1-4 का गार्ड लगाओ, हमको सुरक्षा दिलाओ ... !

1-4 का गार्ड लगाओ, हमको सुरक्षा दिलाओ  ... !

उज्जैन। लोकसभा चुनाव का माहौल है। ऐसे में हेडिंग पढक़र हमारे पाठकों को शायद यही लगे। कोई प्रत्याशी सुरक्षा की गुहार लगा रहा है। लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल सुरक्षा की गुहार लगाने वाली महिलाएं है। जो कि इन दिनों चुनाव के चलते देर तक अपनी-अपनी ड्यूटी कर रही है। इन सभी ने संयुक्त रूप से गुहार लगाई है। सुरक्षा के लिए 1-4 का गार्ड लगाने की। यह गुहार कलेक्टर से की गई है। 

विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल वह जगह है। जो कि सबसे सुरक्षित माना जाता है। इस भवन के तीसरे तल पर संभागायुक्त का कार्यालय है। दूसरे तल पर कलेक्टर कार्यालय सहित एडीएम व अपर कलेक्टर का कार्यालय है। जबकि प्रथम तल पर एसडीएम व तहसीलदार बैठते है। यह सभी जिले के सबसे शक्तिशाली अधिकारीगण है। इन सभी के अधीन कई महिला कर्मचारी काम करती है। इन महिलाओं ने ही यह गुहार लगाई है। जिसके पीछे कारण केवल यह है। अंधेरा होने के बाद जब महिला कर्मचारी वापस लौटती है तो गार्ड रूम बैठे वाहन चालक इन महिला कर्मचारियों को देखकर फब्तिया कसते है। 

लिखित में शिकायत ... 

कलेक्ट्रेट कार्यालय के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है। लोकसभा चुनाव के चलते महिला कर्मचारियों को देर तक काम करना पड़ रहा है। अंधेरा होने के बाद भी महिला कर्मचारी घर के लिए निकलती है। जब महिला कर्मचारी प्रशासनिक संकुल के पीछे वाली पार्किंग पर वाहन लेने जाती है। तो गेट पर बने गार्ड रूम में अशासकीय वाहन चालक व उनके साथ कई ऐसे लोग बैठे रहते है। जो कि प्रशासनिक भवन में काम नहीं करते है। गार्ड रूम में बैठकर सिगरेट पीते रहते है और इन महिलाओं को देखकर फब्तियां कसते है। मोबाइल पर ऊंची आवाज में गाने बजाते है। जिसको लेकर संकुल की महिला कर्मचारियों ने पहले जिला नाजिर को शिकायत की थी। जिसमें अशासकीय वाहन चालकों का पुलिस सत्यापन कराने का आग्रह किया था। किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा कलेक्टर नीरजसिंह को लिखित में शिकायत की गई है। संकुल की करीब 3 दर्जन महिला कर्मचारियों ने दस्तखत करके आवेदन दिया है। इन सभी की मांग है। गार्ड रूम में 1-4 का गार्ड लगाया जाये। ताकि महिला कर्मचारियों को सुरक्षा मिले। कलेक्टर को यह शिकायत गत 18 अप्रैल को की गई थी। मगर ताज्जुब की बात यह है। आज खबर लिखे जाने तक 1-4 का गार्ड तो छोडिए, किसी एक भी वर्दीधारी की ड्यूटी नहीं लगाई गई थी।