मंदिर में चर्चा...
प्रशासक पर लगे आरोप.....सच्चे है या झूठे...?
उज्जैन | महाकाल मंदिर प्रशासक के खिलाफ एक शिकायत हुई है।जो कि सीधे मुख्यमंत्री को भेजी गई हैं। जिसकी प्रतिलिपि राज्यपाल, संघप्रमुख, कलेक्टर, एसपी,सहित मंदिर समिति के तीनो सदस्यों को दी गई है।प्रतिलिपि देने में इनके नाम उल्लेखित है।जिसके बाद मंदिर के गलियारों में चर्चा सुनाई दे रही है कि...प्रशासक पर लगे आरोप ...सच्चे है या झूठे..?
श्री महाकालेश्वर मंदिर की महिलाओं की आवाज।शिकायत करने वालो ने खुद को यही नाम दिया है।इसी नाम से शिकायत हुई है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजी शिकायत केवल 1पेज की है।जो कि हम चुप रहेंगे डॉट कॉम को भी मिली है।राजधानी के सूत्रों से यह शिकायत प्राप्त हुई है।जिसमे मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ के चरित्र पर गंभीर आरोप लगाए गए है।शिकायत करने वालो ने खुद को नीचे तबके की महिलाए बताते हुए,खुद को छुपाकर रखा है।इसीलिए शिकायत पर किसी भी महिला ने न तो अपना नाम लिखा है और न ही किसी ने दस्तखत किए है।इसी के चलते शिकायत पर यह सवाल खड़ा हो रहा है कि...क्या वाकई आरोप सच्चे है या झूठे..?
गत 30 जून 22 को यह शिकायत हुई हैं।जिसके विषय में यह उल्लेखित है कि...आपके द्वारा पदस्थ मंदिर प्रशासक की करतूत।आगे लिखा है कि महिला प्रेमी प्रशासक ने परेशान कर रखा है।हम महिलाए अपनी इज्जत के डर से सामने नही आ सकती है।प्रशासक खुद को एक शक्तिशाली संगठन का बड़ा अधिकारी बताते है।जब से आए है,कुछ न कुछ करके महिलाओं को परेशान करते रहते हैं।जो महिला इनके आभामंडल में आ जाती है।उनको अच्छे पदों से उपकृत किया जाता है।अपने केबिन में बुलाकर घंटो तक बाते करते है।जिन महिलाओं को उपकृत किया गया है।उन 2 महिलाओं के नाम भी शिकायत में दर्ज है।एक अन्य महिला का नाम भी उजागर किया गया है।जो कि घंटो इनके ऑफिस में बैठी रहती थी।जिसके फोटो और वीडियो भी बन गए। जो कि सुरक्षित है।यह शिकायत में लिखा है। शिकायत करने वाली महिलाओं ने यह भी लिखा कि जब कुछ महिलाओं ने विरोध किया तो उनको उस जगह से हटा दिया गया और प्रशासक ने अपने ऑफिस में कांच के गेट पर काला लकड़ी का गेट लगवा लिया।ताकि कोई अंदर नही देख सके।इसके साथ यह भी आरोप है कि प्रशासक जब से आए है।तब से हर रोज तबादला आदेश निकालते है।हम महिलाओं को परेशान करते है।अंत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार की गई है कि प्रशासक को हटाया जाए और अच्छे व्यक्ति को भगवान की भक्ति के लिए भेजे।
दम नही है
इधर मंदिर प्रशासक के पक्षधरों का कहना है कि इन आरोपों में कोई दम नही है।प्रशासक काम लेते है,तो कुछ महिलाओं ने उनकी शिकायत कर दी।जिसके कारण मंदिर में इसकी चर्चा हो रही हैं।