वेतन बढ़ेगा 'तब', ईमानदार बनोगे 'जब' ..!
उज्जैन। कलेक्टर के एक फरमान से मंदिर कर्मचारी परेशान है। फरमान सीधा- साफ है। वेतन तभी बढ़ेगा... जब अपना काम ईमानदारी से करोगे। कलेक्टर ने यह बात पिछले दिनों उस वक्त कही थी। जब प्रबंध समिति की बैठक में प्रस्ताव आया था। मंदिर कर्मचारियों की वेतनवृद्धि का। मंदिर प्रबंध समिति के मुखिया ने तब यह इशारा दिया था। मंदिर के कुछ बेईमान कर्मचारी बरसों से एक ही जगह जमे है। यह बेईमान कर्मचारी पूरे मंदिर में जगजाहिर है। जिसके कारण ईमानदार कर्मचारी प्रभावित हो रहे है।
कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कुमार पुरूषोत्तम ने आखिर ऐसा क्यों बोला था। सावन माह के पहले हुई प्रबंध समिति की बैठक में। उस वक्त जब वेतनवृद्धि का प्रस्ताव आया था। तब कलेक्टर ने ... वेतन बढ़ेगा 'तब': ईमानदार बनोगे 'जब' ... बोलकर इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। हालांकि उन्होंने इससे भी कड़ी भाषा का उपयोग किया था। मगर उनका आशय यही था। जिसके बाद मंदिर के ईमानदार कर्मचारी, उन बेईमान कर्मचारियों को कोस रहे है। जिनके कारण उनके पेट पर लात पड़ी है। इन बेईमान कर्मचारियों के ... शराब के ठेके से लेकर ट्रेवल्स के भी धंधे है। होटल व्यवसाय में भी इनकी घुसपैठ है। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि ... यह बेईमान कर्मचारी बरसो से कमाऊ पोस्टिंग वाली जगह पदस्थ है। इनको उस जगह से हटाने की हिम्मत आज तक कोई नहीं कर पाया है। किसी ने कोशिश भी करी तो 3 महीने के अंदर यह वापस उसी जगह पर आ जाते है। वजह ... इन बेईमान कर्मचारियों को सत्ता और संगठन दोनों का वरदहस्त है। ऐसे कर्मचारी ऊंगलियों पर गिने जा सकते है।
10 साल पहले ...
पाठकों की जानकारी में रहे कि मंदिर में 4 प्रकार के पे-ग्रेडेशन है। 9 हजार- साढ़े 8 हजार- साढ़े 7 हजार और साढ़े 6 हजार। सन् 2012 में सबसे पहले 12 कर्मचारियों की वेतनवृद्धि हुई थी। तब नियम यह बनाया गया था। जो 2012 तक कक्षा 12 वीं पास है। उनकी वेतनवृद्धि की जाये। उस वक्त 1 दर्जन कर्मचारियों में से कई कर्मचारी 12 वीं पास नहीं थे। इसके बाद भी इनको वेतनवृद्धि का लाभ दिया गया। ताज्जुब की बात यह है कि ... 3 कर्मचारी, दिलीप शर्मा, रामचंद्र शर्मा व संजय चौहान को केवल अक्षर ज्ञान ही था। इसके बाद भी इन कर्मचारियों को साढ़े 8 हजार की पे-ग्रेड में शामिल किया गया था। उस समय जो 1 दर्जन कर्मचारी उपकृत हुए थे। आज उनका वेतन 23 हजार 500 है। इसके अलावा जिन 9 कर्मचारियों को वेतनवृद्धि का लाभ दिया गया था। उसमें अनुराग चौबे, उमेश पंड्या, परिवेश जूनवाल, सुनील छोकर, ज्योति पोद्दार, चित्रा काले, सौरभ ओझा, रवि देवधर व उमेश जोशी का नाम शामिल है। ऐसा मंदिर के हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है।
एक साल बाद ...
2012 में हुई इस वेतनवृद्धि के 1 साल बाद ही मंदिर में विद्रोह की लहर पनप गई। उस वक्त क्या विवाद हुआ था और परिणाम क्या रहा। इसका खुलासा जल्दी करेंगे। तब तक इंतजार कीजिए... और हमारी तरह चुप रहिये।