स्कूल बंद रहेंगे या चालू: पालको की चिंता ...!

स्कूल बंद रहेंगे या चालू: पालको की चिंता ...!

उज्जैन। सावन माह शुरू हो गया है। अधिकमास के चलते इस दफा 9 सवारी निकलेंगी। प्रत्येक सोमवार को। अंतिम शाही सवारी 21 सितम्बर को निकलेगी। इस दिन तो स्थानीय अवकाश रहता है। लेकिन बाकी 9 सवारियों के दौरान स्कूल बंद रहेंगे या चालू। प्रत्येक सोमवार को। इसको लेकर अभिभावक चिंता में है।

सर्वविदित है कि बाबा महाकाल की पहली सवारी 10 जुलाई को निकलेगी। जिसके बाद 17-24-31 जुलाई फिर 7-14-21-28 अगस्त को निकलेगी। 9 वी सवारी 4 सितम्बर को निकलेगी और अंतिम शाही सवारी 11 सितम्बर की होगी। इस दिन स्थानीय अवकाश रहता है तो सबकुछ बंद रहता है। जिसमें स्कूल भी शामिल है। लेकिन बाकी 9 सवारी के दिन क्या होगा? इसको लेकर पालकगण चिंता में है। जिला प्रशासन ने प्रत्येक सोमवार को स्कूल बंद रहेंगे या चालू? इसको लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

इसलिए चिंता ...

अभिभावको की चिंता जायज हैक्योंकि प्रत्येक सोमवार के दिन 1 बजे बाद ही पुराने शहर के सभी रास्ते बंद हो जाते है। सवारी मार्ग पर जगह-जगह बेरिकेड्स लगा दिये जाते है। दुपहिया वाहनों तक से जाने में दिक्कत होती है। ऐसे में स्कूलों की बसो का पुराने शहर में जाने का तो सवाल ही नहीं उठता है। तभी तो पालकगण सवाल उठा रहे है। क्या पिछले साल की  तरह सोमवार को स्कूल बंद रहेंगे? क्योंकि बसों से आने वाले छात्र-छात्राओं को आखिर किस जगह उतारा जाये? जिससे की पालकगण, अपने बच्चो को लेने जा सके। यह कटू सत्य है कि ... सोमवार के दिन पुराने शहर में दुपहिया वाहन से भी पालकगण अपने बच्चो को लेने नहीं जा सकते है। जगह-जगह बेरिकेड्स लगे होते है और सभी को रोक दिया जाता है। ऊपर लगी तस्वीर आज बुधवार दोपहर की है। जब आज यह हालात है तो सोमवार के दिन तो बसों का गुदरी तक पहुंचना ही मुश्किल होगा।

दौरा ...

इधर आज आगामी प्रथम सवारी को लेकर संभागायुक्त- आईजी- डीआईजी के साथ कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम व एसपी सचिन शर्मा ने सवारी मार्ग का दौरा किया। प्रशासन का यह दौरा, पैदल नहीं, बल्कि ई-रिक्शा से था। सभी अधिकारियो ने सवारी मार्ग का अवलोकन किया। व्यवस्थाएं देखी। निर्देश भी दिये। लेकिन यह फैसला बुधवार तक नहीं हो पाया था कि ... प्रत्येक सोमवार के दिन स्कूल बंद रहेंगे या चालू।

विवाद ...

सावन माह शुरू होते ही हर साल की तरह मंदिर में विवाद शुरू हो गये है। कावड़ यात्रियों के। आज उत्तम स्वामी की कावड़ यात्रा आई थी। जिनको गेट नम्बर-4 से प्रवेश करना था। मगर जिसको जहां से मौका मिला। अंदर घुस गया। विवाद उस वक्त हो गया। जब कावडय़ात्रियो को गलतफहमी हो गई। उनके लाये जल को नाली में ढोला जा रहा है। जबकि हकीकत यह थी कि ... नवग्रह मंदिर पर बाल्टियों से जल चढाते समय, केएसएस कर्मचारियों से पानी अनायास ढुल रहा था। जो कि नाली में जा रहा था। कावडय़ात्रियों की इच्छा थी कि उन्हें अंदर जाकर जल चढ़ाने का मौका मिले। मगर, व्यवस्था यह की गई थी कि ... वहां रखे स्टील के ड्रम में कावड़ यात्री अपना जल डाल दे। इसी बात को लेकर विवाद हो गया। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को मैदान में उतरना पड़ा। इधर भाजपा नेता अशोक गेहलोत ने इस व्यवस्था के खिलाफ ऊंची आवाज में बोलना शुरू कर दिया। विवाद बढता, इसके पहले ही विशाल राजोरिया और राम भागवत ने मामले को समझकर शांत कर दिया।