होटल का मामला ’अदालत’ तक पहुंचा...!

होटल का मामला ’अदालत’ तक पहुंचा...!

उज्जैन।तो आखिरकार संकुल के गलियारों में चल रही चर्चा सही साबित हुई।हरित क्षेत्र में बनी होटल तोड़ने का मामला अदालत तक पहुंच गया है।मेसर्स बालाजी के आवेदन पर माननीय न्यायालय ने आगामी आदेश तक किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है

माननीय नवम व्यवहार न्यायाधीश वीरेंद्र जोशी के समक्ष 22 सितम्बर को एक आवेदन पेश किया गया। धारा 151 सीपीसी में।जिसमे मेसर्स बालाजी ने निवेदन किया था।उनकी संपत्ति को अवैधानिक रूप से तोड़ा जा रहा है।नतीजा..माननीय न्यायालय ने आदेश दिया कि निर्माण अनुमति व स्वीकृत मानचित्र की संपति में आगामी पेशी तक किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ ना तो स्वयं करें ना किसी से कराएं।

न्यायालय ने यह भी अपने आदेश में लिखा है कि..स्वीकृत मानचित्र व निर्माण अनुमति के अलावा कोई अवैध निर्माण पाया जाता है तो उसे विधि अनुसार तोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।इस मामले मे आज पेशी नियत की गई है।

यह है मामला

सबको पता है कि 21 सितम्बर को नगर पालिका निगम ने बुलडोजर चलाया था।नदी किनारे बने होटल सोलेटियर के पिछले हिस्से में। बाउंड्री वॉल तोड़ दी थी।जो कि नदी किनारे बनी थी।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर यह कार्यवाही हुई थी।इसके पहले 16 अगस्त को नपती हुई थी।कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की मौजूदगी में।इस नपती में यह साबित हुआ था कि होटल 200 मीटर की परिधि में निर्मित है।ऐसा सूत्रों का कहना है।जिसके बाद नगर निगम ने बुलडोजर चलाया और अब यह मामला अदालत तक पहुंच गया है।