02 जनवरी 2023 (हम चुप रहेंगे)

एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !

02 जनवरी 2023 (हम चुप रहेंगे)

इस्तीफा ...

अपने प्रथम सेवक के 5 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सबकुछ सही नहीं चल रहा है। एक एमआईसी सदस्य नाराज है। नाराजगी की वजह क्या है? यह किसी को पता नहीं है। जबकि यह सदस्य, अपने प्रथम सेवक के काफी करीबी है। इसके बाद भी उनका आक्रोश चरम पर है। शिवाजी भवन से लेकर कमलप्रेमियों के बीच यह चर्चा जोरो पर है। आक्रोशित एमआईसी सदस्य इस्तीफा देने का मन बना चुके है। लेकिन, इसके पहले वह खबरचियों से बातचीत करेंगे और इस्तीफा देने का कारण बतायेंगे। शायद यह सब मलमास की समाप्ति के बाद होगा। तब तक हम इंतजार करते हुए, अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

कार्य विभाजन ...

तो आखिरकार शिवाजी भवन में कार्य विभाजन हो गया। अपने अनफिट जी ने सभी को जिम्मेदारी सौंप दी। उनके इस आदेश के बाद यह चर्चा है। एक ऐसे अधिकारी की। जिन पर बकायदा गबन के आरोप लगे है। बगैर सक्षम स्वीकृति के राशि आहरण करने को लेकर। यह मामला फिलहाल राजधानी में लंबित है। जिस पर कार्रवाई होनी है। उसी अधिकारी को कई जिम्मेदारी दी गई है। जिसके चलते शिवाजी भवन वाले इस कार्य विभाजन पर सवाल उठा रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।

तारीख ...

किसी फिल्म का डायलॉग है। तारीख पे तारीख यह डायलॉग इन दिनों स्मार्ट भवन के गलियारों में गूंज रहा है। इशारा राजधानी के रंगे हाथों पकडऩे वाले विभाग की तरफ है। जहां से रूद्रसागर  और सड़क को लेकर नोटिस जारी हो चुके है। दस्तावेज तलब किये है। लेकिन अपने स्मार्ट पंडित जी, हर बार तारीख बढ़वाकर आ जाते है। 2022 के अंतिम दिनों में कागजात पेश करने थे। लेकिन फिर 7 दिन का समय मांग लिया। अब देखना यह है कि ... आखिर कब तक तारीख पे तारीख लगती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

सम्मान ...

किसी भी शासकीय कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर उसको सम्मान दिया जाता है। ताकि वह उस सम्मान-पत्र को अपने ड्रांइग- रूम में लगाकर रख सके। अपने अच्छे दिनों को याद करे। लेकिन एक अधिकारी ने उस सम्मान-पत्र के टुकड़े-टुकड़े कर दिये। शिवाजी भवन के यह अधिकारी है। 30 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हुए हैसम्मान-पत्र में गलती यह हो गई। जो उस अधिकारी का मूल पद था... वही लिख दिया गया। बस फिर क्या था। उनको गुस्सा आ गया। घर जाकर सम्मान-पत्र को फ्रेम से निकाला और उसके टुकड़े-टुकड़े करके वापस शिवाजी भवन भिजवा दिये। उन्होंने टुकड़े देते वक्त जो शब्द बोले, वह हम लिख नहीं सकते है। इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

सेव-परमल ...

अपने कमलप्रेमियों का पंसदीदा नाश्ता सेव-परमल है। बस मौका मिलना चाहिये। अभी-अभी जल विषय पर संगोष्ठी थी। जिसमें संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद थे। ऐसे में सेव-परमल की याद आ गई। तो अपने प्रथम सेवक को बोला गया। जिसके बाद सभी इंतजार करने लगे। 20 मिनिट हो गये। सेव-परमल नहीं आये। तो फिर प्रथम सेवक को याद दिलाया गया। इसके बाद भी 15 मिनिट और गुजर गये। लेकिन नाश्ता नहीं आया। तब वहां मौजूद अपने 2 नम्बरी इंदौरी नेताजी ने तंज मारा। इंदौर होता तो 5 मिनिट में मंगवा देता। जिसके बाद अपने प्रथम सेवक ने जुगाड लगवाकर सेव-परमल मंगवाये। ऐसा घटना के चश्मदीद कमलप्रेमी बोल रहे है। लेकिन हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

सपना ...

सबसे पहले तो अपने उदासीन बाबा को अनगिनत बधाई। जिन्होंने 3 दिवसीय पंच तत्व के 1 तत्व पर सफल आयोजन करवा दिया। हर तरफ से वाही-वाही हो रही है। लेकिन इस आयोजन के पीछे उनका मकसद क्या था? इसको लेकर अब कमलप्रेमी मिशन-2023 की तरफ इशारा कर रहे है। कमलप्रेमी साफ-साफ बोल रहे है। संगोष्ठी  के पीछे सपना अपने उदासीन बाबा यही है। उत्तर-दक्षिण या फिर बडऩगर से टिकिट मिल जाये। अब बात सच है या झूठ? फैसला हमारे पाठकगण व कमलप्रेमी खुद कर ले। क्योंकि हमको तो आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

दर्शन ...

बाबा महाकाल के दरबार में प्रतिबंध लगा हुआ है। खासकर, गर्भगृह में दर्शन करने पर लेकिन इसके बाद भी एक अधिकारी को बाबा महाकाल ने तलब कर लिया। 29 दिसम्बर की अलसुबह। मौका मिला तो वर्दी वाले अधिकारी ने गर्भगृह में जाकर दर्शन कर लिये। ऐसी चर्चा मंदिर के गलियारों में दबी जुबान से सुनाई दे रही है। अब यह वर्दी वाले अधिकारी कौन है? इसको लेकर कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। सब चुप है। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

साफा ...

मालवी में अकसर बोला जाता है। इसको साफा पहना दो। इसका मतलब सीधी भाषा में यह होता है कि ... काम की जिम्मेदारी इसको थमा दो। ऐसा ही एक साफा अपने स्मार्ट पंडित जी को पहना दिया गया है। अभी-अभी कार्य विभाजन हुआ है। जिसके बाद शिवाजी भवन से दूरी रखने वाले स्मार्ट पंडित अब आने लगे है। अब उन्होंने जिम्मेदारी से काम करना शुरू कर दिया है। तभी तो शिवाजी भवन में बोला जा रहा है। अगले महीने दीपोत्सव पर्व है। जिसके लिए एक ऐसे अधिकारी की तलाश थी। जिसको साफा पहनाया जा सके। इस सांचे में अपने स्मार्ट पंडित जी बैठ गये है। दीपोत्सव पर्व कराना अब उनकी ही जिम्मेदारी होगी। वह भी हींग लगे ना फिटकरी की तर्ज पर। अब यह देखना रोचक होगा। अपने स्मार्ट पंडित जी, इस साफे को कैसे उतारते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

शिकायत ...

शिवाजी भवन के एक अधिकारी ने लिखित में शिकायत की है। अपने कप्तान जी को। जिसमें 1 बर्खास्त कर्मचारी, 1 सेवानिवृत्त कर्मचारी व 1 खबरची का नाम शामिल है। शिकायत में इन तीनों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए, इनसे अपनी जान को खतरा बताया है। शिकायत 26 दिसम्बर को हुई है। मगर फिलहाल अभी तक वर्दी ने कोई एक्शन नहीं लिया है। मगर यह पक्का है। कप्तान कार्रवाई जरूर करेंगे। इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार कार्रवाई का इंतजार करते हुए, चुप हो जाते है।

किसने मारा ...

पिछले साल एक घटना हुई थी। एक नगरसेवक को चाकू मार दिया था। जिसको लेकर अब कमलप्रेमियों में एक नई चर्चा है। सवाल उठाये जा रहे है। आखिर चाकू किसने मारा था। उन लोगों ने जिन्होंने नगरसेवक को पीटा था। या फिर मामले में धारा बढ़वाने के लिए षड्यंत्र रचा गया। कमलप्रेमी दबी जुबान से बोल रहे है। दरअसल चाकू की रगड, नगरसेवक को उनके ही एक परिचित ने लगाई। जो कि पुराने हिस्ट्रीशीटर है। कमलप्रेमियों में तो यही चर्चा जोरो पर चल रही है। अब बात सच है या झूठ... ? फैसला हमारे पाठकगण खुद कर ले। क्योंकि हमको तो अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

आंदोलन ...

नये साल में संकुल का पहला घेराव इसी सप्ताह हो सकता है। घेराव करने वाले भी शासकीय कर्मचारी होगे। जिन्हें हम ग्राम देवता के नाम से जानते है। मामला ग्राम देवता के निलंबन से जुड़ा है। जिसको लेकर ग्राम देवताओं के संगठन में नाराजगी है। नतीजा ... तहसीलदार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए, नये साल का पहला आंदोलन होने वाला है। लेकिन हमको तो अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

और अंत में ...

नये साल 2023 की हमारे सभी पाठकों/आलोचकों/ किरदारों... को अनंत शुभकामनाएं उम्मीद है कि इस साल भी आप सभी का स्नेह हम चुप रहेंगे डॉटकॉम को मिलता रहेगा। एक बार फिर ... नये साल की राम-राम... !