तबादले की खबर आई, जनप्रतिनिधि और कर्मचारियों में खुशी छाई ...!
उज्जैन। ऐसा बहुत कम देखने और सुनने को मिलता है। जब किसी अधिकारी के तबादले पर खुशी की लहर देखने को मिले। मगर गुरूवार की दोपहर को यही हुआ। जिला पंचायत सीईओ और बडऩगर एसडीएम का तबादला कर दिया। नतीजा ... जिले के जनप्रतिनिधि और विभाग से जुड़े कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड गई। इन दोनों तबादले का सभी को इंतजार था।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री अंकिता धाकरे और बडऩगर एसडीएम आकाश सिंह के तबादले का सभी को इंतजार था। शासन से जैसे ही सूची जारी हुई। जनप्रतिनिधि और कर्मचारी एक-दूसरे को बधाई-बधाई देते नजर आये। इन दोनों अधिकारियों के प्रति जबरदस्त नाराजगी लंबे समय से देखी जा रही थी। जिसकी वजह इनकी कार्यशैली थी। तभी तो जिला पंचायत के गलियारो से लेकर बडऩगर एसडीएम कार्यालय तक खुशी की लहर देखने को मिली।
प्रश्न लगा दिया था ...
जिला पंचायत सीईओ अंकिता धाकरे का कार्यकाल 22 माह का रहा। इस दौरान उनकी कार्यशैली को लेकर समय-समय पर शिकायते हुई। प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा के समक्ष पिछले साल जिपं सदस्यो ने शिकायत दर्ज कराई थी। उस वक्त जिले के कलेक्टर आशीषसिंह थे। इसके बाद अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब उज्जैन आये थे। तब हेलीपेड पर जिला पंचायत के भाजपा सदस्यो ने एक स्वर में सीईओ को हटाने की मांग की थी। विदित रहे कि जिपं सीईओ की कार्यशैली को लेकर महिदपुर विधायक बहादुरसिंह चौहान ने विधानसभा में प्रश्न लगा दिया था।
बेचमेट सीईओ बने ...
इधर बडऩगर एसडीएम आकाश सिंह (आईएएस) का 10 महीने वाला कार्यकाल भी विवादो से घिरा रहा। वह पहले ऐसे एसडीएम है, जिन पर खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। जिसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल ने पत्र लिखकर, कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी थी। अवैध उत्खनन को लेकर एसडीएम बडऩगर में खूब चर्चित रहे है। उनका पूर्व विधायक मुकेश पंड्या से विवाद भी जगजाहिर हो गया था। नतीजा ... आखिरकार इन आरोपो के चलते गुरूवार को उनका तबादला कर दिया गया। ताज्जुब की बात यह है कि 2019 बेच के सभी आईएएस को जिला पंचायत सीईओ शासन ने बनाया है। मगर, आकाशसिंह अपवाद है। उनको उप सचिव बनाकर भोपाल बैठा दिया गया है।
निगाहे और अनुरोध ...
जिले की तहसील नागदा में गुरूवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान आये थे। प्रशासन हाई-अलर्ट पर था। हेलीपेड से लेकर मंच तक क्या-क्या हुआ। इसको लेकर चुप रहेंगे डॉट-कॉम के गोपनीय संवाददाता ने कुछ जानकारी दी। पढि़ए और आनंद लीजिए... ।
- हेलीपेड पर प्रशासन सभी नेताओं से लाईन में लगकर स्वागत करने का अनुरोध किया। मगर जनप्रतिनिधि व भाजपा नेता अनुरोध नहीं मानते है। इसलिए नेताओं की भीड अंदर घुस गई।
- रोड़-शो को लेकर जो रथ तैयार हुआ था। उसको देखकर सीएम ने कहा। इतना ऊंचा रथ। कोई छोटा रथ नहीं है। जनता से दूरी हो जायेगी। जवाब मिला... छोटा रथ लाने में अब टाईम लगेगा। मजबूरी में सीएम उसी रथ पर सवार हो गये।
- नपा अध्यक्ष का नाम रथ पर चढऩे वालो में नहीं था। जिसको लेकर उनके पतिदेव ने विवाद किया और नपा अध्यक्ष को रथ पर सवार कराया।
- विधायक बहादुरसिंह चौहान आज आक्रोश में नजर आये। कारण ... नागदा जिला बनने की घोषणा होनी थी। विधायक का तर्क था कि ... महिदपुर शामिल नहीं होगा। इसको लेकर उन्होंने कुछ भाजपा नेताओं के समक्ष आक्रोश जाहिर किया। शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री यह बोलकर गये कि ... जो तहसील स्वेच्छा से शामिल होगी, उसी को नागदा जिले में शामिल किया जायेगा।
- मंच पर सीएम से प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, सांसद अनिल फिरोजिया, भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह ने घोषणा से पहले आग्रह किया। नागदा जिले में उन्हेल तहसील को शामिल नहीं किया जाये।
- आमसभा के दौरान कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम बारीक नजर रखे हुए थे। मुख्यमंत्री का भाषण शुरू होने के 10 मिनिट बाद कुछ महिलाएं उठकर जाने लगी। तो कलेक्टर तत्काल ही एसडीएम नागदा आशुतोष गोस्वामी के पास पहुंच गये और स्थिति संभाली।