे। मगर अब इस कार्यक्रम को हटा दिया गया है। अब वह केवल शिप्रा नदी पर आयोजित विक्रमोत्सव समापन में ही शामिल होंगे और फिर सड़क मार्ग से इंदौर रवाना हो जायेंगे।