फटाके तो पुरस्कार के थे, मगर फूटे 'तबादले' पर ...!

खरी-खरी ...

फटाके तो पुरस्कार के थे, मगर फूटे 'तबादले' पर ...!

उज्जैन। तो आखिरकार मुख्यमंत्री ने वह सख्त कदम उठा ही लिया। जिसका इंतजार नगर निगम के कर्मचारी लंबे समय से कर रहे थे। शासन को पूरे 100 दिन लगे। निगम आयुक्त का तबादला करने में। तभी तो नगर निगम के गलियारों में आज  यह चर्चा रही कि ... जो फटाके पुरस्कार की खुशी में फोड़े जाने थे। वह तबादले का आदेश आते ही फोड दिये गये। ढोल बज गये... और नगर निगम में दीवाली 21 दिन पहले ही मना ली गई।  

नगर निगम के गलियारों में जिस खुशी के पल का इंतजार था। वह आखिरकार आज 6 अक्टूबर को आ गया। जैसे ही आयुक्त अंशुल गुप्ता का तबादला आदेश आया। निगम प्रांगण में दीवाली का माहौल नजर आया। फटाके फोड़े गये और ढोल भी बज गये। हालांकि मातहतों ने इस खुशी के मौके पर सार्वजनिक रूप से डांस नहीं किया। लेकिन सभी के दिलों में यह विचार जरूर आया कि ... काश वह डांस कर पाते। मातहतों की इस खुशी को शब्दों में बयां करना चुप रहेंगे डॉट -कॉम के लिए असंभव है। तभी तो निगम के गलियारों में हर कोई यह बोलता नजर आया कि ... फटाके  तो पुरस्कार की खुशी के लिए मंगवाये थे... मगर फूटे तबादले पर... ! (देखे वीडियों)

100 दिन बाद ...

गुरूवार को जैसे ही आयुक्त का तबादला आदेश आया। नगर निगम में जश्न के साथ ही यह चर्चा शुरू हो गई। चाय-समोसे के साथ मातहतों में यह चर्चा आम थी कि ... आखिरकार 100 दिन बाद ही सही, मगर बाबा महाकाल ने प्रार्थना सुन ली। इसके पीछे कारण 29 मई को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का मंच से पूछा गया सवाल था। नवीन प्रशासनिक संकुल के लोकार्पण का मौका था। तब मुख्यमंत्री ने मंच से सार्वजनिक पूछ लिया था। कहां है अंशुल... बताकर गये... या बगैर बताये। तभी से निगम में यह चर्चा थी कि ... आयुक्त की रवानगी जल्दी ही होगी। 100 दिन होते-होते आयुक्त का तबादला हो ही गया। जिसकी खुशी में कर्मचारियों ने प्रवेश द्वार पर फटाके फोड दिये।

इसलिए तबादला ...

आयुक्त के तबादले के पीछे 2 मुख्य कारण है। पहला उनकी विवादित कार्यप्रणाली। अपने ही मातहतों को परेशान करने में उनका नाम खूब उछला। दूसरा कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा को लेकर संजीदा नहीं होना। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि ... उन्होंने पीएम की प्रस्तावित यात्रा की जानकारी होने के बाद भी 10 दिन के अवकाश का आवेदन सामान्य प्रशासन विभाग में कर दिया था। उनकी मंशा विदेश जाने की थी। जिसको शासन ने अमान्य कर दिया था। इसके बाद भी प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर निगमायुक्त संजीदा नहीं थे। नतीजा मुख्यमंत्री ने गुरूवार को उनका तबादला कर दिया। विदित रहे कि ... नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने बुधवार को उनकी कार्यशैली के चलते  मंच से ही सवाल उठाया था। इसके एक दिन पहले प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन मनीषसिंह (इंदौर वाले नहीं) का आगमन हुआ था। उन्होंने भी नाराजगी दिखाई थी। बुधवार को मुख्यमंत्री उज्जैन आये थे। उनको पूरी रिपोर्ट मिली। जिसका नतीजा आज तबादले के रूप में सामने आया।

जिम्मेदारी ...

नगर निगम उज्जैन के इतिहास  में यह दूसरी बार हो रहा है। जब उज्जैन के कामों को पूरा करने के लिए इंदौर से टीम बुलानी पड रही है। सिहंस्थ 2016 में ऐसा  अवसर आया था। अब एक बार फिर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता की कार्यशैली के चलते इंदौरी टीम को बुलाया गया है। सूत्रों का कहना है कि ... प्रधानमंत्री की यात्रा के पहले सभी कार्य पूरे हो जाये... इसीलिए नगरीय प्रशासन मंत्री ने इंदौरी टीम को उज्जैन बुला लिया है।