घर का चिराग बुझ गया..कोई तो मदद को आगे आए...!
उज्जैन।दिवाली के अगले दिन ग्रहण था।इसी दिन की यह दर्द विदारक घटना है।दोपहर 12 बजे बाद की।एक मासूम ने इस तरीके से बम फोड़ा।जिसके ब्लास्ट से स्टील का गिलास फट गया और मासूम के गले में घुस गया।नतीजा...मासूम की नादानी ,उसकी मौत का कारण बन गई।अब इस घर में उसी दिन से अंधेरा छाया है।परिजनों को सरकारी/गैर सरकारी मदद का इंतजार है।
24 खंबा मार्ग पर कहारवाड़ी मोहल्ला है।यही पर दुग्गड परिसर के पीछे की घटना है। जहां पर अशोक और लल्ला कहार का परिवार रहता हैं।11 साल का ऋतिक कहार घर का चिराग था।मासूम था,इसलिए पता नही था कि..रस्सी बम के ऊपर स्टील का गिलास रखना ,उसकी मौत का कारण बन सकता है।वैसे भी बच्चा था।कही से बम मिल गया।तो चुपचाप गिलास उठा लिया। बाहर आकर,बम जलाया और उस पर गिलास रख दिया।उसके बाद 2 सेकेंड में ब्लास्ट हुआ,और स्टील का टुकड़ा उसके गले में घुस गया। अपने बच्चे का यह हाल देखकर पिता अशोक और चाचा लल्ला कहार और सभी परिजन घबरा गए।कुछ देर तो समझ ही नही आया।फिर समझे तो ऋतिक के गले में रूमाल बांधा।सिविल अस्पताल लेकर गए। जहां जवाब मिला कि...देर कर दी।फिर निजी अस्पताल लेकर गए।सभी जगह यही जवाब मिला...देर कर दी! जिसके बाद परिजनों ने दाह संस्कार कर दिया।
गुहार...
जिस कहार परिवार का चिराग,नादानी के चलते बुझ गया।यह परिवार असली गरीब है।किराए के झोपड़े में रहता हैं।पिता अशोक कहार गोताखोर है।रामघाट पर जो भक्तगण चिल्लर ,नदी में प्रवाहित करते है।उसी को गोता मारकर निकालते हैं।नदी का कचरा भी निकाल देते है।इसी से जीवन यापन होता है। आमदानी का कोई पक्का ठिकाना नहीं है।इस परिवार को वाकई आर्थिक मदद की जरूरत है।जिला प्रशासन या हमारे करोड़पति जनप्रतिनिधि, अगर थोड़ी संवेदना दिखाए।तो अशोक कहार के फोन नंबर 77240..11264 या चाचा लल्ला कहार 78030..99703 पर बात कर सकते है।किसी के घर का चिराग बुझ गया है,उसको तो अब वापस नही ला सकते है,लेकिन परिजनों की मदद तो कर ही सकते है। अपनी जेब से न सही,सरकारी मदद तो दिलवा ही सकते है।