ड्यूटी लगा दी है लिखकर:जिम्मेदारी से मुक्त प्रशासक..?
भाजयुमो में चर्चा...
फोटो अमय शर्मा
उज्जैन।बुधवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का आगमन हुआ था।महाकाल मंदिर में पूजा के दौरान हंगामा हुआ था।उत्साहित कार्यकर्ता जबरदस्ती अंदर घुस गए थे।जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा।मंदिर प्रशासक के निर्देश पर 2 कार्यकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई।धारा 353 में।जिसके बाद यह चर्चा आम है कि...इसके लिए दोषी कौन है?मंदिर प्रबंधन या भाजयुमो के उत्साही कार्यकर्ता..?
मंदिर के गलियारों से लोकशक्ति कार्यालय तक यह सवाल सुनाई दे रहा है।आखिर मंदिर में हुई अव्यवस्था के लिए असली दोषी कौन है? भाजयुमो के अतिउत्साहित कार्यकर्ता,जिन्होंने जोश और उमंग में अपनी मर्यादा तोड़ दी?या फिर मंदिर प्रशासक?जिन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन तेजस्वी सूर्या के आगमन को हल्के में लिया?आगमन से पहले माकूल व्यव्स्था क्यों नहीं जुटाई,ताकि ये नौबत ही नही आती?भाजयुमो जिलाध्यक्ष अमय शर्मा ने बताया कि..उन्होंने 4 गर्भगृह ,20 नंदी हाल और बाकी बेरिकेड्स के लिए अनुमति ली थी।
सूचना दी थी....
सर्वविदित है कि इस कांड के बाद भाजयुमो प्रदेश कार्यालय से 12 लोगो को नोटिस जारी हुआ।भोपाल में इसका फैसला होगा कि इस अव्यवस्था के लिए असली दोषी कौन है?लेकिन जाने से पहले जिलाध्यक्ष अमय शर्मा ने खुलासा किया।उन्होंने मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ को एसएमएस किया था।जिसमे लिखा था कि...युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद दर्शन करने के लिए कुछ देर में पहुंच रहे हैं।कलेक्टर का पॉइंट था कि अंदर 3 लोग(गर्भगृह)जाएंगे।आप बताएं,क्या करें, कहां से ले जाएं!पॉइंट क्लियर कराएं।सुबह 10.50 पर यह एसएमएस किया था।मंदिर प्रशासक ने जवाब दिया कि...लोकेश की ड्यूटी लगा दी गई है।
दोषी कौन...
भाजयुमो में यह चर्चा जोरों पर हैं कि..मुख्यमंत्री,प्रदेश अध्यक्ष,या भाजपा का कोई भी बड़ा नेता जब..जब आता है।उनके साथ हमेशा उत्साही कार्यकर्ता और पदाधिकारियों की भीड़ होती हैं।तब भी मंदिर प्रबंधन व्यवस्था बनाता है।उस वक्त कोई अव्यवस्था क्यों नहीं होती हैं?लेकिन भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन को लेकर मंदिर प्रशासक ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया?उनके साथ भी भीड़ होना स्वाभाविक है।अगर मंदिर प्रबंधन उनके आगमन को गंभीरता से लेता,तो यह घटना ही नहीं होती?यह नौबत ही नहीं आती?यही वजह है कि भाजयुमो इस अव्यवस्था के मंदिर प्रबंधन को दोषी बता रहा है?
हटाया...
इधर भोपाल में जवाब देने गए दोनो जिलाध्यक्ष अमय शर्मा और नरेंद्र सिंह जलवा सहित बाकी सभी को तत्काल प्रभाव से सभी पदों से मुक्त कर दिया गया है।प्रदेश कार्यालय के इस कदम से उज्जैन भाजयुमो में हड़कंप मच गया है।कारण,अपने नेता के स्वागत के चक्कर में पद से हाथ धोना पड़ गया।जो कि एक इतिहास बन गया है।गलती अगर भाजयुमो कार्यकर्ता की है,तो कुछ हद तक मंदिर प्रशासन भी इसमें जिम्मेदार है।