कलेक्टर ने सख्ती दिखाई, VVIP  POINT की चैंकिंग करवाई ...!

कलेक्टर ने सख्ती दिखाई, VVIP  POINT की चैंकिंग करवाई ...!

उज्जैन। कलेक्टर के एक निर्णय से मंदिर में हड़कंप मचा हुआ है। उन दलालों के बीच, जो दर्शन करवाने के नाम पर जेब गर्म कर रहे थे। 2 दलाल विशेष रूप से चिन्हित किये गये है। जिन पर जल्दी ही गाज गिर सकती है। मामला VVIP FOR MAHAKAL और PROTOCOL POINT MAHAKAL ग्रुप से जुड़ा है। वीवीआईपी फॉर महाकाल ग्रुप में चल रही धांधली की जानकारी कलेक्टर को लगी थी। जांच में गडबडी उजागर हुई। नतीजा ... अब इस ग्रुप में पाइंट डालने पर सख्ती से चैंकिंग होगी। कोई भी- किसी को भी वीवीआईपी नहीं अब बना सकता है!

मंदिर से ऊपरी कमाई कैसे की जाये? इसका रास्ता मंदिर में पदस्थ धनलोभी कर्मचारी निकाल ही लेते है। कलेक्टर के आदेश का सहारा लेकर अपनी जेब गर्म करने लगते है। जैसे 13 अगस्त 2022 के आर्डर की आड़ लेकर धंधा शुरू कर दिया। तत्कालीन कलेक्टर आशीषसिंह ने कार्यविभाजन किया था। इसके पहले से ही VVIP FOR MAHAKAL ग्रुप चल रहा था। जिसके बाद PROTOCOL POINT MAHAKAL ग्रुप की व्यवस्था चालू की गई थी। इधर नया ग्रुप बनते ही VVIP FOR MAHAKAL ग्रुप में कमाई का खेल शुरू हो गया। जिसे कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने पकड लिया। एडीएम अनुकूल जैन से जांच भी करवा ली। अब VVIP FOR MAHAKAL ग्रुप के सभी पाइंटो पर सख्ती से निगाहें रखी जा रही है। जिसके चलते ऊपरी कमाई पर अकुंश लग गया है।  

पर्दे के पीछे ...

मंदिर के भरोसेमंद सूत्र दावा कर रहे है। किस तरीके से वीवीआईपी फॉर महाकाल ग्रुप में कमाई का खेल चल रहा था। जिससे पाइंट डालने वाले की जेब गर्म होती थी। यह काम कैसे होता था। इसको इस तरीके से समझना होगा। हमारे पाठकगण खुद को कुछ देर के लिए वीवीआईपी मान ले। अब कल्पना करे। उनके द्वारा 5 भक्तों का पाइंट मंदिर कर्मचारी को भेजा जाता है। यह पाइंट पर्सनल भेजा गया है। जिसके बाद खेल शुरू होता है। जिस कर्मचारी को पाइंट भेजा गया। वह 5 अन्य भक्तों के नाम जोड़कर VVIP FOR MAHAKAL ग्रुप में डाल देता है। बेचारे ... असली 5 वीवीआईपी भक्तों को पता ही नहीं चलता है। उनके साथ जा रहे अतिथि आखिर किसके है। इधर दर्शन होने के बाद पाइंट डालने वाले कर्मचारी को अपना हिस्सा आसानी से मिल जाता है। यह खेल लम्बे समय से गोपनीय रूप से चल रहा था। चुप रहेंगे डॉट-कॉम के पास ऐसे कई पाइंटो के स्क्रीन शॉट बतौर सबूत मौजूद है। यहां यह लिखना जरूरी है कि ... नंदी हॉल और जल चढ़ाने के नाम पर बाहर से आये भक्तगण 250 के 500 और 750 के बदले 1500 आसानी से देने को तैयार रहते है। कारण ... आसानी से टिकिट मिलते नहीं है। खासकर ... शुक्रवार से सोमवार तक। इन दिनों में 2 कर्मचारियों की बहुत ज्यादा कमाई होती है। ऐसा हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है।

ऐसा भी हो रहा है...

कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने वीवीआईपी फॉर महाकाल के पाइंटो पर तो सख्ती लगा दी है। लेकिन अंदरखाने की खबर है। पाइंट डालने के मामले में 2 कर्मचारी चिन्हित हुए है। जो कि देर रात को ही वीवीआईपी पाइंट डाल देते थे। उन पर जल्दी ही कार्रवाई होगी। खासकर ... भस्मार्ती के बाद जल चढ़ाने को लेकर यह पाइंट होते थे। इधर यह भी खबर है कि ... अंदर ही अंदर एक खेल और चल रहा है। टिकिट का खेल। जिसमें गेट पर खड़े सुरक्षा कर्मचारी को टिकिट चेक करना होता है। इनका काम है कि... टिकिट चेक करने के बाद उसको फाडना होता है। मगर जिससे सेटिंग होती है। उसके टिकिट फाड़े नहीं जाते है। बस ... कर्मचारी टिकिट दिखाकर अपने कस्टमर को अंदर ले जाते है। दर्शन करवाकर वापस ले आते है। इस तरह एक बार खरीदी गई टिकिट इन कर्मचारियों की दिनभर चलती रहती है। शाम को आपस में हिस्सा-बाटी हो जाती है। ऐसा मंदिर के भरोसेमंद सूत्र बोल रहे है।

इनका कहना है ...    

वीवीआईपी फॉर महाकाल के पाइंटों पर सख्ती से निगाह रखी जा रही है और इस पर रोक लगाई गई है।