नामांकन जमा करने से पहले 9 लाख जमा कीजिए...!

उज्जैन। विधानसभा चुनाव लडने के लिए यह नियम है। प्रत्याशी के ऊपर किसी भी प्रकार का टैक्स, किसी भी विभाग का बाकी नहीं होना चाहिये। मतलब जलकर- प्रकाश या शासकीय आवास का किराया। सभी विभागों से लेकर नोडयूज प्रमाण-पत्र जमा कराना अनिवार्य होता है। इस नियम के चलते ही विक्रम विश्वविद्यालय में यह चर्चा है। नामांकन जमा करने से पहले 9 लाख जमा कीजिए...!
भाजपा की 5 वीं सूची में चिंतामणि मालवीय का भी नाम शामिल है। इनको पार्टी ने आलोट विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है। इसके पहले वह उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके है। सांसद चुनाव से पहले उन्होंने दर्शनशास्त्र विभाग से इस्तीफा दिया था। लेकिन आज तक वह विवि के शासकीय आवास में निवासरत है। जिसका किराया उन्हे अब हर हाल में जमा कराना है। उसके बाद ही नामांकन दाखिल कर पायेंगे।
नोटिस ...
चुप रहेंगे डॉट-काम के भरोसेमंद सूत्रों का दावा है। विवि का लेखा विभाग, पूर्व सांसद डॉ. मालवीय को नोटिस जारी कर चुका है। अप्रैल माह 2021 में। तत्कालीन कुलसचिव ने विवि आवास गृह का किराया जमा कराने संबंधी नोटिस जारी किया था। जिसमें मासिक किराया व जलकर का भी उल्लेख था। नोटिस में यह स्पष्ट उल्लेखित था कि ... आवास व जलकर 15 दिन में जमा नहीं कराने पर आपके वेतन से समान किश्तो में लेखा विभाग द्वारा काटा जायेगा।
नहीं जमा कराया ...
लेखा विभाग के सूत्रों ने दावा किया है। सोमवार की दोपहर तक कोई राशि जमा नहीं कराई गई थी। सूत्र के अनुसार जून 2014 से मई 2019 तक आवास व जलकर 1 लाख बाकी था। जबकि जून 2019 से 2023 तक आवास व जलकर मिलाकर 8 लाख हो गया है। यानी कुल मिलाकर 9 लाख की राशि प्रत्याशी डॉ. मालवीय को जमा करानी है। वह भी आलोट विधानसभा से नामांकन दाखिल करने के पूर्व। तभी जाकर उनको नोडयूज (अनापत्ति प्रमाण-पत्र) मिलेगा। विदित रहे कि इस आवास गृह का सेवा में रहते हुए किराया मात्र 1800 रूपये था। लेकिन अनाधिकृत आधिपत्य होने के चलते किराया प्रतिमाह 15 हजार हो गया। इसी कारण से 9 लाख रूपये प्रत्याशी को जमा कराने होंगे।