लिमिट 1800- पहुंच गये 2300- भस्मार्ती में हड़कंप ...!
उज्जैन। शनिवार की सुबह भस्मार्ती में उस वक्त हड़कंप मच गया। जब इसमें शामिल होने के लिए 2300 के करीब भक्तगण पहुंच गये। इन सभी के पास अनुमति थी। जिसे देखकर मंदिर प्रशासन हैरत में पड गया। नतीजा ... चलित भस्मार्ती को रोकना पड़ गया।
मंदिर के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है। शनिवार सुबह की भस्मार्ती में अचानक ही भक्तों की संख्या में वृद्धि हो गई। प्रतिदिन मंदिर- प्रोटोकॉल और सामान्य अनुमति की संख्या 1800 के करीब रहती है। किन्तु शनिवार को यह संख्या 2200 से 2300 थी। ऐसा मंदिर के सूत्रों का कहना है। भक्तों की इस भीड को पीछे की 2 लाइनों में बैठाना पड़ा। जो कि चलित भस्मार्ती के लिए रोजाना खाली रखी जाती है। जिसके चलते चलित भस्मार्ती को रोकना पड़ा और भक्तों की लाइन हरिसिद्धि मंदिर तक पहुंच गई।
सवाल ...
भस्मार्ती में भक्तों की संख्या अचानक कैसे बढ़ गई? ताज्जुब की बात यह है कि सभी अनुमति वैध थी। ऑनलाइन यह सभी अनुमति बनी थी। यह सब कैसे हुआ। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। मंदिर के गलियारों में यह चर्चा है। ऑनलाइन तकनीकी त्रुटि के चलते भक्तों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी हो गई थी। इस मामले को लेकर मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष व कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने सख्ती बरतने के निर्देश दिये है।
सतर्कता ...
मंदिर प्रशासन ने इस गलती के बाद विशेष सतर्कता बरतनी शुरू की है। आगे से इस बात का विशेष ध्यान रखा जायेगा। किसी भी तकनीकी त्रुटि के चलते ऐसी स्थिति निर्मित ना हो। साल के अंतिम दिन चल रहे है। इसलिए भक्तों को चलित भस्मार्ती का लाभ ज्यादा से ज्यादा मिल सके। इसके लिए अब पीछे से 4 या 5 लाइन खाली रखी जायेंगी। ताकि ज्यादा से ज्यादा भक्त भस्मार्ती का आनंद उठा सके। इसके अलावा नये साल की अंतिम रात वाली भस्मार्ती में कार्तिक मंडप पूरा खाली रहेंगा। ऐसी व्यवस्था मंदिर प्रशासक संदीप सोनी द्वारा की गई है।
उतरते ही घड़ी देखी ...
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अल्प प्रवास पर उज्जैन आये थे। उनके पास समयाभाव था। इसीलिए उन्होंने हेलीपेड पर उतरते ही सबसे पहले घड़ी देखी। फिर स्वागत सत्कार करवाया। यहां से सीधे अटल पार्क पहुंचे। जहां झाडू लगाई और पौधारोपण किया। इसके बाद हस्तशिल्प मेले का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री यादव ने उज्जैन के विकास कार्यो की समीक्षा भी की। मुद्दा केवल और केवल विकास था। 35 मिनिट तक बैठक चली। जिसके बाद मुख्यमंत्री तत्काल दिल्ली के लिए रवाना हो गये।