विधायक-महापौर देरी से आये: कलेक्टर- एसपी जल्दी गये ...!
हम भी वहां मौजूद थे: जो देखा-वही लिखा...
उज्जैन। आज वैदिक घड़ी का शुभारंभ हुआ। जंतर-मंतर वेधशाला में। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका वर्चुअली उद्घाटन किया। प्रदेश की राजधानी से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इसमें शामिल थे। जिनका पहले उद्बोधन हुआ। उसके बाद प्रधानमंत्री का। उस दौरान हम भी वहां मौजूद थे। जहां यह नजारा देखा। कार्यक्रम की शुरूआत के बाद विधायक और महापौर पहुंचे। जबकि प्रधानमंत्री के उद्बोधन के दौरान अचानक ही कलेक्टर व एसपी निकल गये।
ऊपर लगी तस्वीर देखिए। जो कि वैदिक घड़ी की है। इसी का आज जंतर-मंतर वेधशाला में शुभारंभ हुआ। नगर पालिका निगम ने इसको स्थापित करवाया है। इस वैदिक घड़ी को बनाने में आरोह श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिन्होंने इसका सपना देखा था। जो आज जाकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयास से साकार हुआ है। जिसके लिए आरोह श्रीवास्तव को, बधाई नहीं देना, उनके साथ नाइंसाफी होगी। इस युवा ने वह काम कर दिखाया है। जो कि हमारी पुरातन-धार्मिक संस्कृति का परिचायक है। तभी तो खुद देश के प्रधानमंत्री ने इसका शुभारंभ किया है।
देरी से आये ...
वैदिक घड़ी- जिसका टाइम-टेबल सूर्योदय से जुड़ा है। उसका शुभारंभ कार्यक्रम गुरूवार की दोपहर साढ़े 3 बजे का था। इस कार्यक्रम को लेकर नगर निगम को पहले से ही अंदाजा था। भाजपा नेताओं की ज्यादा भीड नहीं जुटने वाली है। शायद इसीलिए विकसित भारत कार्यक्रम से जुड़ी योजनाओं को लेकर तैयारी की गई थी। नतीजा ... सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए भीड जुट गई। (देखे तस्वीर) योजनाओं का लाभ लेने के लिए अल्पसंख्यक वर्ग समय से पहले ही मौजूद था। मगर खुद उत्तर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा व महापौर मुकेश टटवाल 4 बजे के करीब पहुंचे। कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही।
अचानक चल दिये ...
इस कार्यक्रम में संभागायुक्त संजय गोयल, कलेक्टर नीरजसिंह भी मौजूद थे। एसपी प्रमोद शर्मा मंच के पीछे रहकर व्यवस्था संभाल रहे थे। प्रधानमंत्री का उद्बोधन चल रहा था। अचानक ही कलेक्टर कार्यक्रम से उठकर चल दिये। इस बात की खबर मंच के पीछे मौजूद एसपी प्रदीप शर्मा तक भी पहुंची। उनके पीछे 1 मिनिट के अंतराल बाद ही एसपी भी निकल गये।
गिर जायेगा ...
प्रधानमंत्री के हाथों सभी योजनाओं के अंतर्गत होने वाले विकास कार्यो का वर्चुअल लोकार्पण हो गया था। कार्यक्रम खत्म हो चुका था। इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लोकार्पण की रस्म-अदायगी निभाई। सभी ने मिलकर शिलान्यास पत्थर पर लगा मखमली पर्दा खीचा। इस दौरान धक्का-मुक्की हो गई। सुरक्षागार्ड ने भाजपा कार्यकर्ता को धक्का देने से रोका। इस दौरान संभागायुक्त यह कहने पर मजबूर हो गये। धक्का मत दो ... पत्थर गिर जायेगा।