6 मार्च 2023 (हम चुप रहेंगे)
एक हुनर है चुप रहने का, एक ऐब है कह देने का !
ऐसा भी होता है ...
बहुत कम ऐसा सुनने में आता है। जब बॉस कहे, 2 कर्मचारियों के नाम बताओं। मुझे उनको आज निलंबित करना है। लेकिन, विभाग प्रभारी सीधे बोल दे। मुझे निलंबित कर दो। मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। यह घटना लगभग 1 महीने पुरानी बताई जा रही है। जो इन दिनों शिवाजी भवन में दबी जुबान से सुनाई जा रही है। जिसमें इशारा अपने अनफिट जी की तरफ है। जिन्होंने बगीचा प्रभारी को ऊपर लिखी बाते कही थी। अपने अनफिट जी उस दिन पूरी तरह मूड में थे। 2 लोगों को निलंबित करने की उन्होंने ठान रखी थी। लेकिन अपनी बगीचा प्रभारी की तारीफ करनी होगी। उन्होंने नाम नहीं बताये और खुद निलंबित होने को तैयार थी। ऐसे में बगीचा प्रभारी को सेल्यूट करते हुए, हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
वीडियों ...
कमलप्रेमियों में इन दिनों एक वीडियों की चर्चा है। वीडियों एक युवा कमलप्रेमी का है। जिन्हें अभी-अभी पद भी मिला है। इस वीडियों में युवा कमलप्रेमी वॉटसअप वीडियों कॉल पर अपने घर में मौजूद है। रात का समय है। बनियान पहन रखी है। सामने वीडियों कॉल पर एक महिला है। जो कि पहले हाथों के इशारे से चुम्बन दे रही है। उसके बाद का वीडियों, बिलकुल अपने फक्कड बाबा की स्टाइल वाला है। ऐसा इन दिनों युवा कमलप्रेमी बोल रहे है। अब सच और झूठ का फैसला खुद युवा कमलप्रेमी कर ले। क्योंकि हमको तो अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।
अप-डाउन ...
भले ही जिले के मुखियां ने निर्देश दे रखे है। कोई भी अधिकारी अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। जो जहां पदस्थ है, उसी तहसील में रूकेगा। मगर, अपने चुगलखोर जी इसके विपरीत काम कर रहे है। वह दिन में तो मुख्यालय पर मौजूद रहते है। लेकिन शाम होते ही जिला मुख्यालय आ जाते है। हालांकि अपने चुगलखोर जी को तहसील मुख्यालय पर मकान आवंटित हो चुका है। फिर भी वह अप-डाउन कर रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
बीपी ...
अपने नये मुखिया जी बेहद कडक है। इतने कडक कि ... अपने इंदौरीलाल जी का बीपी बढ गया है। मंदिर के गलियारों में तो यही चर्चा है। बीपी 200 से ऊपर जा रहा है। इसके बाद भी अपने इंदौरीलाल जी काम कर रहे है। इसके पीछे क्या कारण है। तो मंदिर के गलियारों में इशारा अपने नये मुखिया की तरफ है। जिनकी कडक शैली ने अपने इंदौरीलाल जी को मजबूर कर रखा है। वरना, अपने उम्मीद जी के समय तो ... शाम होते ही इंदौरीलाल जी चुपचाप निकल जाते थे। बहरहाल ...बीपी को लेकर हमारी हमदर्दी है। देखना यह है कि अपने नये मुखिया जी कितनी हमदर्दी दिखाते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
नाराज ...
अपने विकास पुरूष नाराज है। जिसको लेकर उन्होंने खुलकर आपत्ति भी दर्ज कराई। घटना शिवरात्रि पर्व की बताई जा रही है। इस दिन एक आईपीएस अधिकारी सहित अपने मामाजी ने भी अंदर जाकर दर्शन किये थे। और तो और अपने उदासीन बाबा भी, मक्खन बाबा की आड में अंदर घुस गये थे। पूजा करी थी। लेकिन अपने विकास पुरूष को नियमों की दुहाई दी गई। जिसके चलते विकास पुरूष यह कहने में नहीं चुके। ऊपर और नीचे, दोनों को दर्शन ... हम बीच वाले को नियमों की दुहाई। ऐसी चर्चा मंदिर के गलियारों में सुनाई दे रही है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
सख्ती ...
ऐसा पहले कभी नहीं सुना। मगर मंदिर के गलियारों में चर्चा है। भस्म-आरती- प्रोटोकॉल व्यवस्था को लेकर सख्ती हो गई है। नये मुखिया के सख्त निर्देश है। प्रोटोकॉल से जिन-जिन की अनुमति बनती है। उसकी सूची अगले दिन उनकी टेबल पर प्रस्तुत की जाये। किस विभाग ने ... कितनी अनुमति करवाई। इस पर जिले के मुखिया की पूरी नजर है। जो विभाग ... रोज-रोज अनुमति करवा रहें है। उन पर भी सख्ती की जा रही है। पिछले दिनों आय पर टैक्स वसूलने वाले विभाग ने हर रोज अनुमति करवाई। लिस्ट देखकर अपने नये मुखिया ने तत्काल रोक लगा दी। हालांकि बाद में रोक हटा भी दी गई। अब देखना यह है कि ... यह सख्ती कब तक लागू रहती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
डिमांड ...
अगले महीने एक भव्य कथा का आयोजन होने वाला है। अब यह तो बताने की जरूरत नहीं है। जितनी बड़ी कथा- उतना बड़ा खर्च। जिसके लिए कोई अपनी जेब में तो हाथ डालने से रहा। इसके लिए चंदा होगा या फिर सरकारी खर्च। शहर के प्रथम सेवक कुछ ऐसा ही करने जा रहे है। कथा उनकी होने जा रही है। जिनके आश्रम में पिछले दिनों भगदड़ मची थी। राजधानी जाते वक्त उनका आश्रम आता है। इनको न्यौता देने अपने प्रथम सेवक और भांग प्रेमी नगरसेवक गये थे। सबकुछ फाइनल हो गया। कथावाचक भी दौरा कर गये। जिसके बाद शिवाजी भवन के गलियारों में चर्चा है। 70 पेटी का खर्च आ रहा है। जिसके लिए ठेकेदारों से बात हुई। उनको लालच दिया गया। बकाया भुगतान करवा देंगे। इसका खर्चा तुम उठा लो। ठेकेदारों का भुगतान करीब 70 खोखे का है। इस मामले को लेकर प्रथम सेवक से भी ठेकेदारों ने बात की थी। उनको बताया था। 70 पेटी की डिमांड की जा रही है। तो प्रथम सेवक ने ... मुंह पर ना ... दिल में हॉ... की तर्ज पर इंकार कर दिया था। अब नई ठेकेदार लाबी से हामी करवा ली है। ऐसी चर्चा शिवाजी भवन के गलियारों में सुनाई दे रही है। देखना यह है कि ... 70 पेटी आखिर कौन-कौन ठेकेदार मिलकर देते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
नही करना खाली ...
शासकीय नियम तो यही कहता है। तबादला हो जाये तो जितनी जल्दी हो सके, मकान खाली कर देना चाहिये। अपने उम्मीद जी ने इस नियम का पालन किया। बंगला खाली करके जा चुके है। लेकिन संकुल में पदस्थ एक तहसीलदार इस नियम को ठेंगे पर मारते है। तभी तो वह बदबूवाले शहर से शासकीय मकान खाली नहीं कर रहे है। यह oही तहसीलदार है, जिनको हटाने के लिए ग्राम देवताओं ने आंदोलन किया था। तब अपने उम्मीद जी ने इनको संकुल में पदस्थ कर दिया। वर्तमान में सरकारी विश्राम गृह में डेरा डालकर बैठे है। भोजन का भुगतान भी करने से इंकार करते है। तो फिर शासकीय मकान कैसे खाली कर देंगे। ऐसी चर्चा बदबू वाले शहर में राजस्व कर्मचारी कर रहे है। जिसमें हम क्या कर सकते है। बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते है।
सोमरस ...
चुनाव और सोमरस का चोली-दामन का साथ है। चुनाव होंगे तो सोमरस की पार्टी भी होगी। शहर के प्रतिष्ठित क्लब में इन दिनों यह पार्टी हर रोज दी जा रही है। इस क्लब के अध्यक्ष अपने 7 जिलो के मुखिया है। इसी महीने चुनाव होना है। शहर के 2 व्यापारी आमने-सामने है। एक मीठे के व्यापारी है तो दूसरे मीठी सुपारी के। दोनों ही साम-दाम-दंड-भेद से कुर्सी चाहते है। इसीलिए तो हर रोज सोमरस की पार्टी दे रहे है। पीने वाले मजा ले रहे है। अब देखना यह है कि ... किसकी सुरा मतदाताओं पर ज्यादा असर करती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।
मेरी पसंद ...
मेरा पैगाम भला तेग (तलवार) कहां रोकेगी।
हाकिम- ए-वक्त को बतलाओं कलमकार हूं मैं।
वकार खान
मंदिर प्रशासक के साथ अभद्रता : थाने में आवेदन दिया... !
उज्जैन। भात-पूजा के नाम पर जजिया-कर- वसूली का विरोध करना मंदिर प्रशासक को भारी पड़ गया। सीधे-सहज-सरल-स्वभाव वाले प्रशासक के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। घटना रविवार दोपहर की है। अभद्रता करने वाले भाजपा नेता व मंदिर के मंहत है। जिनके खिलाफ प्रशासक ने चिमनगंज मंडी थाने में आवेदन दिया है।
मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक के.के. पाठक को नियम का पालन करवाना भारी पड गया। अभी 3 दिन पहले ही एसडीएम डॉ. कल्याणी पांडे ने बैठक ली थी। जिसमें निर्देश दिये थे। भात-पूजा के नाम पर 100-100 रूपये की अतिरिक्त वसूली बंद होनी चाहिये। मंदिर में इस पूजा के नाम पर, हर भक्त से, थाली में 100-100 रूपये की वसूली लंबे समय से की जा रही है। सूत्र का कहना है कि ... प्रतिदिन 1 हजार के करीब भात-पूजा होती है। भक्तों से 1 लाख की अवैध वसूली होती है। जिसे जजिया-कर-मंदिर वाले दबी जुबान से बोलते है। इस वसूली पर रोक लगाने की आज प्रशासक द्वारा कोशिश की गई। नतीजा ... ना केवल उनको देख लेने की धमकी दी गई, बल्कि अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गया।
जान का खतरा ...
कलेक्टर के निज सचिव रह चुके सेवानिवृत्त मंदिर प्रशासक के.के. पाठक बहुत ज्यादा भयभीत है। क्योंकि उनके साथ अभद्रता करने वाले भाजपा नेता राजेन्द्र भारती और उनके सुपुत्र अक्षय भारती है। दोनों ने उनको देख लेने की धमकी दी है। थाना चिमनगंज मंडी में फरियादी श्री पाठक ने जो आवेदन दिया है। उसमें उन्होंने ... अपनी जान के खतरे का भी उल्लेख किया है। फिलहाल मामला जांच के नाम पर लंबित है।
इनका कहना है ...
इस घटना को लेकर एसडीएम कल्याणी पांडे से जानकारी मांगी गई। तो उन्होंने बताया कि ... थाना चिमनगंज में शिकायत दर्ज कराई गई है। थाना प्रभारी जांच के बाद एफआईआर दर्ज करेंगे