टॉयलेट ब्लॉक यहां बनाओंगे: तो शिखर-दर्शन कैसे करवाओंगे ...!
उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी के भक्तगण यह बोलते है। शिखर दर्शनम- पाप नाशनम...। अर्थात मंदिर के शिखर दर्शन करने से पाप नष्ट होते है। शहर के अधिकांश भक्तगण देर रात को शिखर दर्शन करके अपने-अपने घर जाते है। इस तथ्य से प्रदेश के मुख्यमंत्री भी वाकिफ है। खुद उन्होंने भी कई दफा शिखर दर्शन किये है। तभी तो उन्होंने बुधवार को निरीक्षण के दौरान यह कह दिया। टॉयलेट ब्लॉक यहां बनाओंगे: तो शिखर-दर्शन कैसे करवाओंगे ...!
ऊपर लगी तस्वीर को गौर से देखिए। हर तस्वीर कुछ बोलती है। यह तस्वीर भी बोल रही है। तस्वीर उस पल की है, जब मुख्यमंत्री डॉ. यादव को मंदिर प्रशासक संदीप सोनी यह बता रहे थे। सर ... यहां पर बड़ा टॉयलेट ब्लॉक बना रहे है। जिसे सुनकर मंदिर की हर व्यवस्था और प्रोजेक्ट से वाकिफ मुख्यमंत्री ने पलटकर सवाल कर लिया।
फिर कैसे ...
जिले में पदस्थ नौकरशाही को यह समझना होगा। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव है। यह उनका गृहनगर है। वह यहां की हर व्यवस्था और प्रोजेक्ट से वाकिफ है। मीडिया उनको इसीलिए विकास पुरूष के नाम से पुकारती है। मगर नौकरशाह इस बात को समझ नहीं पा रहे है। संभवत: उनको लगता है। जैसे पूर्व मुख्यमंत्री को कुछ भी जवाब देकर संतुष्ट कर देते थे। वैसे ही अब काम चल जायेंगा। लेकिन यह नौकरशाही की गलतफहमी है। तभी तो मुख्यमंत्री ने टॉयलेट ब्लॉक का सुनकर सवाल किया। फिर शिखर दर्शन कैसे होंगे? मुख्यमंत्री यह भी बोलने पर मजबूर हो गये। जहां तक मुझे पता है। यहां पर दुकानें थी। जिनको तोड़ा गया। इसलिए कि शिखर दर्शन आसानी से सुलभ हो सके। मुख्यमंत्री के इस सवाल ने मंदिर प्रशासक को निरूत्तर कर दिया।
मनमानी ....
इधर मंदिर के गलियारों में चर्चा है। पिछले कई दिनों से मंदिर समिति द्वारा मनमानी करके निर्णय लिये जा रहे है। कहीं पर भी कुछ भी निर्माण कार्य किया जा रहा है। मनमाफिक योजनाएं बनाई जा रही है। यह टॉयलेट ब्लॉक बनाने का निर्णय भी मनमर्जी का उदाहरण है। तभी तो मुख्यमंत्री ने केवल एक सवाल पूछकर इस पर पूर्ण विराम लगा दिया है।