02 अक्टूबर 2023 (हम चुप रहेंगे)
एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !
सेल्यूट ...
सबसे पहले आज हमारी वर्दी को सेल्यूट। एक-दो- हजार- लाख नहीं, अनगिनत सेल्यूट। कप्तान और उनकी टीम इसकी हकदार है। जिन्होंने 72 घंटे में जघन्य केस सुलझाया। दुष्कर्म के आरोपी का पैर भी तुडवाया। यह जरूरी भी था। ऐसे कांड में कुछ सजा तत्काल मिलनी चाहिये। जनभावना का भी आदर होना चाहिये। जिसे वर्दी ने करके दिखाया। आमजनता का आक्रोश थोड़ा ठंडा किया। इसके लिए भी अलग से अनगिनत सेल्यूट। इसके अलावा उस अधिकारी को धन्यवाद देकर हम उनकी महत्ता कम नहीं कर सकते है। जिन्होंने बेटी को गोद लेकर साबित कर दिया। वर्दी पहनी ही नहीं है, बल्कि दिल में भी हमदर्दी रखते है। इसलिए हम चुप ना रहते हुए, वर्दी को खुले दिल से सेल्यूट करते है और अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
गिफ्ट ...
शिवाजी भवन के गलियारों में चर्चा है। किसी जनप्रतिनिधि को गिफ्ट मिला है। एक चौपहिया वाहन और उनके सुपुत्र को 2 पहिया वाहन का गिफ्ट। देने वाला कौन है और लेने वाला कौन? इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। यह भी क्लियर नहीं है कि करीब 15 पेटी की कीमत वाले यह 2 गिफ्ट किस खुशी में दिये गये है। लेकिन मंहगे गिफ्ट दिये है। इसकी पुष्टि सूत्र कर रहे है। तो हम भी जल्दी ही उस जनप्रतिनिधि के नाम का खुलासा, खोजबीन के बाद करेंगे। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
सिंगल विंडो ...
एक बार फिर बात शिवाजी भवन से निकलकर सामने आई है। जिसमें सिंगल विंडो (एकल खिडकी) प्रणाली का जिक्र है। अंदरखाने की खबर है। प्रथमसेवक ने बिल्डरों से वादा कर लिया है। कॉलोनी सेल को लेकर। जिसमें अब सारी प्रक्रिया सिंगल विंडो के माध्यम से शुरू होगी। यही पर पूरा सौदा तय होगा। भुगतान दीजिए और निर्धारित समय के अंदर कागज लीजिए। हर जगह जाने की जरूरत नहीं है। इस सिंगल विंडो में मुखिया खुद प्रथमसेवक होंगे। ऐसा बिल्डर लॉबी बोल रही है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
ईमानदारी ...
झूठी कसम खाने से अच्छा है। चतुराई दिखाकर चुपचाप पीछे खिसक जाओं। ताकि खुद की नजर में ईमानदार रह सको। ऐसा इन दिनों अपने पंजाप्रेमी बोल रहे है। इशारा दमदमा की मीठी गोली की तरफ है। एक घटना सुना रहे है। जनाक्रोश यात्रा की। जब सभी पंजाप्रेमी मंचासीन थे। तब एक कसम दोनों हाथ उठवाकर दिलवाई गई। कसम यह थी। टिकिट किसी को भी मिले... सभी एकजुट होकर उसको जितवायेंगे। अपने दमदमा की मीठी गोली ने भी हाथ उठाये। फिर चुपचाप पीछे खिसक गये। कुर्सी पर बैठ गये। ऐसा हम नहीं, बल्कि यह नजारा देखने वाले पंजाप्रेमी बोल रहे है। मगर हम तो अपनी मीठी गोली की ईमानदारी की तारीफ करेंगे। जिन्होंने ईमानदारी दिखाई... झूठी कसम नहीं खाई। बाकी हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
रिकार्ड गायब ...
बाबा के दरबार में दशकों से दान आ रहा है। नगदी के अलावा सोना-चांदी भी। भक्तों ने कितना दान किया होगा। इसका रिकार्ड आज की तारीख में नहीं है। केवल 5 साल का रिकार्ड है। 2010 से 2015 तक का। जबकि इसके पहले भी सोना-चांद दान हुआ है। अंदरखाने की खबर है। रंगे हाथों पकडऩे वाले विभाग ने दान का रिकार्ड मांगा। तो केवल 5 साल का ही रिकार्ड मिला। बाकी इतने सालों से भक्तों ने जो सोना-चांदी दान किया। उसका कोई लिखित दस्तावेज नहीं है। जबकि वर्षो से सोना-चांदी की जांच हेतु सुनार नियुक्त था। अब या तो दान ही नहीं आया? या फिर दान गायब हो गया है। इसका फैसला हम अपने सुधि पाठकों पर छोड़ते है और अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
सिफारिश ...
चुनाव के वक्त कमलप्रेमियों को भाईसाहब याद आते है। संघ वाले भाईसाहब। जिनसे उच्च स्तर पर सिफारिश करवाई जाती है। भाईसाहब भी मोहब्ब्त या निहित स्वार्थ के चलते फोन पर सिफारिश कर देते है। लेकिन इस दफा उल्टा हो रहा है। आराधना में बैठक हुई। पिछले सप्ताह। जहां पर साफ-साफ निर्देश दिये गये। टिकिट को लेकर किसी की सिफारिश नहीं करनी है। तटस्थ भूमिका निभाये। देखना यह है कि भाईसाहब लोग निर्देशों का कितना पालन करते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
तलवार ...
जिस तरीके से मिशन-2023 का टिकिट वितरण हुआ है। उससे कमलप्रेमी आश्चर्य में है। पहली दफा ऐसा हुआ है। बल्लम नेता खुद को असहाय महसूस कर रहे है। ताजा उदाहरण है बदबू वाले शहर का। जहां के दरबार का टिकिट कट गया। जबकि वह खुद को प्रत्याशी घोषित कर चुके थे। तभी तो कमलप्रेमी पहली दफा खुलकर बोल रहे है। उत्तर से पहलवान और दक्षिण से विकास पुरूष पर तलवार लटकी है। टिकिट बदलने की पूरी संभावना है। कमलप्रेमी कह रहे है। उत्तर से पिपली राजकुमार तो दक्षिण से असरदार की लॉटरी खुल सकती है। देखना यह है कि लटकी हुई तलवार कितना प्रहार करती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
1 साल ...
अभी-अभी अपने स्वागतप्रेमी जी का 1 साल पूरा हुआ है। उनके कार्यकाल के 365 दिन पूरा होने की खुशी मनाई गई। खूब बधाईयां दी गई। सफलतम कार्यकाल बताया गया। लेकिन युवा कमलप्रेमी यह सवाल भी उठा रहे है। स्वागत प्रेमी की कार्यप्रणाली पर। जो एक साल के अंदर केवल 3 कमंडलों में नियुक्ति कर पाये। 6 कमंडलों में आज भी नियुक्तियां होना बाकी है। मिशन-2023 शुरू हो चुका है। इसके बाद भी अगर कार्यकाल सफलतम बताया जा रहा है। तो अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली बात है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
सूची ...
अगले सप्ताह तक आचार संहिता लागू हो जायेंगी। उसके पहले एक तबादला सूची जारी जरूर होगी। इस सूची में एक प्रभारी डिप्टी कलेक्टर का नाम शामिल है। जो कि होलकर नगरी जा रहे है। उपायुक्त भू-अभिलेख बनकर। यह वही अधिकारी है। जो यह मंशा जाहिर कर चुके हैं। उत्तम जी के साथ काम नहीं करना है। इधर श्रीमान कूल जी भी जुगाड में है। किसी भी तरह भागने की। देखना यह है कि सूची में इन दोनों का नाम शामिल होता है या नहीं। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
विवाद ...
मंदिर में होने वाली अलसुबह की आरती में अकसर विवाद होते है। कभी-कभी किसी प्रभावशाली से पंगा हो जाता है। ऐसी ही एक घटना हुई है। पिछले सप्ताह का मामला है। आरती में संघ के एक पदाधिकारी शामिल थे। जिनका आगे बैठने को लेकर सहायक प्रशासनिक अधिकारी से विवाद हो गया। पदाधिकारी कौन थे। इसका तो खुलासा नहीं हुआ है। क्योंकि कोई उनको पहचानता नहीं था। लेकिन जिन्होंने पंगा लिया। उनको हर कोई जानता है। सेवानिवृत्त अधिकारी है। इंदौर रोड पर पेट्रोलपंप डालने वाले है और खुद को अपने ताऊजी का रिश्तेदार बताते है। देखना यह है कि इन बडबोले अधिकारी की अब छुट्टी होती है या नहीं। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
हटाओं ...
अपने उत्तम जी को जल्दी ही शिकायत मिलने वाली है। शिकायत करने वाले अपने पंजाप्रेमी है। जो कि डिप्टी कलेक्टर को हटाने की मांग करने वाले है। वजह ... डिप्टी कलेक्टर के पिताजी उम्मीदवार घोषित हुए है। पडोसी जिले से। इसीलिए अपने चरणलाल जी इस मामले को लेकर पत्र लिखने वाले है। ऐसा पंजाप्रेमी बोल रहे है। मगर हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
भुगतान ...
सावन माह में चौरासी महादेव की यात्रा करने अतिविशिष्ट हस्ती का आगमन हुआ था। यह बात हमारे सभी पाठकों को पता है। एक निजी होटल में 3 दिन विश्राम किया था। जिसका 2 पेटी से ऊपर का भुगतान होना है। अपने उत्तम जी ने व्यवस्था भी करवा दी। किन्तु जिनको दायित्व दिया था। भुगतान तत्काल करने का। उन्होंने राशि मंगवाकर अपने पास रख ली है। भुगतान नहीं किया है। ऐसी चर्चा संकुल के गलियारों में सुनाई दे रही है। देखना यह है कि अब भुगतान कब होता है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
कानाफूसी ...
पंजाप्रेमियों में कानाफूसी है। एक मंडी व्यापारी के साथ दमदमा के पंजाप्रेमी नेता राजधानी गये थे। राजासाहब से मिलने। सीधी भाषा में कहें तो गुहार लगाने गये थे। गुहार यह थी कि ... इस दफा टिकिट मुझे दिया जाये। यह एक कॉलेज के संचालक है। जिन्होंने खुद के लिए टिकिट की गुहार लगाई है। ऐसा हम नहीं, बल्कि अपने पंजाप्रेमी बोल रहे है। अब यह बात अफवाह है या सच? फैसला पंजाप्रेमी खुद कर लें। क्योंकि हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
चतुराई ...
1 अक्टूबर को स्वच्छता अभियान मनाया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की याद में। जिनकी आज जयंती है। एक दिन पहले अर्थात रविवार को सुबह 10 से 11 सफाई अभियान था। हमारे जनप्रतिनिधियों ने भी झाडू लगाई। तस्वीरे खिचवाई। लेकिन टॉवरचौक पर अलग चतुराई नजर आई। यहां पर इन दिनों स्टेज बना हुआ है। इसलिए झाडू लगाकर, कचरा स्टेज के नीचे कर दिया। दोपहर 12 बजे यह तस्वीर उस वक्त खीची गई। जब आयुर्वेद के छात्र रैली निकालने एकत्रित हुए थे। अब स्वच्छता के नाम पर यह चतुराई किसने दिखाई। हमको पता नहीं है। इसलिए हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।