नवमतदाता सम्मेलन ने बढाई दक्षिण की 'चिंता'...!   

नवमतदाता सम्मेलन ने बढाई दक्षिण की 'चिंता'...!   

उज्जैन। दक्षिण विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी के लिए नवमतदाता सम्मेलन चिंता का विषय बन गये है। कारण ... सम्मेलन में दक्षिण के मतदाता कम, प्रदेश से उज्जैन में पढऩे आये छात्र ज्यादा नजर आ रहे है। तभी तो प्रत्याशी ने मंच से ही क्लास लेकर सच का पता लगा लिया। नतीजा भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गये है।

भाजपा ने रणनीति बनाई है। जो पहली बार वोट दे रहा है, उसके लिए। इसके लिए सम्मेलन हो रहे है। अभी तक महाराजवाडा, माधवनगर, केशवनगर और दीनदयाल मंडल के सम्मेलन हो चुके है। हर सम्मेलन में 300 से ज्यादा मतदाता नजर आये। इन सम्मेलनों की जिम्मेदारी भाजयुमो जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन की है। जल्दी ही ग्रामीण मंडल के सम्मेलन होगा। लेकिन सम्मेलन में मंच से ही भाजपा प्रत्याशी डॉ. मोहन यादव ने चंद सवाल करके इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़े कर दिये। ऐसा हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है। तभी तो भाजयुमो में यह चर्चा आम है कि ... नवमतदाता सम्मेलन ने बढाई दक्षिण की चिंता... !

देश-प्रदेश- उज्जैन ...

तीसरी दफा चुनाव लड रहे भाजपा प्रत्याशी डॉ. मोहन यादव भीड देखकर, आम नेता की तरह खुश नहीं होते है। बल्कि सच का पता लगाते है। जैसे उन्होंने माधव, केशव और दीनदयाल मंडल में पता लगाया। वो भी भाजयुमो जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन से अनुमति लेकर। उन्होंने सबसे पहले देश और प्रदेश से प्रेम करते हो, सवाल करके, सभी से हाथ खड़े करवाये। फिर धीरे से मुद्दे के सवाल पर नजर आये। उन्होंने उज्जैन में रहने वाले कितने युवा है, और दक्षिण विधानसभा के कितने युवा वोटर है? इनसे भी हाथ खड़े करवाये। सूत्र का कहना है कि इन तीनों सम्मेलनों का जोड़ अधिकतम 150 निकला है। अर्थात हर सम्मेलन में 50 से ज्यादा दक्षिण के मतदाता नहीं थे।

इसलिए चिंता ...

युवा मोर्चा की इस कार्यशैली से दक्षिण विधानसभा में चिंता हो रही है। क्योंकि जो मकसद था, युवा मतदाता को भाजपा से जोडऩा। उसमें युवा मोर्चा नाकाम साबित होता नजर आ रहा है। सम्मेलन में भीड उन छात्रों की ज्यादा है जो विभिन्न जिलो से यहां पढऩे आये है। होस्टल में रहते है। इनके पास टाइम होता है। मुफ्त में भोजन मिल रहा है। तो बुलावे पर आ जाते है। इनका दक्षिण विधानसभा से कोई लेना-देना नहीं है। 2 घंटे बैठक में शामिल होते है और भोजन करके निकल जाते है। यहीं वजह है कि ... भाजपा प्रत्याशी ने इन तीनों सम्मेलनों में इन सभी को यह शपथ दिलाई है कि ... वह सभी अपनी-अपनी विधानसभा में जाकर वोट जरूर डालेंगे।