जांच में दोषी करार: प्रबंधक फरार ... !

जांच में दोषी करार: प्रबंधक फरार ... !

उज्जैन। किसान क्रेडिट कार्ड कांड में जांच पूरी हो गई है। कलेक्टर के समक्ष जांच रिपोर्ट भी पहुंच गई है। एसडीएम ग्रामीण ने अपनी जांच में गबन पाया है। इधर  सेवा सहकारी संस्था का प्रबंधक शिकायत के बाद से ही फरार है। यह घोटाला 3 से 4 करोड के बीच का हैअब इस मामले में प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।

प्रशासनिक संकुल के सूत्रों ने इशारा दिया है। केसीसी कांड की जांच एसडीएम ग्रामीण कृतिका भीमावद ने पूरी कर ली है। कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने 3 दिन में जांच पूरी करने के निर्देश दिये थे। 2 सदस्यीय जांच दल बनाया था। जिसमें उपायुक्त सहकारिता भी शामिल थे। 12 सितम्बर को आदेश निकला था। जिसमें 4 बिंदूओं में जांच करने के निर्देश थे।

इन बिंदूओं पर जांच ... 

कलेक्टर के निर्देश पर जिन 4 बिंदूओं पर जांच हुई। उसमें केसीसी ऋण किसानों को कम देने, स्वयं के द्वारा राशि निकालने, राशि जमा होने के बाद भी खाते में जमा नहीं कराने, और जितना ऋण किसान ने लिया उससे 3 से 4 गुना राशि निकालने के बिंदू शामिल थे।

4 करोड का घोटाला ...

संकुल के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है। सेवा सहकारिता संस्था लेकोडा के प्रबंधक ने 3 से 4 करोड का घोटाला किया है। उसने किसानों द्वारा जमा कराई गई राशि की रसीद तो दी। किन्तु राशि को किसानों के खाते में जमा नहीं किया। 2 मकानों के मालिक प्रबंधक निशीकांत चौहान, पिछले 30 साल से लेकोडा में पदस्थ है। उन पर किसान भरोसा करते थे। संस्था में करीब 625 किसान सदस्य है। जिसमें से करीब 300 किसानों के साथ धोखाधडी हुई है। इसके अलावा एक नियम की भी अनदेखी हुई है। प्रति बीघा 9 हजार का कर्ज किसान को दिया जाता है। कुछ किसानों की केवल 5 बीघा जमीन थी। मगर उनको 10 बीघा के मान से ऋण दे दिया गया। एसडीएम ग्रामीण ने एक दिन भरतपुरी कार्यालय में बैठकर यह जांच पूरी की है। करीब 50 किसान उस वक्त मौजूद थे। फरार प्रबंधक का सहायक भी जांच के दौरान मौजूद था। जांच में यह साबित हो गया है कि ... गबन हुआ है।

मिलीभगत ...

केसीसी कांड के बाद जिला सहकारी मुख्यालय भरतपुरी में चर्चा हैइस कांड में मुख्यालय के कुछ लोग भी शामिल है। जिनके संरक्षण में ही प्रबंधक ने इस कांड को अंजाम दिया है। मुख्यालय में चर्चा है। फरार प्रबंधक पोल खुलने के बाद राशि जमा कराने को तैयार है। किन्तु इसके बाद भी उसके खिलाफ शासकीय धन का दुरूपयोग करने की एफआईआर दर्ज होगी।